आज ऋतिक रोशन (Hritik Roshan) के पापा राकेश रोशनजी (Rakesh Roshan) का जन्मदिन (Birthday) है. हर पिता को बेहद गर्व महसूस होता है, जब उन्हेंे उनके बेटे के नाम से अधिक जाना जाता है. ऋतिक ने जहां अपने पिता को ज़िंदगी के अनगिनत सबक सीखाने के लिए धन्यवाद कहा, वहीं उन्हें अपना प्रेरणास्त्रोत भी माना.


राकेश रोशन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें...
* राकेश रोशन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत फिल्म घर घर की कहानी से की थी, पर उन्हें सही मायने में कामयाबी अपने प्रोडक्शन की फिल्मों में अधिक मिली, जैसे- ख़ुदगर्ज, कामचोर, ख़ून भरी मांग आदि. * राकेश रोशन को लेकर कई अफ़वाहें भी हैं कि वे गंजे थे, पर फिल्मों में हीरो के क़िरदार की ख़ातिर विग लगाते थे. बाद में जब वे निर्देशन में उतरे, तो उन्होंने विग निकाल दिया. वैसे ऐसी बातें अभिनेता राजकुमार के बारे में भी कही जाती थी कि वे विग लगाते थे, जबकि वे गंजे थे. * लेकिन इस बात में एक ट्विस्ट यह भी है कि जब साल 1987 में उन्होंने ख़ुदगर्ज फिल्म बनाई थी, तब फिल्म की सफलता के लिए तिरुपति बालाजी में मन्नत मांगी थी कि यदि फिल्म हिट हो जाएगी, तो वे अपने सिर के बाल निकलवा देंगे यानी गंजे हो जाएंगे. संयोग देखिए फिल्म सुपर-डुपर हिट हुई. पर पत्नी पिंकी के कहने के बावजूद राकेशजी ने बाल नहीं निकलवाया, लेकिन बाद में वे गंजे हो गए. इसी बीच उनकी दूसरी फिल्म ख़ून भरी मांग ने भी कामयाबी के कई इबारत लिखें. तब उन्होंने ़फैसला कर लिया कि अब वे गंजे ही रहेंगे. * राकेश रोशन की तक़रीबन हर फिल्म सफल रही है. फिर चाहे वो निर्माता के तौर पर आपके दीवाने हो या फिर निर्देशन के रूप में किशन कन्हैया, काला बाज़ार, कोयला, कहो ना प्यार है, कोई मिल गया, क्रिश आदि हो. * राकेश रोशन की अधिकतर सभी फिल्मों का संगीत उनके भाई राजेश रोशन ने ही दिया है. दोनों भाइयों में ग़ज़ब की बान्डिंग और प्यार है. * राजेश रोशन उनके जन्मदिन पर बचपन की यादों को ताज़ा करते हुए कहते हैं कि राकेश रोशन को बचपन में अपने बर्थडे की पार्टी देने का बहुत शौक था. वे अक्सर जन्मदिन पर अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती किया करते थे. तब मैं भी साथ में जाने की ज़िद करता था, तो वे मना कर देते. तब हमारे बीच ख़ूब लड़ाई होती. मैं मां से भी उनकी शिकायत करता, पर वे कभी साथ नहीं ले जाते. * बकौल उनके राकेशजी एक सच्चे योद्धा भी थे. जब अंडरवर्ल्ड के लोगों ने उन पर गोली से हमला किया था, तब गोली उनके सीने पर दिल के पास लगी थी. इस स्थिति में डॉक्टर, हॉस्पिटल जाने की बजाय वे हमलावरों को ललकारते हुए उनका पीछा करने पर ज़ोर देते रहे और पुलिस स्टेशन जाकर उनकी शिकायत दर्ज करवाई. सच, में रीयल हीरो व फाइटर हैं वे. * राकेशजी को म्यूज़िक व गीतों की भी अच्छी समझ है. अपने भाई राजेश के वे शुभचिंतक के साथ-साथ सबसे बड़े आलोचक भी हैं. जहां उन्हें कुछ खटकता वे दख़लअंदाज़ी करते और धुन के साथ या फिर गाकर उन्हें गीत-संगीत की बारीक़ियों के बारे में समझाते. * आज भी राकेश रोशन अपने बर्थडे पर जमकर पार्टी करते हैं. सभी यार-दोस्तों की महफ़िल सजती है. सभी पुराने दिनों की यादें ताज़ा करते हैं.
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