Kids Story: अमरूद किसका? (Amrood Kiska?)
कुछ बच्चे पार्क में खेल रहे थे. उनमें से दो दोस्त भी थे. खेलते-खेलते उन्हें दूर एक अमरूद का पेड़ नज़र आया. दोनों उस पेड़ के पास गए, तो देखा एक अमरूद लगा हुआ है. दोनों ने सोचा क्यों न इसको तोड़कर खाया जाए. पर दोनों के मन में एक सवाल था कि ये अमरूद कौन खाएगा. ख़ैर दोनों ने मिलकर अमरूद तोड़ लिया. अब उनमें झगड़ा होने लगा, एक ने कहा कि मैंने यह पेड़ पहले देखा, तो यह अमरूद मेरा, दूसरे का कहना था कि इस अमरूद को मैंने पहले देखा, तो यह मेरा. दोनों का झगड़ा इतना बढ़ गया कि बाकी के बच्चे भी वहां आ गए. सबने पूछा कि क्यों लड़ रहे हो, तो उन्होंने बताया. उन बच्चों में से एक लड़के ने कह कि मैं तुम्हारे झगड़े का निपटारा कर सकता हूं. यह अमरूद मुझे दिखाओ. उन दोनों ने उसे अमरूद दे दिया. वो लड़के मज़े से अमरूद खाने लगा और देखते ही देखते पूरा अमरूद खा गया. बाद में बोला, वाह अमरूद सच में बहुत ही मीठा था और हंसते हुए वहां से चला गया. दोनों दोस्त देखते रह गए और फिर सोचने लगे कि काश, झगड़ा करने की बजाय यह अमरूद दोनों ने आधा-आधा बांट लिया होता, तो आज कोई और इसे नहीं हथिया सकता था. सीख: इस कहानी से यही सीख मिलती है कि कभी भी छोटी-छोटी बात पर आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए, वरना दूसरे इसका फ़ायदा उठा लेते हैं. जो भी हो आपस में मिल-बांटकर ही फैसला करना चाहिए. यह भी पढ़ें: तेनालीराम की कहानी: मटके में मुंह (Tenalirama And Pot Mask)
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