Link Copied
हेल्थ सिगनल्स: अनदेखा न करें इन्हें (Health Signals: Do Not Ignore)
छोटी से छोटी बीमारी कब बड़ा रोग बन जाती है कह नहीं सकते. ऐसे में थोड़ी-सी परेशानी होने पर भी उसका समुचित निवारण बहुत ज़रूरी है. बीमारियों के इन शुरुआती लक्षण को नकारने की बजाय जल्द से जल्द उसका इलाज करें. सुबह उठते ही तरोताज़ा महसूस करने की बजाय शरीर का भारी होना, चलते-चलते थक जाना, अचानक ज़्यादा ठंड होने पर सांस की समस्या, हाथ-पैर में अकड़न आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं जिनपर ज़्यादा ध्यान नहीं जाता. महिलाएं इन समस्याओं को हल्के में लेती हैं जो आगे चलकर बड़ी परेशानी खड़ी कर देती है. क्या हैं ये छोटे-छोटे हेल्थ इश्यू? आइए, जानते हैं.
भूलने की आदत
किसी से बात करते हुए अचानक आगे की बात का दिमाग़ में न आना, कल खाने में क्या बनाया था या फिर आज शाम को घर पर कौन आने वाला है जैसी बातों पर बार-बार सोचना पड़े, तो ये कोई मामूली बात नहीं है. हर बार इस तरह की समस्या होने पर अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.
आंखों की कमज़ोरी
खाना बनाते समय या फिर बच्चे को पढ़ाते समय अगर आपको अपनी आंखों पर ज़्यादा ज़ोर देना पड़ रहा है, तो संभल जाइए. इसके साथ ही आंखों के सामने नीला, पीला दिखना भी गंभीर समस्या है. इसे यूं ही हंसकर लापरवाही से टालने की ज़रूरत नहीं है. आंखों से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी होने पर उसे टालने की बजाय अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
हार्टबर्न या सीने में जलन
खाना खाकर तुरंत बिस्तर पर लेटने, टाइट कपड़े पहनने, बहुत ज़्यादा स्पाइसी खाना खाने या हैवी बॉडी होने के नाते इस तरह की समस्या हो जाती है. ऐसा अगर आपको हर दिन हो रहा है या फिर हफ़्ते में 3 दिन भी हो रहा है, तो इसे इग्नोर न करें. तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें. लगातार इस तरह की समस्या से परेशान होने पर कई बार लोग बड़ी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.
स्नोरिंग या खर्राटा
क्या रात में सोते समय आपको खर्राटे मारने की आदत है, अगर हां, तो इसे यूं ही टालने की बजाय और इनकार करने की बजाय इसका सही तरह से उपचार करें. आमतौर पर महिलाओं में मेनोपॉज़ के बाद ये समस्या आम हो जाती है. ऐसे में सही समय पर इसका इलाज करवाना बहुत ज़रूरी होता है.
सिरदर्द
हर सुबह उठते ही क्या आपका सिर भारी-सा लगता है. थोड़े समय तक आप सिरदर्द से परेशान रहती हैं या गले से ऊपर तक का भाग आपको बहुत भारी लगता है? इस तरह की समस्या को अधिकतर महिलाएं ये कहकर टाल देती हैं कि वो रात में सही तरह से सोयी नहीं या तकिया टेढ़ी हो गई थी जैसे कई बहाने बनाती हैं. इस तरह के बहाने से वो ख़ुद का ही नुकसान कर रही हैं. बार-बार सिरदर्द होने से आगे चलकर आपको माइग्रेन की समस्या हो सकती है. कई बार आंखों का नंबर बढ़ने से भी सिर में दर्द की शिकायत रहती है. इसके साथ ही रात में बहुत ज़्यादा स्पाइसी खाने से भी इस तरह की समस्या हो सकती है, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता. इसलिए बार-बार सिरदर्द की शिकायत है तो अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें.
दांतो में दर्द
अधिकतर महिलाओं को इस तरह की समस्या से आए दिन दो चार होना पड़ता है. कभी मसूड़ों से ख़ून निकलना, तो कभी दांतों में पायरिया होना, कभी हल्का दर्द होना या कुछ भी ठंडा या गरम खाने से दांतों में अजीब-सी झंझनाहट होना आदि कुछ ऐसी समस्याएं हैं, जिनपर महिलाएं ज़्यादा ध्यान नहीं देतीं. इस तरह की लापरवाही आपके लिए मुसिबत बन सकती है, इसलिए थोड़ी-सी भी परेशानी होने पर तुरंत डेन्टिस्ट से संपर्क करें.
हाथ-पैर में दर्द रहना
जानकार बताते हैं कि 30 साल के बाद महिलाओं की हड्डियां कमज़ोर होने लगती हैं, जिसके कारण पहले की अपेक्षा अब उन्हें अपने हाथ-पैर में दर्द की शिकायत ज़्यादा होती है. ऐसे दर्द को महिलाएं हर दिन महसूस करती हैं, लेकिन डॉक्टर का नाम लेते ही वो बहाने बनाने लगती हैं. उदाहरण के लिए कई बार वो कहती हैं कि रात को सोते समय हाथ दब गया इसलिए दर्द हो रहा है या फिर वो बाल्टी उठा ली, इसलिए कमर थोड़ी लचक गई. इस तरह के बहाने बनाने छोड़िए और रोज़ाना होने वाले इस दर्द के प्रति संजीदा होइए.
पेट दर्द
अधिकतर महिलाओं को पेट दर्द की समस्या होती है. कभी एसिडिटी तो कभी किसी और वजह से वो पेट दर्द की समस्या से परेशान रहती हैं. पेट दर्द होने पर वो अपने हिसाब से उसका इलाज करती हैं. कभी-कभार इस तरह की समस्या होना आम बात है, लेकिन हर दिन इस तरह की परेशानी होने पर इसे नज़रअंदाज़ करने की बजाय तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. हो सकता है कि पेट में स्टोन या फिर अपेंडिक्स की शिकायत हो. टालने से ये समस्या और भयानक रूप ले लेती है.
क्रैम्प या ऐठन
शरीर में कैल्शियम की कमी से कई बार अचानक हाथ-पैर की उंगलियों में अकड़न आ जाती है. आजकल महिलाओं में ये समस्या आम हो गई है. खाना बनाते समय अचानक से उंगलियों का ऐंठ जाना और दर्द होना, चलते-चलते पैर की उंगलियों का ऐंठ जाना कोई आम बात नहीं है. इसे नज़रअंदाज़ करने पर आगे चलकर शरीर पर इसका बुरा असर पड़ता है.
बैक पेन
उल्टे-सीधे बैठने की आदत, किचन में पूरा दिन खड़े रहकर काम करना या फिर ऑफिस की कुर्सी से पूरे 8 घंटे चिपके रहने से महिलाओं में बैक पेन की शिकायत ज़्यादा होने लगी है. इस तरह की परेशानी होने पर वो बस कुछ घरेलू उपचार या तो कोई पेन किलर ले लेती हैं. डॉक्टर मानते हैं कि बहुत ज़्यादा पेनकिलर खाने से इसका किडनी पर बुरा असर होता है. ऐसे में घर में रखी कोई भी दवा खाने के पहले एक बार अपने फैमिली डॉक्टर से संपर्क करें. इसके साथ ही दर्द को सहने की आदत न डालें. कभी-कभार दर्द होना लाज़मी है, लेकिन इसे अपने नियमित दिनचर्या में हावी न होने दें.