सेक्स लाइफ से जुड़ी ऐसी बहुत सी बातें हैं, जिनसे आज भी ज़्यादातर महिलाएं अनभिज्ञ हैं. सेक्स लाइफ से जुड़ा ऐसा एक पहलू है ऑर्गैज़्म. ऑर्गैज़्म क्या है, क्यों सभी को महसूस नहीं होता और क्या हैं इसके हेल्थ बेनीफिट्स आइए
जानते हैं क्या है ऑर्गैज़्म?
सेक्सुअल एक्टिविटी के दौरान मिलनेवाली ख़ुशी को ऑर्गैज़्म या चरमसुख कहते हैं. वहीं कुछ लोग इसे क्लाइमेक्स भी कहते हैं. इसके नाम कई हैं, पर अर्थ सबका एक ही है. सेक्स के दौरान शरीर की मसल्स टाइट हो जाती हैं, जबकि ऑर्गैज़्म की फीलिंग आते ही वो सभी रिलैक्स हो जाती हैं, जिसके कारण महिला व पुरुष दोनों को ही एक आंतरिक ख़ुशी का अनुभव होता है.
क्या होता है ऑर्गैज़्म के दौरान?
ऑर्गैज़्म के दौरान आमतौर पर शरीर के प्राइवेट पार्ट्स में रक्तसंचार बढ़ जाता है, जिसके कारण वो सेंसिटिव हो जाते हैं. साथ ही दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं और सांस की प्रक्रिया भी बदल जाती है. इन सब के कारण महिलाओं को एक अलग ही प्रकार की ख़ुशी मिलती है, जिसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती.
क्यों ज़्यादातर महिलाएं रह जाती हैं इससे वंचित ?
स्टडीज़ में यह पता चला है कि ज़्यादातर महिलाएं ऑर्गैज़्म के लिए मास्टरबेशन का सहारा लेती हैं, क्योंकि 50% महिलाएं को सेक्सुअल इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गैज़्म का अनुभव मिलता ही नहीं. स्टडी में यह भी पता चला है कि ऐसी भी बहुत सी महिलाएं हैं, जिन्हें कभी ऑर्गैज़्म मिला ही नहीं. आइए जानते हैं क्या हैं इसके कारण?
- सेक्सुअल रिलेशन के दौरान होनेवाला दर्द इसका एक बड़ा कारण है, जो महिलाओं को ऑर्गैज़्म से वंचित रखता है.
- कामोत्तेजना या सेक्सुअल डिज़ायर की कमी भी अहम कारण है.
- हार्मोंस के असुंतलन के कारण भी महिलाओं में कामोत्तेजना की भावना नहीं आती, जिसके कारण उसे ऑर्गैज़्म नहीं मिल पाता.
- आमतौर पर लुब्रिकेशन की कमी भी इसका एक बड़ा कारण है.
- इसके अलावा कुछ ऐसी महिलाओं भी है, जिन्हें सेक्स के दौरान उत्तेजना महसूस ही नहीं होती.
- शादीशुदा ज़िंदगी में चल रही उथल-पुथल भी ऑर्गैज़्म को प्रभावित करती है.
- इसके अलावा स्ट्रेस और एंज़ायटी भी इससे वंचित रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं.
- जो महिलाएं नियमित रूप से दवाइयों का सेवन करती हैं, उनकी कामोत्तेजना भी प्रभावित होती है.
- वर्किंग महिलाओं के लिए समय की कमी एक बहुत बड़े फैक्टर के रूप में निकलकर सामने आ रहा है.
- जो महिलाएं अपने शरीर की बनावट को लेकर असमंजस में रहती हैं, वो भी इससे वंचित रह जाती हैं.
किन स्थितियों में ऑर्गैज़्म जल्दी मिलता है?
वैसे तो ऑर्गैज़्म पाने का कोई शॉर्ट कट नहीं है, फिर भी ऑर्गैज़्म पाने में कुछ बातें आपकी मदद कर सकती हैं. इन बातों को अपनाकर आप भी अपनी सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बना सकती हैं.
- सेक्सुअल रिलेशन से पहले फोरप्ले सेक्स को और बेहतर बना देता है. ख़ासतौर से महिलाओं को फोरप्ले पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि महिलाओं को उत्तेजित महसूस करने में ये मदद करते हैं.
- सेक्सुअल रिलेशन जितना लॉन्ग लास्टिंग होगा, ऑर्गैज़्म मिलने की संभावना ज़्यादा होती है.
- बेहतर सेक्सुअल एक्सपीरियंस के लिए पति-पत्नी का रिश्ता बहुत मायने रखता है, इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप दोनों की केमिस्ट्री बहुत अच्छी हो.
- जिन महिलाओं की सेक्सुअल फैंटेसी बेड में पूरी होती है, उन्हें ऑर्गैज़्म का अनुभव जल्दी होता है.
- सेक्स के दौरान भी प्यारभरी, सेक्सी और नॉटी बातों से महिलाओं की उत्तेजना बढ़ती है, जिसके कारण उन्हें ऑर्गैज़्म जल्द मिलता है.
