आज राज्यसभा में अभिनेत्री जया बच्चन ने फिल्म इंडस्ट्री को बदनाम किए जाने और बॉलीवुड को लेकर ग़लत शब्दों का प्रयोग किए जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि इस फिल्म इंडस्ट्री ने सभी के लिए बहुत कुछ किया है. हर रोज़ क़रीब पांच लाख लोगों को यह मनोरंजन इंडस्ट्री रोज़गार देती है. जब कभी देश पर कोई विपत्ति या समस्या आती है, तो उसके निवारण या उसे सहयोग देने के लिए फिल्मी हस्तियां आगे आती रही हैं.
ऐसी फिल्म इंडस्ट्री को जब गटर कहा जाता है, तो बहुत बुरा और शर्मनाक लगता है. कृपया मेरी सरकार से गुज़ारिश है कि फिल्म इंडस्ट्री की रक्षा की जाए और ऐसे लोग जो इसे लेकर ग़लत शब्दों का इस्तेमाल करते हैं उन्हें समझाया जाए और उन्हें ऐसा करने से रोका जाए.
जयाजी का अप्रत्यक्ष रूप से कंगना रनौत पर निशाना था. दरअसल, कुछ दिन पहले कंगना ने बॉलीवुड को गटर कहा था. उन्होंने कहा था कि अगर कुछ ऐसे बड़े फिल्म स्टार्स हैं, जिनका टेस्ट किया जाए, तो उनके ड्रग लेने और नशा करने को सच्चाई सबके सामने आएगी. साथ ही कई बड़ी हस्तियां इसकी चुंगल में आ सकती हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को टैग करते हुए कहा कि इस बॉलीवुड गटर को साफ़ किया जाए. यही शब्द कहीं-ना-कहीं जया बच्चन को चुभ गए. उनका कहना है कि कुछ मुट्ठीभर लोगों की वजह से पूरी फिल्म इंडस्ट्री पर तोहमत नहीं लगा सकते. ना ही उन्हें बदनाम कर सकते हैं. इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करने से रोका जाए.
जिन लोगों ने इस फिल्म इंडस्ट्री से नाम-शोहरत कमाएं, पैसा कमाया, वे ही इसके बारे में इस तरह की ग़लत बातें कर रहे हैं. उन्हें ऐसा करने के लिए मना किया जाए. ऐसा ना करने के लिए कहा जाए… अपने भाषण में उन्होंने लोकसभा के सांसद रवि किशन पर भी निशाना साधा. उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि कल हमारे एक साथी, जो फिल्म से हैं और सांसद भी हैं ने भी शर्मनाक बात कही. उन्होंने फिल्मी हस्तियों को लेकर गंभीर आरोप लगाए. उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए. यह तो वहीं बात हुई कि जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद कर रहे हैं. उन्हें ऐसी बातें नहीं करनी चाहिए थी. इसे लेकर मैं काफ़ी शर्मिंदगी महसूस कर रही हूं.
वाकया कुछ यूं था कि कल बीजेपी सांसद अभिनेता रवि किशन ने युवा, ड्रग्स और फिल्म इंडस्ट्री को लेकर अपनी बात रखी थी. उन्होंने कहा था कि नेपाल और पाकिस्तान के रास्ते नशीले पदार्थ भारत में आते हैं. इसे कई फिल्मी हस्तियां इस्तेमाल करती हैं. इससे युवा वर्ग बर्बाद हो रहे हैं.
लेकिन श्रीमती बच्चन अपनी बात पर अड़ी रही और कुछ भावुक भी हो गईं. उन्होंने मनोरंजन इंडस्ट्री को बदनाम किए जाने और बॉलीवुड को लेकर ग़लत शब्दों का प्रयोग किए जाने पर विरोध जताया. उन्होंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि इस फिल्मी दुनिया ने सभी के लिए बहुत कुछ किया है. हर रोज़ लाखों लोगों को नौकरी देती है. जब कभी देश पर मुसीबत आती है, तो सहारा बनती है.
लेकिन संसद में रवि किशन का कहना था कि इस तरह से नशे की लत डालकर देश की युवा पीढ़ी को गुमराह किया जा रहा है. बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने सरकार से गुज़ारिश की कि एनसीबी तो अपना काम कर ही रही है. बहुत अच्छा काम कर रही है. इसके साथ ही उन स्टार्स को भी जल्द-से-जल्द पकड़ा जाए, जो नशे के कारोबार में पूरी तरह से लिप्त हैं. जो नशे का धंधा चला रहे हैं और उसे युवाओं तक आसानी से मुहैया करवा रहे हैं. यही स्टेटमेंट जो रवि किशन ने कल दिया था. संसद में उसी पर निशाना साधते हुए जया बच्चन में उन्हें आगाह किया.
