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प्रयास करते रहें बल्ब का आविष्कार करनेवाले थॉमस एडिसन को स्कूल से ये कहकर निकाल दिया गया था कि वो पढ़ने लायक नहीं हैं. थॉमस की ऑफिशियल स्कूलिंग नहीं हुई, लेकिन इससे वो निराश नहीं हुए. स्कूल की पढ़ाई तो उन्होंने छोड़ दी, लेकिन घर पर अपनी मां से शिक्षा लेना जारी रखा. मां के विश्वास और साथ से उन्होंने जीवन की नई शुरुआत करने के लिए कई प्रयास किए, जिसमें सुबह-सुबह अख़बार बेचना भी शुमार था. अपने प्रयास के बल पर उन्होंने ख़ुद को साबित कर दिया. आप भी अपनी क्षमता और क़ाबिलियत पर भरोसा करते हुए जीवन को नई दिशा दे सकते हैं. लोगों का काम है कहना बहुत से लोगों की आदत होती है कि वो ख़ुद से ज़्यादा दूसरों के बारे में सोचते हैं. उदाहरण के लिए मैं अब से ऐसा करूंगा, तो लोग क्या सोचेंगे, फलां मेरे बारे में क्या सोचेगा, कहीं मैं उससे पीछे रह गया तो...आदि. इस तरह की बेकार की बातों को अपने मन से निकाल दीजिए. ये ज़िंदगी आपकी है. कुछ नया करने की सोचिए और उस दिशा में आगे बढ़िए. निराशा में ही छुपी है आशा किसी चीज़ की अति इस ओर इंगित करती है कि जल्द ही समय बदलने वाला है. जब आपके चारों ओर दुख और निराशा बहुत ज़्यादा बढ़ने लगे, तब समझ जाइए कि जल्द ही अच्छा समय आनेवाला है. निराश होने पर अक्सर हम आगे की ज़िंदगी के बारे में सोचना छोड़ देते हैं, कोई योजना नहीं बनाते, कोई नया काम शुरू नहीं करते, जबकि उस व़क्त मायूस होने की बजाय सकारात्मक सोच के साथ मेहनत करके आप बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं. अपने वर्तमान और भविष्य दोनों को संवार सकते हैं.श्वेता सिंह
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