- जिन महिलाओं को पारंपरिक मिशनरी पोज़िशन में ऑर्गैज़्म नहीं मिलता, उन्हें टॉप पोज़िशन ट्राई करना चाहिए.
- पति पत्नी को सिर्फ़ बेड पर ही नहीं, बल्कि दिनभर लव मैसेजेस और रोमांटिक और नॉटी मैसेजेस भेजने चाहिए, इससे दोनों में ही ख़ुशी और एक्साइटमेंट बना रहता है.
समझें ऑर्गैज़्म से जुड़ी इन भ्रांतियों को
आज सेक्स और ऑर्गैज़्म को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं. हमारे देश में ऐसी बहुत-सी महिलाएं हैं, जो आज भी सेक्स और ऑर्गैज़्म से जुड़ी कई ग़लतफ़हमियों को सच मानती हैं. यही वजह से अपनी की भ्रांतियों में उलझी रहने के कारण ये महिलाएं ऑर्गैज़्म का अनुभव नहीं कर पातीं. आइए जानें क्या हैं वो ग़लतफ़हमियां.
1. ऑर्गैज़्म महसूस करने के लिए प्यार में होना ज़रूरी है.
ऑर्गैज़्म एक बायोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल एक्सपीरियंस है, इसलिए ऑर्गैज़्म महसूस करने के लिए जहां कुछ महिलाओं का प्यार में होना ज़रूरी है, तो वहीं कुछ के लिए यह ज़रूरी नहीं. हर महिला की सेक्सुअल डिज़ायर अलग-अलग होती है, इसलिए यह बिल्कुल सच नहीं है कि ऑर्गैज़्म के लिए उस व्यक्ति से प्यार में होना ज़रूरी है.
2. महिलाओं को वेजाइनल ऑर्गैज़्म नहीं हो सकता.
यह तो सभी जानते हैं कि वेजाइनल ऑर्गैज़्म के मुकाबले क्लीटोरल ऑर्गैज़्म जल्दी मिलता है, पर ऐसा नहीं है कि वेजाइनल ऑर्गैज़्म मिलता ही नहीं. बहुत-सी महिलाएं वेजाइनल ऑर्गैज़्म महसूस करती हैं, पर हर किसी का अनुभव अलग होता है.
3 . जिन महिलाओं को साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स होती हैं, उन्हें ऑर्गैज़्म नहीं मिलता.
जैसा कि पहले भी बताया गया है कि ऑर्गैज़्म एक फिज़िकल और साइकोलॉजिकल प्रतिक्रिया है. जहां हेल्थ प्रॉब्लम्स के साथ साथ साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स भी आपकी सेक्स लाइफ को प्रभावित करती हैं. अगर महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां ले रही हैं, तो भी उनका प्रभाव उनके ऑर्गैज़्म पर पड़ता है, इसलिए यह महज़ एक ग़लतफ़हमी है कि जिन महिलाओं को साइकोलॉजिकल प्रॉब्लम्स हैं उन्हें ऑर्गैज़्म नहीं मिलता.
4. वेजाइनल ऑर्गैज़्म सबसे हेल्दी होता है.
अभी तक ऐसी कोई स्टडी नहीं आई है, जिसमें इस बात की पुष्टि की गई हो. ऑर्गैज़्म के अपने हेल्थ बेनीफिट्स होते हैं, चाहे वो किसी भी तरह हो. महिलाओं में चार तरह के ऑर्गैज़्म होते हैं- फैंटेसी ऑर्गैज़्म, क्लीटोरल ऑर्गैज़्म, जी स्पॉट ऑर्गैज़्म और वेजाइनल ऑर्गैज़्म.
5. ऑर्गैज़्म के हैं कई हेल्थ बेनीफिट्स
- ऑर्गैज़्म के कारण महिलाओं के प्राइवेट पार्ट्स में रक्तसंचार बेहतर होता है, जिससे पीरियड्स नियमित रहते हैं. जो महिलाएं हफ़्ते में एक बार सेक्स करती हैं उनके पीरियड्स अनियमित
नहीं होते.
- इससे महिलाओं की फर्टिलिटी बढ़ती है. दरअसल यह हाइपोथैलमस ग्लैंड को उत्तेजित करता है, जिससे शरीर में रिप्रोडक्टिव हार्मोन्स का संचार बेहतर होता है और यह ओव्यूलेशन और सर्वाइकल फ्लूइड में मदद करता है.
- शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा को संतुलित बनाये रखता है, जिससे महिलाओं में ऑस्टिओपोरोसिस और हृदय रोग का ख़तरा कम हो जाता है.
- यह शरीर से स्ट्रेस हार्मोंस को निकालकर हैप्पी हार्मोंस को बढ़ाता है.
- स्टडी में यह साबित हुआ है कि ऑर्गैज़्म महसूस करनेवाली महिलाएं 10 साल यंग दिखती हैं यानी यह एक एंटी एजिंग की भी तरह काम करता है.
- यह शरीर में इंफेक्शन से लड़नेवाले सेल्स की संख्या को 20% तक बढ़ा देता है, जिससे महिलाओं को सर्दी-ज़ुकाम की समस्या काम होती है.
-यह माइग्रेन के अलावा कई और तरह के दर्द में भी राहत दिलाता है.