असंतुलित भोजन, एक्सरसाइज न करना, तनाव भरी ज़िंदगी, काम का बढ़ता वर्कलोड, अपर्याप्त नींद आदि ऐसे अनेक कारण हैं, जो आज की मॉडर्न लाइफ में रुकावटें पैदा कर रही हैं, साथ ही हमको दे रही हैं लाइफ स्टाइल संबंधी बीमारियां. हमारे इस लेख में बताई गई बातों को पढ़कर आप जान सकते हैं कहीं आपका लाइफस्टाइल तो नहीं है आपके मोटापे की वजह.
ब्रेकफास्ट स्किप करना
हम अक्सर अपने बिजी शेड्यूल के कारण अपने ब्रेकफास्ट को स्किप कर देते हैं. अनेक अध्ययनों से ये बात साबित हुई है और कई हेल्थ एक्सपर्ट्स भी ये बात कहते हैं कि वज़न बढ़ने का एक मुख्य कारण ब्रेकफास्ट स्किप करना है. आपकी ब्रेकफास्ट स्किप करने की गलत आदत से मेटाबॉलिज्म धीरे-धीरे कमज़ोर होने लगता है. इसके अलावा पेट भरकर ब्रेकफास्ट न करने पर दिनभर भूख लगती रहती है. दिन में कई बार खाने पर आप ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते हैं, जो मोटापे का कारण बनता है.
ज़रूरत से ज़्यादा खाना
सेहत संबंधी बढ़ती समस्याओं के चलते आजकल लोग खाने के प्रति अधिक जागरूक हो गए हैं. लेकिन कई बार हम ज़रूरत से ज़्यादा खाना खा लेते हैं, पर फर्क इस बात से पड़ता है आप क्या खा रहे हैं. आपके शरीर को जितनी कैलोरी की आवश्यकता है, यदि आप उस से अधिक खा रहे हैं, तो आपके मोटापे को बढ़ने से कोई रोक नहीं पाएगा.
प्रोसेस्ड फूड खाना
एक अध्ययन से यह बात पता चली है कि जो लोग बहुत अधिक प्रोसेस्ड फूड खाते हैं, उनका वज़न तेज़ी से बढ़ता है. प्रोसेस्ड और फ्रोजन फूड खाने में बेहद टेस्टी होते हैं, लेकिन शरीर को पोषक तत्व तो फल, सब्ज़ियों, नट्स, अंडा और लीन मीट खाने से ही मिलते हैं.
शुगर मिश्रित ड्रिंक्स
फ्रूट जूस और शुगर मिक्स सोडा में शुगर की मात्रा बहुत अधिक होती है. यदि आप पेट भरने के लिए इन शुगर मिश्रित ड्रिंक्स पीते हैं तो इनसे पेट नहीं भरता है, बस शरीर को लिक्विड कैलोरी मिलती है, जिससे मोटापा बढ़ता है.
दूसरा कारण है कि शुगर मिश्रित ड्रिंक्स को पीने से केवल प्यास बुझती है. लेकिन पेट खाली रहता है. भूख को शांत करने के लिए और ज़्यादा भोजन खाते हैं, जिससे वजन बढ़ता है.
पर्याप्त नींद न लेना
अनेक अध्ययनों से ये बात साबित हुई है कि जो लोग कम-से-कम 8 या 9 घंटे की अच्छी और पूरी नींद नहीं लेते हैं, उन्हें मोटापे की समस्या हो सकती हैं. नींद पूरी न होने की वजह से शरीर में धीरे-धीरे कार्टिसोल नामक हार्मोन का निर्माण होने लगता है और इस हार्मोन से शरीर में एंग्जायटी और थकावट बढ़ने लगती है. बेहतर होगा कि रोज़ाना 8 से10 घंटे की नींद लें.
बहुत देर तक एक ही जगह पर बैठे रहना
काम के बढ़ते बोझ के चलते देर रात तक या फिर 9-10 घंटे एक कंप्यूटर और लैपटॉप पर बैठे रहना पड़ता है. शारीरिक गतिविधियां न होने की वजह से वज़न बढ़ने के चांसेस बहुत अधिक बढ़ जाते हैं और एक बार मोटापा बढ़ जाए, तो आप कितनी भी एक्सरसाइज करो, वज़न कम नहीं होता है. शोधों से ये बात साबित हुई है कि लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से और कोई भी शारीरिक गतिविधि न करने पर मेटाबॉलिज्म भी सुचारू रूप से काम नहीं करता है.
टीवी और मोबाइल देखकर खाना
अक्सर माएं ये गलती करती हैं कि छोटे बच्चों को खाना खिलाने के लिए उन्हें टीवी के सामने बिठा देती हैं या फिर उनके हाथ में मोबाइल थमा देती हैं. फैमिली के साथ लंच और डिनर करते हुए सब लोग टीवी के आगे बैठकर खाना खाते हैं- ये जानते हुए कि मोबाइल और टीवी के सामने बैठकर भोजन करना भी मोटापे का एक बहुत बड़ा कारण है. रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है कि टेलीविजन और मोबाइल देखते हुए आप ज़रूरत से ज़्यादा खाना खा जाते हैं और आपको पता भी नहीं चलता है. अनावश्यक भोजन करने से शरीर को अधिक मात्रा में कैलोरी मिलती है और उसके डायजेस्ट न होने की वजह से मोटापा बढ़ने लगता है. बेहतर यही होगा कि परिवार के साथ खाना खाते वक्त केवल खाना खाएं और टीवी-मोबाइल से दूरी बनाए रखें.
सही तरह से चबाकर भोजन न करना
खाने को सही तरह से और चबा-चबा न खाने की बुरी आदत भी मोटापे का एक कारण हो सकता है, जब आप इस बिना चबाए जल्दी-जल्दी खाते हैं, तो इससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है, साथ ही पेट भर गया है- इसका हमको पता ही नहीं चलता है और हम ज़रूरत से ज़्यादा खा लेते है, जिसके कारण मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है.
- आधी रात को खाए जाने वाले स्नैक्स
जब आप देर रात तक जागते हैं, तो रात में कुछ-न-कुछ खाने की क्रेविंग होती है या भूख लगने लगती है. लेट नाइट खाए जाने वाले स्नैक्स आमतौर पर अनहेल्दी होते हैं. इन अनहेल्दी स्नैक्स को खाने के बाद जब आप सोने जाते हैं तो इनका डायजेशन ठीक तरह से नहीं हो पाता है और पेट के आसपास फैट जमा होने लगता है और कुछ ही दिनों में आपका बढ़ा हुआ वज़न दिखने लगता है.
- इमोशनल ईटिंग के शिकार
हमारे आसपास कुछ ऐसे लोग ऐसे होते हैं जो उदास, तनावग्रस्त, बोर या बहुत अधिक गुस्सा होने पर सामान्य से अधिक खाना खा लेते हैं. धीरे-धीरे उनकी ये आदत ही उनके मोटापे का सबब बन जाता है. यदि आप भी इमोशनल ईटिंग के शिकार हैं, तो आपको ज़रूरत है मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट की, जो आपको अपनी भावनाओं पर काबू रखना सिखाए, ताकि आप ओवरईटिंग करने की बजाय क्वालिटी लाइफ बिता सकें.
बॉक्स मैटर
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 9-10 घंटे भूखे रहने पर शरीर का वज़न कम नहीं होता, बल्कि बॉडी में फैट्स जमा होने लगता है और वज़न कम होने की बजाय मोटापा बढ़ने लगता है. दूसरा कारण यह है कि शरीर में पोषक तत्वों की कमी होने लगती है.
- पूनम कोठरी