चैलेंज 1ः लॉन्ग डिस्टेंस मैरेज
आजकल वर्किंग कपल का ज़माना है. चाहे इसे परिवार की ज़रूरत कहें या मॉडर्न सोसायटी का रिवाज़. जब तक पति-पत्नी एक ही शहर में नौकरी कर रहे हैं, तब तक तो ठीक है. लेकिन किसी कारण से यदि दोनों को अलग-अलग शहरों में रहना पड़े तो जटिलताएं आ सकती हैं, क्योंकि अलग शहरों में रहने से पति-पत्नी के रिश्ते में दूरियां बढ़ती हैं और संवादहीनता भी. ऐसी परिस्थितियों में पति-पत्नी की जो एक-दूसरे से अपेक्षाएं होती हैं, वे पूरी नहीं हो पातीं, क्योंकि दोनों बहुत कम समय के लिए एक-दूसरे से मिलते हैं और इतने कम समय में दोनों एक-दूसरे को समझने के बजाय अपनी-अपनी अपेक्षाओं को पूरा करने की मांग करते हैं और असंतुष्ट रहते हैं. कैसे निपटें? - रिलेशनशिप एक्सपर्ट्स कहते हैं कि लॉन्ग डिस्टेंस मैरेज में अपेक्षाएं ़ज़्यादा होती हैं. ऐसे कपल्स स़िर्फ छुट्टियों में ही मिलते हैं. इसलिए दोनों को मानसिक रूप से ज़्यादा परिपक्व होना पड़ेगा. आपको स़िर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने पार्टनर की मुश्किलों को भी समझना पड़ेगा. - ह़फ़्ते में कम से कम 2 दिन साथ में बिताएं. जब भी दोनों साथ में हों तो ऑफ़िस की बातें न करें. - दिन में जब भी समय मिले, अपने पार्टनर से बात करें. - पार्टनर से बात करके छुट्टियों की प्लानिंग पहले ही कर लें, ताकि समय बरबाद न हो.चैलेंज 2ः सेक्स के लिए व़क़्त नहीं
मनोवैज्ञानिक डॉ. प्रमोद गुप्ता बताते हैं, “सेक्स वैवाहिक जीवन का प्राण है. इससे पति-पत्नी शारीरिक और मानसिक स्तर पर एक-दूसरे से जुड़ते हैं. यही जुड़ाव दोनों के बीच में एक पुल का काम करता है.” आजकल नौकरियों के अलग-अलग समय, लॉन्ग डिस्टेंस मैरेज, अति व्यस्तता, तनाव आदि के कारण पति-पत्नी को सेक्स के लिए समय नहीं मिल पाता. यदि इच्छा होते हुए भी सेक्स के लिए समय न मिले तो दोनों को ही शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं. कैसे निपटें? - पति-पत्नी सेक्स को लेकर संकोच न करें. - पार्टनर से अपनी सेक्स संबंधी इच्छाओं और सेक्स के टाइम मैनेजमेंट को लेकर खुलकर बात करें. - दिन में दो-तीन घंटे नहीं, पर छोटे-छोटे लम्हे तो आप चुरा ही सकते हैं. - सेक्स के लिए दो चीज़ें ज़रूरी हैं-सेक्स की इच्छा होना और समय. सेक्स-इच्छा के लिए ज़रूरी है हमेशा प्रेजेंटेबल रहना, साथ ही ऑफ़िस के तनाव को अपने और पार्टनर के बीच में न आने दें.यह भी पढ़े: 9 बातें जो ला सकती हैं दांपत्य जीवन में दरार (9 Things That Can Break Your Relationship)
चैलेंज 3ः बच्चों को व़क़्त न दे पाना
पति-पत्नी की सबसे बड़ी समस्या है- बच्चों के लिए समय न दे पाना. ज्यादातर कपल्स अपने करियर और जॉब की वजह से बच्चे की प्लानिंग नहीं कर पाते हैं. यदि प्लान करते भी हैं तो उन्हें बच्चे की परवरिश के लिए समय नहीं मिलता. पैरेंट्स द्वारा बच्चों के साथ व़क़्त न बिताने पर कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इन समस्याओं से बचने के लिए ज़रूरी है कि वे बच्चों के साथ समय बिताएं. ये स़िर्फ बच्चों के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे परिवार के लिए बेहतर होगा. कैसे निपटें? - पति-पत्नी जब पूरी तरह से तैयार हों तभी बच्चे की प्लानिंग करें. - ऑफ़िस से आने के बाद बच्चों के साथ पर्याप्त समय बिताएं. - बच्चों से उनकी दिनचर्या के बारे में पूछें. उनके साथ खेलें, घूमने जाएं. - बच्चों को टीवी, वीडियो गेम्स या फिर इंटरनेट की लत से बचाएं.चैलेंज 4ः ऑफ़िस रोमांस
पार्टनर के पास समय न होने, ऑफ़िस का तनाव आदि कारणों से आजकल ऑफ़िसरोमांस व विवाहेेतर संबंध बनते देर नहीं लगती. मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, वर्कप्लेस पर अ़फेयर होने पर लोग मानसिक तौर पर तरोताज़ा महसूस करते हैं. पर यह क्षणिक होता है, जिसके कारण आगे चलकर मानसिक अवसाद भी उत्पन्न होता है. कैसे निपटें? - अगर अपनी शादी बचाना चाहते हैं तो आपको ही ख़ुद पर नियंत्रण रखना होगा. - अपने पार्टनर के प्रति वफ़ादार रहें. - ऑफ़िस रोमांस को रोकने के लिए पार्टनर से खुलकर बातें करें, उनकी समस्याओं को समझने की कोशिश करें. - ऑफ़िस के काम से समय निकालकर अपने पार्टनर से फ़ोन पर बातें करें, ताकि उन्हें दूसरों की ज़रूरत महसूस ही न हो.चैलेंज 5ः मनी मैटर्स
बढ़ती महंगाई और अच्छी लाइफ़ स्टाइल दोनों के लिए पैसा ज़रूरी है. इसलिए कपल्स का वर्किंग होना भी ज़रूरी है, पर पति-पत्नी के झगड़े अक्सर पैसे को लेकर ही होते हैं, जैसे- घर का बजट, इन्वेस्टमेंट प्लानिंग आदि, क्योंकि उन्हें अपने वर्तमान के साथ भविष्य को भी सुरक्षित करना होता है. कैसे निपटें? - मनी मैटर्स को पति-पत्नी अपने रिश्ते के बीच में न आने दें. - घर के बजट और महीने के ख़र्च दोनों एक साथ बैठकर तय करें. - ख़र्चों की प्राथमिकता तय करें और मनी मैटर्स को लेकर एक-दूसरे से कुछ भी न छिपाएं.- विजया कठाले निबंधे
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