- नैना सक्सेना, कानपुर.
मार्केट में कई तरह के इंट्रायूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस उपलब्ध हैं. अगर आपकी सहेली ने मल्टीलोड 250 इस्तेमाल किया होगा, तो उन्हें 3 साल बाद बदलवाना होगा, क्योंकि वह 3 सालों तक ही प्रभावशाली होता है, उसके बाद कंसीव करने का ख़तरा बढ़ जाता है. हो सकता है कि आप कॉपर टी 380 इस्तेमाल कर रही हों, जो 10 सालों तक काम करता है. बेहतर होगा कि आप अपनी मेडिकल फाइल में चेक करें, ताकि कंफ्यूज़न दूर हो सके. यह भी पढ़ें: बार-बार वेजाइनल इंफेक्शन क्यों होता है? मेरी पिछली प्रेग्नेंसी बहुत कष्टदायक थी. डिलीवरी के बाद नाल अपने आप नहीं निकली, इसलिए एनीस्थिसिया देकर निकालना पड़ा. इसके बाद खून की कमी हो गई और मुझे ब्लड चढ़ाना पड़ा. उसके बाद कई दिनों तक मुझे बहुत कमज़ोरी महसूस हुई. मैं दोबारा प्रेग्नेंट हूं और मुझे डर है कि कहीं पिछली बार वाली प्रॉब्लम दोबारा न हो जाए?- ममता मेहता, चंडीगढ़.
जिस प्रकिया से आप गुज़री हैं, उसे नाल का मैन्युअल रिमूवल कहते हैं. इसका कारण गर्भाशय के आकार का असामान्य होना हो सकता है. असामान्य आकार के कारण नाल को निकलना मुश्किल हो जाता है, इसलिए उसे डॉक्टर को मैन्युअली निकालना पड़ता है. ऐसा दोबारा होने की भी संभावना है. अपने ऑब्सट्रेटीशियन को इस बारे में बता दें, ताकि वो पहले से ही ब्लड का इंतज़ाम कर सकें और ज़्यादा परेशानी न हो. यह भी पढ़ें: डिलीवरी के दूसरे ही हफ़्ते ब्रेस्ट्स में दर्द व सूजन हैआईयूडी (IUD) से जुड़े मिथ्स और फैक्ट्स
मिथ: आईयूडी से इंफेक्शन हो सकता है. फैक्ट: द वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन ने इस विषय पर कई स्टडीज़ की हैं, जिन्होंने इस मिथ को ग़लत साबित किया है. पाया गया है कि यह महिलाओं की सेहत के लिए नुक़सानदेह नहीं है. डाटा में यह बात सामने आई है कि जो महिलाएं दूसरे बर्थ कंट्रोल अपनाती हैं, उनके मुकाबले आईयूडी का इस्तेमाल करनेवाली महिलाओं में किसी तरह का इंफेक्शन नहीं पाया गया. मिथ: आईयूडी कई सालों के लिए करवाना पड़ता है. फैक्ट: यही तो आईयूडी की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि इसे आप 3-6 साल या फिर 12 सालों के लिए लगवा सकती हैं. लेकिन ऐसा ज़रूरी भी नहीं है. आप जब चाहे आईयूडी निकलवा सकती हैं. इसके लिए ऐसी कोई समय सीमा नहीं है. मिथ: आईयूडी से पहले पैप स्मीयर करवाना पड़ता है. फैक्ट: यह ज़रूरी नहीं है. अगर आपने बहुत दिनों से पैप स्मीयर टेस्ट नहीं करवाया, तो आईयूडी लगवाते समय आप यह भी करवा सकती हैं. अगर सबकुछ सामान्य लग रहा है, तो रिज़ल्ट का इंतज़ार करने की कोई ज़रूरत नहीं.यह भी पढ़ें: एग्ज़ाम्स के व़क्त पीरियड्स अनियमित क्यों हो जाते हैं?
डॉ. राजश्री कुमार
स्त्रीरोग व कैंसर विशेषज्ञ
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