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बरसात में एसी का यूं रखें ख़ास ख़्याल (How To Take Care Of Your AC During Rainy Season)

एयर कंडीशनर ठंडक देने के साथ-साथ गर्मी से राहत देकर सुकून भरा एहसास भी देती है. लेकिन इसके फ़ायदों को एंजॉय करने के साथ-साथ इसके रख-रखाव पर ध्यान देना भी ज़रूरी है. आपकी एसी चाहे स्प्लिट हो, सेंट्रल या फिर विंडो सिस्टम वाली ही क्यों न हो, हरेक की सही देखभाल करनी ही पड़ती है. बरसात की नमी एसी के लिए नुक़सानदायक होती है. इससे एसी की लाइफ कम होती है. इसी कारण मॉनसून में एसी का एक्स्ट्रा केयर करना चाहिए. यूं तो मॉनसून में आउटडोर यूनिट में फैली गंदगी व धूल बारिश के पानी से क्लीन हो जाती है. परंतु बरसात में इसे थोड़ा केयर की भी ज़रूरत होती है.

  • एसी के एयर फिल्टर को हर तीन-चार महीने में क्लीन करते रहें, क्योंकि ऐसा न करने पर फिल्टर साफ़ नहीं रहेगा, तो एसी से पानी गिरने लगेगा. इसके अलावा जब भी एयर फिल्टर ख़राब हो या टूट-फूट जाए, तो इसे तुरंत बदलें. ध्यान रहे अक्सर एसी में खराबी की वजह अक्सर एयर फिल्टर का गंदा होना रहता है.
  • जब मूसलाधार तेज़ बारिश हो, तब ऐसे समय में एयरकंडीशनर के आउटडोर यूनिट को डायरेक्ट एक्सपोज़र से बचाना चाहिए. इसलिए यूनिट को सेफ रखने के लिए उचित शेल्टर बनाने चाहिए. वैसे देखा जाए, तो एसी यूनिट्स सामान्यतः आउटडोर एलिमेंट्स के लिए बनाए जाते हैं. किंतु मूसलाधार बरसात इन्हें डैमेज कर सकती है. अतः यदि आपने एसी के आउटडोर यूनिट के लिए पर्याप्त शेल्टर नहीं रखा है, तो तेज़ बरसात में एसी बंद रखें, ताकि आपकी यूनिट सेफ रहे.

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यदि मॉनसून में एसी यूनिट की इलेक्ट्रिक सप्लाई ठीक से नहीं हो रही है, वायरिंग में कोई परेशानी आ रही है, तो बरसात में एसी को बंद कर दें. दोबारा ऑन करने से पहले किसी प्रोफेशनल की मदद लें. इनसे वायरिंग की प्रॉब्लम को दूर करने के साथ एसी को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलती है.

ड्रेनेज पाइप जिससे एसी का पानी बाहर निकलता है, कई बार ब्लॉक हो जाता है. इससे एसी के अंदर पानी जमा हो सकता है, जिससे एसी ख़राब हो सकती है. इससे एसी को बचाने के लिए किसी पतली स्टिक या तार से ड्रेनेज पाइप को क्लीन करें.

विंडो एसी को बाहर से भी क्लीन करना ज़रूरी है. बारिश के दिनों में चेक करते रहें कि यूनिट में बरसात के कारण गंदगी तो नहीं फैल गई है. ध्यान रहे कि यूनिट के चारों तरफ़ कुछ खाली स्थान भी रहे, जिससे यह स्मूदली फंक्शन कर सके.

मॉनसून में एसी को अच्छी तरह से चलाने के लिए इसके टेंपरेचर को चुनना बहुत ज़रूरी है. प्रोफेशनल का कहना है कि बारिश के दिनों में एसी को 24 या 26 डिग्री सेल्सियस पर ही रखना चाहिए. इसके दो फ़ायदे होते हैं, एक तो इससे रूम अधिक कूल रहता है और उमस भी नहीं रहती.

मॉनसून में नमी बढ़ने के कारण शॉर्ट सर्किट का ख़तरा रहता है. ऐसे में एयरकंडीशनर के इलेक्ट्रिक कनेक्शन को चेक करके देख लें कि एसी की वायरिंग सुरक्षित तरी़के से हुई है कि नहीं.

चूंकि बरसात में हवा में नमी अधिक रहती है, इसलिए इसे कंट्रोल करने के लिए एसी को ड्राई मोड पर रखना फ़ायदेमंद रहता है. साथ ही फैन, हीट व कूल मोड का उपयोग रूम के टेंपरेचर के अनुसार करें.

