भारत की बैडमिंटन टीम ने पहली बार थॉमस कप जीतकर इतिहास रच दिया. थॉमस कप के 73 साल के इतिहास में पहली बार भारतीय टीम फाइनल में पहुंची थी और खिताबी जीत दर्ज करके सभी देशवासियों को गौरवान्वित किया. थॉमस कप के जीत के हीरो रहे लक्ष्य सेन, किदांबी श्रीकांत, चिराग शेट्टी और सात्विक साईराज रंकीरेड्डी. भारतीय पुरुष बैडमिंटन टीम ने पांच मैच में से शुरुआती तीन मैच जीतकर एकतरफ़ा जीत हासिल की. पांच में से दो सिंगल और एक डबल जीतने पर 3-0 से भारत ने जीत हासिल कर ली थी इस कारण बाकी दो मैच नहीं कराए गए.
भारत में 14 बार की चैंपियन इंडोनेशिया को 3-0 से करारी मात देते हुए फाइनल में हराया था. अब तक 32 बार थॉमस कप हुआ है और जिसमें 5 देश चैंपियन रही है, अब भारत छठा देश बन गया है. इसके पहले थॉमस कप के 73 साल के इतिहास में इंडोनेशिया ने 14 विजेता रही है, चीनी टीम 10 बार, मलेशिया 5 व जापान और डेनमार्क में एक-एक बार खिताबी जीत दर्ज की है.
जब से भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ियों ने थॉमस कप जीता है, तब से बधाइयों का सिलसिला चल पड़ा है. फिर चाहे सेलिब्रिटी हो, फिल्मी सितारे या खिलाड़ी सभी उन्हें ढेर सारी बधाई दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई देते हुए सभी खिलाड़ियों से बातचीत की, जिससे सभी खिलाड़ी काफ़ी ख़ुश और प्रभावित हुए और उन्होंने प्रधानमंत्री से वादा किया कि इसी तरह वे अपने परफॉर्मेंस को बरकरार रखेंगे.
खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने जीत पर एक करोड़ इनाम की घोषणा की. ऐसा पहली बार हुआ है कि ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ गेम्स के अलावा किसी अन्य खेल के लिए इनामी राशि घोषित की गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य योगीनाथ, उत्तराखंड की पुष्कर धामी और कई राजनेताओं ने भी खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए उन्हें शुभकामनाएं और बधाइयां दी.
एक्ट्रेस ताप्सी पन्नू ने सभी खिलाड़ियों को बधाई दी.
अमिताभ बच्चन ने भी अपने सोशल मीडिया मीडिया अकाउंट पर सभी बैडमिंटन खिलाड़ियों को मुबारकबाद दी.
सचिन तेंदुलकर, गौतम गंभीर, विराट कोहली क्रिकेटर ने भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित व उत्साहित करते हुए बधाई दी.
थॉमस कप 2022 में भारत की कामयाबी का सिलसिला ज़बरदस्त रहा. पूरे टूर्नामेंट में एकमात्र चीनी ताइपे से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. भारत ने जर्मनी, मलेशिया, डेनमार्क को हराते हुए पहली बार फाइनल में जगह बनाई और खिताबी जीत दर्ज की.
थॉमस कप के इतिहास के बारे में देखेंगे, तो अंग्रेज खिलाड़ी सर जॉर्ज एलन थॉमस चाहते थे कि फुटबॉल और टेनिस के तर्ज पर बैडमिंटन का भी कोई ऐसा बड़ा टूर्नामेंट हो. उन्होंने 1948-49 में इस खिताबी खेल की शुरुआत की. पहले यह टूर्नामेंट तीन साल में होता था, लेकिन साल 1982 के बाद से दो साल में होने लगा. अब तक थॉमस कप में एशियाई टीम का ही दबदबा रहा है, लेकिन एकमात्र गैर एशियाई देश डेनमार्क साल 2016 में चैंपियन बनी थी. भारतीय बैडमिंटन टीम को सभी की तरफ़ से ढेर सारी बधाइयां और भविष्य के लिए शुभकामनाएं!
Photo Courtesy: Instagram/Twitter
डाउनलोड करें हमारा मोबाइल एप्लीकेशन https://merisaheli1.page.link/pb5Z और रु. 999 में हमारे सब्सक्रिप्शन प्लान का लाभ उठाएं व पाएं रु. 2600 का फ्री गिफ्ट.