क्या आप जानते हैं कि 108 हिंदू का पवित्र अंक माना जाता है. यह अंक दरअसल सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी का अनुपात है/सूर्य का व्यास या चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी/चंद्रमा का व्यास है. यही वजह है कि यह अंक हमारी पूजा की माला इतना महत्वपूर्ण है.
यह भी जानें... शृंगार के लिए हाथों में चूड़ियां पहनने से न स़िर्फ ख़ूबसूरती बढ़ती है, बल्कि यह कलाई के भाग की क्रियाशीलता बढ़ाकर ब्लड सर्कुलेशन भी बढ़ाती हैं, जिससे मन-मस्तिष्क पूरी तरह से ताज़गी का अनुभव करता है.
क्या आप जानते हैं... जो लोग ज़्यादा हंसते हैं, वो शारीरिक व मानसिक दर्द को बेहतर तरी़के से हैंडल और टॉलरेट कर सकते हैं.
शोध बताते हैं, स्पर्श में बहुत शक्ति होती है. गले मिलने और हाथ पकड़ने से न स़िर्फ तनाव दूर होता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है.
वैज्ञानिक मानते हैं... शंख फूंकने से उसकी ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक की अनेक बीमारियों के कीटाणु ध्वनि-स्पंदन से नष्ट हो जाते हैं. बर्लिन विश्वविद्यालय ने शंखध्वनि पर अनुसंधान कर यह पाया कि इसकी तरंगें बैक्टीरिया तथा अन्य रोगाणुओं को नष्ट करने के लिए उत्तम व सस्ती औषधि हैं. इसके अलावा शंख बजाने से फेफड़े मज़बूत होते हैं जिससे श्वास संबंधी रोगों से बचाव होता है.