गिन लेती है दिन बग़ैर मेरे गुज़ारे हैं कितने... भला कैसे कह दूं कि मां अनपढ़ है मेरी!
परिवार और उसमें भी मां का दर्जा सबसे ऊंचा होता है, ऐसे ही मर्मस्पर्शी सुविचार परिवार और मां से संबंधित आप पढ़ें और अपनी भावनाओं को फिर उन्हीं बचपन की यादों में महसूस करें, जहां मां के सीने से लगकर ही दुनिया की हर ख़ुशी मिल जाया करती थी. यह भी पढ़ें: सुविचार- Inspirational Quotes – Quote of the day
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