हमारे आसपास के वातावरण की आवाज़ का प्रभाव हम पर गहरा पड़ता है. यदि आवाज़ मधुर और मन को सुकून देने वाली होती है, तो हमारे अंदर पॉजिटिव एनर्जी की संचार करती है. हमारे चारों तरफ के माहौल को खुशनुमा बनाती है, जबकि तेज़ और कर्कश आवाज़ का हम पर नकारात्मक असर पड़ता है. घर पर लगी डोर बेल की आवाज़ भी इन्हीं में से एक है. तो चलिए जानते हैं वास्तु के अनुसार घर में डोरबेल लगाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
1. डोरबेल का चुनाव करने से पहले उसकी आवाज़ को सुनें.
2. फिर यह तय करें यह आवाज़ हमेशा कानों को प्रिय लगने वाली हो.
3. कानों को अप्रिय लगने वाली आवाज़ या तेज़ आवाज़ वाली डोरबेल को नज़रअंदाज़ करें. इससे घर में नकारात्मकता बढ़ती देती है. इसलिए हमेशा मन को सुकून देने वाली बेल चुनें.
4. घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करना चाहते हैं, तो मंत्रोच्चारण वाली डोरबेल लगाएं. यदि आप मंत्रोच्चारण वाली डोरबेल लगाना चाह रहे हैं, तो घर के दक्षिण-पूर्वी दीवार की पूर्व दिशा में लगाएं.
5. घर में पक्षियों के चहचहाने की आवाज़ वाली डोरबेल लगाना चाहते हैं, तो डोरबेल को उत्तर-पश्चिम की दीवार पर लगाएं. पक्षियों के चहचहाने की आवाज़ वाली डोर बेल इस दीवार पर लगाना बहुत ही शुभ होता है. साथ ही समूचे घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है.
6. डोरबेल पूजा घर के पास नहीं लगनी चाहिए. ऐसा करने से पूजा करते वक्त आपका ध्यान भंग हो सकता है.
7. मुख्य द्वार के बाहर लगाई जाने वाली डोरबेल का स्विच दरवाजे के दाईं ओर होना चाहिए.
8. डोरबेल का स्विच नेमप्लेट से ऊपर होना शुभ होता है. वास्तु के अनुसार ऐसा करने से मेहमानों के साथ आपके रिश्ते मधुर बने रहते हैं.
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