सर्दी के मौसम में स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ने लगती हैं, जिनसे हर उम्र के लोग परेशान हो जाते हैं. इसके बारे में डॉ. रिया अग्रवाल का कहना है कि जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमज़ोर होता है, वे लोग ठंड में काफ़ी जल्दी बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं. इसके आलावा जो लोग पहले से ही किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे हैं, जैसे- जिन्हें बीपी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस या सांस संबंधी बीमारी है, तो यह समस्या ज़्यादा बढ़ सकती है.
हाई ब्लड प्रेशर
सर्दियों में हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या बढ़ने की काफ़ी संभावना होती है. इस मौसम में स्किन पोर्स सिकुड़ जाते हैं, साथ ही ब्लड वेसल्स भी संकरी हो जाती हैं, जिसके चलते ब्लड सर्कुलेशन के लिए हार्ट को अधिक प्रेशर लगाना पड़ता है. नतीज़ा, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने की संभावना बढ़ जाती है. इसका प्रमुख कारण कम शारीरिक एक्टिविटी और अधिक खानपान है.
- हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए इस मौसम में अपने खाने में नमक की मात्रा थोड़ी कम कर दें. सेंधा नमक का इस्तेमाल करें.
- आलस की वजह से यूं ही आराम ना करते रहें, बल्कि एक्टिव रहें. वॉक करें.
- सुबह खाली पेट अजवायन और मेथी का पानी पीने की आदत बना लें.
- सर्दियों में हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए नियमित रूप से योगा और एक्सरसाइज़ करें.
टॉन्सिल्स
जब गले के पीछे दो अंडाकार आकार के टिशू पैड्स में सूजन आ जाती है, तब टॉन्सिल होने की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि इस सूजन की वजह से टॉन्सिल बढ़ जाते हैं, जिससे गले में जलन और दर्द होता है.
- सबसे पहले तो दिन में दो बार गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर गरारे करें. इससे काफ़ी आराम मिलेगा.
- आप चाहें तो स्टीम भी ले सकते हैं. इससे गले का इंफेक्शन भी ठीक होता है.
- एक चम्मच अदरक के रस में आधा चम्मच शहद मिलाकर पीने से भी गले को राहत मिलती है.
- जब तक गला ठीक नहीं हो जाता, तब तक गरम पानी ही पीएं.
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ब्रोंकाइटिस की समस्या
विंटर में यदि आपको लगातार खांसी की समस्या बनी रहती है, तो यह ब्रोंकाइटिस के लक्षण हो सकते हैं.
- गले की खराश को कम करने के लिए गर्म पानी की भाप लें. इससे काफ़ी आराम मिलेगा.
- हल्दी में पाए जाने वाला करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है, जो ब्रोंकाइटिस के लक्षणों को कम करता है. इसलिए रात में सोते समय एक ग्लास गर्म दूध में एक टीस्पून हल्दी मिलाकर अच्छी तरह से उबालकर पीएं.
- विंटर में हमारा बॉडी टेंपरेचर कमरे के अंदर ज़्यादा होता है और कमरे के बाहर कम होता है. इस टेंपरेचर के अंतर की वजह से आपको सर्दी-ज़ुकाम की समस्या हो सकती है, जिससे ब्रोंकाइटिस ट्रिगर हो सकता है. इसलिए सुबह उठते ही एकदम से बाहर न जाएं.
- सर्दियों में सुबह उठ कर गर्म पानी पीने से ब्रोंकाइटिस में राहत मिलती है.
- तुलसी और मुलेठी में औषधीय गुण होते हैं, जो ब्रोंकाइटिस इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं. कुछ तुलसी के पत्ते और मुलेठी की जड़ को पानी में उबालें और इसे चाय की तरह पीएं.
- अदरक में जिंजोरल होता है, जिसके सेवन से फेफड़ों के इंफेक्शन को शांत किया जा सकता है, इसलिए अदरक की चाय पीएं.
- बादाम और अखरोट का सेवन करें.
- पेय पदार्थ, हर्बल टी और सूप अधिक लें.
- कच्चे प्याज़ का सेवन करें, इसमें सूजन कम करने के गुण होते है.
- हर्बल चाय पीएं. पानी में आधा चम्मच अदरक पाउडर और 2-3 कालीमिर्च डालकर उबालें. इसके बाद इसमें आधा चम्मच शहद मिलाकर पीएं.
सर्दी, ज़ुकाम और बुखार
सर्दियों के दिनों में ठंडी हवा सीधा रेस्परिटरी ट्रैक्ट पर अटैक करती है. इसके कारण नाक बंद होना, नाक बहना, खांसी, कफ़, गले में दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
- तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर पीएं.
- अलसी के बीजों को मोटा होने तक उबालें. इसमें नींबू का रस व शहद मिलाएं. इस मिश्रण का सेवन खांसी से आराम दिलाता है.
- कालीमिर्च, लौंग, इलायची, बहेड़ा, कच्ची हल्दी, अदरक इत्यादि गर्म चीज़ों का काढ़ा बनाकर पीने से राहत मिलती है.
- पर्याप्त नींद लें और हाइड्रेटेड रहें.