जया बच्चन ने कंगना रनौत को अप्रत्यक्ष रूप से जो करारा जवाब दिया गया था, उस पर कंगना ने भी नहले पर दहला मार दिया. उन्होंने जया बच्चन पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आपकी ख़ुद की बेटी श्वेता को टीनएज में मारा-पीटा जाए, प्रताड़ित किया जाए, नशा दिया जाए और शोषण किया जाए, तब आप क्या कहेंगे. बेटे अभिषेक को भी उन्होंने नहीं छोड़ा और कहा कि क्या आप तब भी यही कहतीं यदि अभिषेक लगातार धमकियां व शोषण की बात करते और एक दिन फांसी से झूलते पाए जाते? थोड़ी हमदर्दी हमसे भी दिखाइए…
कंगना ख़ुद पर होनेवाले किसी भी हमले फिर चाहे वो अप्रत्यक्ष रूप से ही क्यों ना हो को करारा जवाब देने से कभी पीछे नहीं हटतीं. उनकी यही बेबाक़ बयानबाज़ी उन्हें सबसे अलग कर देती है. उनका साहस और उनका आगे बढ़कर अपनी बात को रखना हर किसी को पसंद आता है.
अब देखते हैं कि जया बच्चन द्वारा मारे गए तीर कंगना रनौत और रवि किशन पर कितनी गहराई तक घाव करते हैं और आगे क्या क्रियाएं-प्रतिक्रियाएं होती हैं. एक बात है जयाजी ने एक तरह से पूरी फिल्म इंडस्ट्री की पैरवी करते हुए यह जता दिया कि एक गंदी मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है ऐसा नहीं है. फिल्म से जुड़े कुछ लोग जो ग़लत काम कर रहे हैं, उससे पूरी फिल्म जगत को कठघरे में नहीं खड़ा करना चाहिए.
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश को एक पहचान भी दी है. दुनियाभर में उनका मान-सम्मान होता है. जब भी कोई भी प्राकृतिक आपदाएं आती हैं या देश में कोई संकट आता है, तो फिल्म के लोग आगे बढ़कर दान करते हैं, सहयोग देते हैं और पैसों से भी मदद करते हैं. सबसे ज़्यादा इनकम टैक्स फिल्म इंडस्ट्री के लोग ही भरते हैं. उनके सहयोग और नेकी को दरकिनार नहीं किया जा सकता. सरकार से यही प्रार्थना है कि वह फिल्म इंडस्ट्री को प्रोटेक्शन दें. वे यह कहने से भी नहीं चूकीं कि अक्सर बहुत सारे वादे किए जाते रहे हैं, पर लागू कुछ भी नहीं होता.
वैसे रवि किशन ने भी जया बच्चन पर पलटवार करते हुए जवाब देने में देरी नहीं की. उन्होंने कहा कि मैं छेद करके नहीं रेंग कर ऊपर आया हूं. मैं साधारण पुरोहित का बेटा हूं, जो बिना किसी सपोर्ट के आज इस मुक़ाम तक पहुंचा है. मैंने 650 फिल्मों में काम किया है. मैं अपने देश के युवाओं को खोखला होने नहीं दूंगा. इसके लिए चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए. मुझे जया बच्चनजी से इस तरह के बयान की उम्मीद नहीं थी. मैं सेंट्रल हॉल में उनके पैर छूता हूं. दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री को एक प्लान के तहत ख़त्म करने की साजिश की जा रही है. हमें इस फिल्म इंडस्ट्री को बचाना है. उन्होंने मेरा वक्तव्य ठीक से सुना ही नहीं. फिल्म इंडस्ट्री में कई हज़ार करोड़ का बिज़नेस होता है और इसे बचाना है. मुझे सपोर्ट करने की बजाय उन्होंने मुझे ही जलील कर दिया, जबकि मुझे अपने फिल्मी सीनियर से उम्मीद थी कि वह हमारे साथ आएंगे और युवाओं को खोखला कर रहे इस नासूर को ख़त्म करने में मदद करेंगे. वह मैं ही हूं, जब मेरे पास कोई फिल्म नहीं थी, तब भी मैंने कहा था कि ज़िंदगी झंड बा फिर भी घमंड बा. मैं मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगीजी को दिल से धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने बहुत अच्छा काम किया है.
अब तक अलग-अलग महकमे से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल ही रहा है. इससे जुड़ी अगली ख़बर जल्द ही आपको देंगे. आप सभी का भी जया बच्चन, कंगना रनौत और रवि किशन के बयानों पर क्या कहना है और आपकी इस संदर्भ में क्या राय है बताइएगा. शेष फिर…
