शादी को लेकर सबके अपने सपने होते हैं. शादी तय होते ही लोग सपनों की दुनिया में खो जाते हैं और उन्हें सब कुछ हसीन और रंगीनलगने लगता है. शादी के अलावा जो बात कपल को सबसे ज़्यादा उत्साहित करती है, वो है हनीमून!
शादी के बाद हनीमून पर जाना अब ट्रेंड बन चुका है. पहले इसे विदेशी कल्चर माना जाता था लेकिन अब इंडिया में भी हर वर्ग में ये एकज़रूरी रस्म बन चुका है.
इसके लिए बाक़ायदा प्लानिंग होती है और अपने बजट और शौक़ के हिसाब से लोकेशंस का चुनाव किया जाता है. तो क्या हनीमून परजाना इतना ज़रूरी हो चुका है? आख़िर क्यों ज़रूरी है शादी के बाद हनीमून पर जाना? आइए जानें…
- शादी की रस्में काफ़ी थका देती हैं और शादी की पूरी प्रक्रिया में एक अलग तरह का तनाव भी होता है, जिसके चलते कपल कोहनीमून का ख़याल ही रिफ़्रेश कर देता है.
- शादी में रिश्तेदारों की भीड़भाड़ के बीच कपल को एक-दूसरे के लिए वक्त नहीं मिलता, ऐसे में हनीमून उनको वो पर्सनल स्पेसदेता है.
- हनीमून के दौरान दोनों एक-दूसरे को पूरा वक्त देते हैं और क़रीब आने का ये बेहतरीन मौक़ा होता है.
- नई जगह सिर्फ़ अपने पार्टनर के साथ अकेले में वक्त बिताना, घूमना-फिरना उनको रिफ़्रेश कर देता है.
- आजकल तो लोग विदेशों की सैर भी करते हैं और ख़ास नए शादीशुदा जोड़ों के लिए ट्रैवल एजेंसीज़ हनीमून स्पेशल पैकेज भीदेते हैं, जो बेहद ख़ास और स्पेशल होता है.
- एक वक्त के बाद दोनों अपनी ज़िम्मेदारियों में व्यस्त हो जाते हैं इसलिए हनीमून में मिला ब्रेक और रोमांटिक पल ताउम्र के लिएयादगार बन जाते हैं.
- ये कपल का पहला वेकेशन होता है इसलिए एक तरह से ये उनके लिए स्पेशल होता है.
- अकेले में उनको कोई डिस्टर्ब करनेवाला भी नहीं होता तो वो इन पलों को खुलकर जीने का मज़ा ले सकते हैं.
- मनचाहा पहनना, मनचाहा खाना, जब मन करे सोना और उठना, जब चाहो घूमना- कोई टोका-टाकी नहीं और किसी बात कीरोक-टोक नहीं, ज़ाहिर है एक नए शादीशुदा जोड़े को और क्या चाहिए.
- वैसे आजकल एक और ट्रेंड ज़ोर पकड़ रहा है और वो ये कि शादी के ठीक बाद हनीमून पर न जाकर कुछ दिन रुककर हनीमून परजाना. इसके पीछे यही सोच होती है कि शादी के फ़ौरन बाद दोनों के बीच एक झिझक और संकोच होता है, इसलिए पहले कुछवक्त घर पर परिवार के लोगों के साथ रहकर दोनों कम्फ़र्टेबल होना चाहते हैं ताकि हनीमून के वक्त तक उनका बॉन्ड बेहतर होजाए और वो इस पीरियड को बेहतर तरीक़े से एंजॉय कर सकें.
- इसके अलावा शादी के दौरान काफ़ी खर्च हो चुका होता है तो फायनेंशली भी कपल वीक हो जाते हैं, ऐसे में हनीमून का खर्चाऔर बोझ बढ़ा सकता है. इसलिए लोग सोचते हैं कि पहले पैसा इकट्ठा कर लें ताकि वो हनीमून को पूरी तरह एंजॉय कर सकें.
- शादी के लिए छुट्टियां भी ज़्यादा ली जाती है इसलिए हनीमून के लिए कम वक्त मिलता है, इसलिए लोग सोचते हैं कि जल्दबाज़ीमें कुछ भी करने से बेहतर है थोड़ा रुककर प्लान करें ताकि छुट्टियां भी मिल सकें और पैसों की भी कमी न रहे, जिससे वो अपनाहनीमून एकदम ख़ास बना सकें.
कितना ज़रूरी है हनीमून और क्या है अन्य विकल्प?
- कई लोगों का ये मानना है कि हनीमून पर जाना इतना भी ज़रूरी नहीं जितना लोग सोचते हैं. लव मैरिज हो तो वैसे ही कपल पहलेही काफ़ी घूम-फिर चुका होता है और अरेंज मैरिज में दोनों के बीच संकोच की दीवार होती है, इसलिए हनीमून पर फ़ौरन जानेकी बजाय कपल कुछ दिन छुट्टी लेकर घर पर ही एक-दूसरे के साथ वक्त बिता सकता है.
- परिवार के बीच रहने का अलग ही मज़ा है और सबसे नज़रें बचाकर रोमांस करना काफ़ी रोमांचित कर देता है.
- आप दोनों इस दौरान आसपास ही घूम-फिर सकते हैं, डिनर डेट्स पर जा सकते हैं, मूवीज़ एंजॉय कर सकते हैं और इस तरहएक-दूसरे को समझ भी सकते हैं.
- एक-दूसरे की पसंद-नापसंद जानने का भी ये सुनहरा मौक़ा होता है क्योंकि हनीमून पर तो आप रोमांस में डूबे होते हैं और बाक़ीका समय घूमने-फिरने में चला जाता है, इसलिए इस दौरान समझने-बूझने की तरफ़ ध्यान ही नहीं जाता.लेकिन घर पर रहकरएक-दूसरे के साथ ज़्यादा से ज़्यादा वक्त बिताने का मौक़ा मिलता है जिससे आप दोनों जल्दी कम्फ़र्टेबल हो सकते हैं.
- बाक़ी तो ये पर्सनल चॉइस होती है, आप अपना बजट और सुविधा देख कर कभी भी हनीमून प्लान कर सकते हैं और अपनीलाइफ़ को रिफ़्रेश मोड पर ला सकते हैं.
- भोलू शर्मा