ड्राई स्किन की प्रॉब्लम्स
विंटर में ठंडी हवाओं का चलना वैसे तो आम बात है, लेकिन इन हवाओं का असर हमारी त्वचा पर अधिक पड़ता है और वह अपनी नमी खो देती है. दरअसल, हमारी त्वचा एक प्राकृतिक तेल, जिसे सीबम कहा जाता है, प्रोड्यूस करती है. सर्दियों में इस तेल का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे त्वचा रूखी होने लगती है. इसके कारण डैंड्रफ, फटे होंठ, फटी एड़ियां और रूखी त्वचा की समस्या होती है.
- रात में सोने से पहले सरसों के तेल से मालिश करें. इससे स्किन सॉफ्ट हो जाएगी.
- नहाने के बाद नारियल का तेल अपने हाथ व पैरों पर लगाएं.
- रात में नाभि में दो बूंद नारियल या सरसों का तेल डालकर सोएं. इससे होंठ नहीं फटेंगे.
- बॉडी को हाइड्रेटेड रखने के लिए रोज़ाना एक ग्लास दूध में चुटकीभर हल्दी और बादाम का तेल डालकर पीएं.
- डायट का पूरा ध्यान रखें और अपने खाने में हरी सब्ज़ियां और फलों को ज़रूर शामिल करें.
- पानी पीने की मात्रा भी सही रखें यानी भरपूर पानी पीएं.
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जोड़ों में दर्द
सर्दियों में तापमान में नमी के कारण जोड़ों की नसें सिकुड़ जाती हैं और इस हिस्से में रक्त का तापमान कम हो जाता है. इस वजह से रक्तसंचार सही से नहीं होता, जिससे जोड़ों में दर्द और अकड़न बढ़ जाती है, ख़ासकर महिलाओं को यह तकलीफ़ ज़्यादा रहती है.
- पैरों को गर्म रखें.
- व्यायाम करें और हो सके तो धूप में भरपूर बैठें. इससे मांसपेशियों की सिंकाई भी होगी.
- गोंद के लड्डू खाएं. यह जोड़ों के दर्द में बहुत फ़ायदेमंद रहता है.
- गर्म कपड़े पहनकर रखें और एक्सरसाइज़ करते रहें.
- सरसों के तेल में लहसुन मिलाकर उसे गर्म करें और इससे हाथ-पैरों की मालिश करें. इससे जोड़ों में होने वाला दर्द ठीक होगा.
- अधिक भारी कपड़े पहनने से बचें.
कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना
दरअसल, सर्दी में जहां शारीरिक गतिविधियां घटती हैं, वहीं भोजन में तले हुए पदार्थों की मात्रा बढ़ती है, जिससे कोलेस्ट्रॉल बढ़ने लगता है. साल 2021 में आई इंडिया फिट रिपोर्ट के अनुसार 50.42 फ़ीसदी भारतीय कोलेस्ट्रॉल को लेकर हाई रिस्क या बॉर्डरलाइन पर हैं.
- सेहतमंद आदतें अपनाएं.
- प्रोसेस्ड फूड का इस्तेमाल कम करें. इसकी जगह अधिक फल और सब्ज़ियां खाएं.
- फैट फ्री दूध लें. लो फैट दही लें.
- कोशिश करें कि कम शुगर वाले प्रोडक्ट्स लें.
- कोलेस्टॉल लेवल को कंट्रोल करने के लिए लौकी और पालक का जूस लें. यह मिश्रित जूस शरीर में फैट की मात्रा को कम करता है. साथ ही शरीर में ब्लॉकेज़ की समस्या के ख़तरे को भी कम करता है.
- सर्दियों के मौसम में अक्सर लोग गज्जक, रेवड़ी, लड्डू, गाजर का हलवा जैसी मीठी चीज़ें अधिक खाने लगते हैं, जिससे बैड कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो जाती है. इसलिए इस मौसम में अधिक मीठा खाने से बचें.
- ज़्यादा शराब पीने से भी ख़राब कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है, इसलिए अल्कोहल का सेवन ना करें.
- अगर अत्यधिक ठंड की वजह से बाहर वॉक करने नहीं जा पा रहे हैं, तो घर पर ही हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ ज़रूर करें.
ईयर इंफेक्शन
विंटर में लोगों को कानों में अत्यधिक सूखापन और एलर्जिक राइनाइटिस के कारण कान में संक्रमण होता है. यह कान में फंगल संक्रमण का कारण बन सकता है. साथ ही टिशू में जलन और दर्द का कारण भी बनता है. संक्रमण होने पर व्यक्ति को कान में जलन, नमी या बैक्टीरिया ओटिटिस पनपने लगते हैं.
- दर्द को दूर करने के लिए कान के आसपास गर्म सेंक या आइस पैक लगाएं.
- नहाते वक़्त कानों के अंदर पानी ना जाए, इस बात का ख़्याल रखें.
- सर्दी के मौसम में कैप लगाकर रखें, ताकि ठंडी हवा कानों में ना जाएं.
- हवा से बचने के लिए कानों में रुई का प्रयोग ना करें. ऐसा करने से कान की नलिका में सूजन आ सकती है.
- कभी भी कान में सुई, माचिस की तीली जैसी नुकीली चीज़ें ना डालें.
- कान में दर्द होने पर अधिक घरेलू नुस्ख़े ना अपनाएं, इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है. बेहतर होगा कि डॉक्टर को दिखाकर ही उपचार कराएं.
- शिखा जैन
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