30 की उम्र के बाद ख़ासतौर पर महिलाओं को ज़्यादा कैल्शियम की आवश्यकता होती है, लेकिन आपकी लापरवाही के कारण शरीर को ज़रूरी कैल्शियम नहीं मिल पाता और हड्डियों से जुड़ी तमाम बीमारियां आपको घेर लेती हैं. आइए जानते हैं कि इस उम्र में कैसे रखें अपनी हड्डियों का ख़्याल, ताकि आप रहें स्वस्थ?
सुबह उठते ही सीधे किचन में जाकर सबके लिए चाय बनाना, बच्चों का टिफिन तैयार करना, पति को ऑफिस के लिए सी-ऑफ करना, घर की दूसरी चीज़ों का ध्यान रखना, ऑफिस के लिए निकलना आदि आपकी नियमित दिनचर्या है. इन सभी काम की लिस्ट में आप सबसे ज़रूरी मेंबर की ज़िम्मेदारी तो भूल ही जाती हैं. जी हां, वो हैं आप. क्या आप जानती हैं कि बढ़ती उम्र के साथ आपकी हड्डियां कैल्शियम खोने लगती हैं, जिससे वो कमज़ोर हो जाती हैं. मज़बूत हड्डियों के लिए डायट में कैल्शियम से भरपूर चीज़ें शामिल करें, ताकि बढ़ती उम्र का असर आपकी हड्डियों पर न हो.
कैल्शियम की कमी के लक्षण?
यदि निम्न लक्षण दिखाई दें, तो समझ जाइए कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है.
मांसपेशियों में दर्दः रात में सोते समय अगर आपके पैरों की मांसपेशियों में दर्द शुरू होने लगता है, तो समझ जाइए कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगी है.
रूखी त्वचाः ठंड में स्किन का ड्राई होना आम बात है, लेकिन अगर ये समस्या ठंडी के बाद भी हो रही है, तो समझ जाइए कि आपके शरीर से कैल्शियम की मात्रा कम होने लगी है.
टूटते नाख़ूनः मज़बूत नाख़ून देखने में भी सुंदर लगते हैं और इस बात को भी दर्शाते हैं कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी नहीं है, लेकिन अपने आप ही नाख़ून टूटने लगे, तो समझ जाइए कि कैल्शियम की कमी है.
दांतों का पीला होनाः रोज़ाना ब्रश करने के बाद भी एक उम्र के बाद अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि अब आपके दांतों की चमक फीकी पड़ने लगी है और वो पीले होने लगे हैं, तो संभल जाइए. दांतों का पीला होना भी कैल्शियम की कमी को दर्शाता है.
पीएमएस की समस्याः पीरियड्स आने के पहले अगर बहुत ज़्यादा तकलीफ़ हो, तो समझ जाइए कि आपकी बॉडी को अब ज़्यादा कैल्शियम की आवश्यकता है.
कैल्शियम से भरपूर डायट लें
आमतौर पर महिलाएं घर की सारी ज़िम्मेदारी तो निभाती हैं, लेकिन जब बात उनके ख़ुद के शरीर की आती है, तो वो टाल जाती हैं. अक्सर काम के चक्कर में महिलाएं सुबह का नाश्ता तो स्किप करती ही हैं, साथ ही अपने डायट को भी अनहेल्दी बना देती हैं. आइए, हम आपको बताते हैं कि कौन-से फूड आपके लिए उपयोगी होंगे.
दूधः प्रतिदिन सुबह नाश्ता ज़रूर करें और नाश्ते में एक ग्लास दूध ज़रूर लें. आप दूध में फल मिलाकर भी खा सकती हैं.
दहीः लंच में खाने के साथ एक कटोरी दही का सेवन शुरू कर दें. हैवी लंच लेना पसंद नहीं करतीं, तो एक कटोरी दही में कुछ फल काटकर मिलाएं और फिर इसे खाएं. इससे दही का स्वाद भी बढ़ जाएगा और शरीर को कैल्शियम भी मिल जाएगा.
हरी पत्तेदार सब्ज़ियांः हरी पत्तेदार सब्ज़ियों में कैल्शियम की मात्रा अधिक पायी जाती है. पालक, मेथी, सोया, मूली के पत्ते, सरसों, पत्तागोभी आदि को डेली डायट में शामिल करें.
फलः संतरा, खजूर, मोसंबी, कीवी, सूखे अंजीर, बेर, शहतूत आदि फलों में कैल्शियम की मात्रा अधिक पाई जाती है. रोज़ाना नियमित रूप से इन फलों का सेवन करने से कैल्शियम की कमी दूर होती है.
हर्ब्स और मसालेः कैल्शियम की कमी को आप हर्ब्स और मसालों के ज़रिए भी दूर कर सकती हैं. तुलसी, पुदीना, अजवायन, लहसुन, दालचीनी आदि में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है. तुलसी की चाय, पुदीना की चटनी और सब्ज़ियों में मसालों का उपयोग करके आप कैल्शियम की कमी को दूर कर सकती हैं.
एक्स्ट्रा टिप्स
- अगर आपको चीज़ स्लाइस पसंद है, तो शाम को स्नैक्स में सैंडविच में चीज़ स्लाइस डालकर खाएं. इससे भी कैल्शियम की कमी बहुत हद तक दूर हो सकती है.
- कैल्शियम से भरपूर खाना खाने के बाद भी अगर आपके शरीर को पर्याप्त कैल्शियम की पूर्ति नहीं हो पा रही है, तो आप कैल्शियम सप्लीमेंट ले सकती हैं. किसी डॉक्टर की सलाह से ही सप्लीमेंट लें.
- शरीर में कैल्शियम की कमी न हो और हड्डियां मज़बूत रहें, इसके लिए सबसे आसान तरीक़ा है कि रोज़ाना धूप सेंकें. सर्दी के मौसम में हड्डियों से संबंधित बीमारियां बढ़ जाती हैं. ऐसे में प्रतिदिन धूप में बैठना फ़ायदेमंद होता है.