यदि आपके यहां अक्सर भारी बारिश होती रहती है, तो ऐसी स्थिति में अपने एसी यूनिट को ऊंची जगह पर लगाएं, जहां इसके डूबने या इसे नुक़सान पहुंचने की गुंजाइश ना हो.

एसी नियमित रूप से काम करता रहे, इसके लिए फिल्टर की सफ़ाई अच्छी तरह से करनी चाहिए. दरअसल, फिल्टर में गंदगी या धूल-मिट्टी जमी रहती है, तो एसी को काम करने में अधिक एनर्जी की ज़रूरत होती है. साथ ही इलेक्ट्रिसिटी भी अधिक ख़र्च होती है. इसके अलावा फिल्टर बंद भी हो सकता है. इसे क्लीन करने के लिए पहले एसी को बंद करें और फिल्टर को बाहर निकालकर उसे गुनगुने पानी में डिटर्जेंट मिलाकर धोएं. क्लीन करने के बाद जब फिल्टर सूख जाए, तब उसे वापस एसी में लगाएं.

यदि एसी बालकनी के बाहर, टैरेस आदि पर हो, तो उसे ढंक कर रखें, जिससे बारिश का पानी इसमें ना जाए, क्योंकि बरसात का पानी जाने से इसके ख़राब होने, करंट लगने व वायरिंग की प्रॉब्लम हो सकती है.

कूलिंग कॉइल जो गर्मी को अवशोषित करता है के क्लीनिंग का भी ध्यान रखें. गंदगी-धूल के कारण कॉइल बंद होने पर एसी के कूलिंग करने और फंक्शनिंग में प्रॉब्लम आती है. जब कभी कूलिंग कॉइल को क्लीन करना हो, तो प्रोफेशनल से ही करवाएं.

मॉनसून में बार-बार बिजली कटने की प्रॉब्लम भी होती है. यदि आपने एसी को स्विच बोर्ड से डायरेक्ट लगाया है, तो इसके बिगड़ने की आशंका रहती है. इससे बचने के लिए स्टेबलाइज़र का इस्तेमाल करें, जिससे लाइट की सप्लाई नियंत्रण में रहने के साथ-साथ वोल्टेज फ्लक्चुएट भी नहीं होगा.

एसी को समय-समय पर सर्विसिंग कराते रहना भी ज़रूरी है, इससे कोई बड़ी प्रॉब्लम हो, तो उसके बारे में पता चल सके और एसी ख़राब भी न हो.

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स्मार्ट टिप्स

  • हेल्थ के नज़रिए से एसी को 16 की बजाय 24 डिग्री सेल्सियस पर रखना चाहिए.
  • मॉनसून में एसी ड्राई मोड पर रखने से यह घर के अंदर हवा को अधिक सुकूनभरा बनाने के साथ-साथ फफूंद को बढ़ने से भी रोकता है.
  • एसी के साथ पंखे का भी उपयोग करें. इससे पूरे कमरे में हवा का फ्लो रहता है और कमरा जल्दी ठंडा भी होता है.
  • वैसे एसी आउटडोर यूनिट को कुछ इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि आप मॉनसून में भी उनका सुरक्षित इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी आपने इसे सही तरी़के से लगाया है, तो मॉनसून में एसी ऑन करना सेफ है.
  • हर रोज़ एसी यूनिट 15-20 मिनट में अपना चक्र पूरा करती है. ऐसे में एक घंटे के अंदर यह चक्र दो बार से अधिक न हो. यदि एसी तीन लंबे चक्र तक चलती है, तो परेशानी खड़ी हो सकती है.
  • बरसात के मौसम में एसी का जितना कम इस्तेमाल करें, उतना बेहतर है. हां, गर्मियों में 10-12 घंटे एसी चलना आम बात है.

ज़रूरी जानकारी
यदि रूम का साइज़ 100-130 वर्ग फीट है, तो एक टन एसी काफ़ी है.
130 से 200 स्न्वायर फीट के रूम के लिए 1.5 टन एसी अच्छा रहता है.
एक टन एसी में बिजली की एक इकाई यानी हज़ार वाट इलेक्ट्रिसिटी की आवश्यकता होती है. वहीं दो टन एसी दो हज़ार वाट बिजली की खपत करती है.
सामान्य तौर पर एसी कम से कम 12-15 साल तक चलती है.

- ऊषा पन्नालाल गुप्ता

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