एक वक़्त था जब मेंटल हेल्थ यानी मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अब एकदम अनजान थे. न उस पर कभी बात होती थी, न हीकभी विचार-विमर्श, क्योंकि हमें ये ग़ैर ज़रूरी लगता था. लेकिन वक़्त बदलने के साथ ही थोड़ी जागरूकता आती गई, लेकिन फिर भी अन्य देशों के मुक़ाबले हम आज भी पीछे हैं.
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लेकिन कोविड ने लोगों को काफ़ी जागरुक किया है और अब लोग, यहां तक कि सेलिब्रिटीज़ भी अब अपने मानसिकस्वास्थ्य पर खुलकर बात करते हैं.
पहले अक्सर लोग इसे छिपाया करते थे क्योंकि समाज का रवैया ही कुछ ऐसा था. हमारे देश में मानसिक स्वास्थ्य केइलाज को लेकर भी शर्मिंदगी से जोड़कर देखा जाता है, अक्सर लोगों की यही धारणा होती है कि मनोचिकित्सक के पासतो सिर्फ़ पागल लोग ही जाया करते हैं. समाज में मानसिक बीमारी या समस्या से जूझ रहे लोगों को समर्थन व सहयोगनहीं मिलता. उनको अलग ही नज़रिए से देखा जाता है, जबकि उन्हें ही सबसे ज़्यादा सहयोग की आवश्यकता होती है.
जिस तरह तन के अस्वस्थ होने पर हम इलाज करते हैं, ठीक उसी तरह मन के अस्वस्थ होने पर भी इलाज की ज़रूरत होतीहै.
लेकिन अब काफ़ी बदलाव आया है और लोग अब तन के साथ साथ मन के स्वास्थ्य को भी तवज्जो देने लगे हैं.
यहां हम मेंटल हेल्थ के लिए बेस्ट होम रेमेडीज़ बता रहे हैं, जो आपको हमेशा रखेंगी ऊर्जावान और प्रसन्न.
लेकिन उससे पहले आपको खुद अपने मन को पढ़ना होगा, उसे समझना होगा और उसमें झांकना होगा.
अपने व्यवहार में आए बदलावों को पहचानें…
कई बार हम ग़ौर ही नहीं करते कि हमारा मन उदास है, दुखी है और इन्हीं अनदेखी के करने मेंटल हेल्थ इग्नोर हो जातीहै.
- अपने शुरुआती लक्षणों को पहचानें.
- अपने मूड में आए बदलाव को समझें.
- अपनी एनर्जी में आए बदलाव को जानें.
- अपने डायट में आए चेंजेस को पहचानें.
- अपने हैप्पीनेस लेवल में आई गिरावट को नोट करें.
- एक डायरी में सब नोट करें.
- अपनी परेशानी के कारण को जानने का प्रयास करें.
- क्या प्यार ने धोखा या करियर में नाकामयाबी है इसकी वजह?
- अकेलापन या ग़लत लाइफ़ स्टाइल है इसकी वजह?
- खुद से नाराज़गी के कारण आई है ये उदासी या कुछ और?
कई प्रकार की हो सकती है ये मानसिक समस्या
मेंटल हेल्थ में असंतुलन एक चेन की तरह होती है. एक समस्या दूसरी से जुड़ी होती है या दूसरी समस्या तीसरी को जन्मदेती है. उदासी से अकेलापन और उससे डिप्रेशन आता है. क्रोध और घबराहट से ऐंज़ाइयटी पनपती है. चिंता और परेशानीसे पैनिक अटैक आ सकते है.
क्या उपाय करें?
अगर समस्या अधिक गंभीर है तो ज़ाहिर है आपको हेल्प लेनी चाहिए. एक्सपर्ट के पास जाना चाहिए, लेकिन इन सबकेसाथ ही आपको कुछ घरेलू उपाय भी करने चाहिए, जिनसे आप बेहतर महसूस करेंगे.
- एक्सरसाइज़ करें. रोज़ व्यायाम करने से आप पॉज़िटिव महसूस करेंगे. लेकिन ध्यान रहे कि लाइट एक्सरसाइज़ हीकरें और वही फ़िज़िकल एक्टिविटी करें जो आपको पसंद हो, जैसे- स्विमिंग, साइक्लिंग, वॉकिंग, जॉगिंग, डान्सिंग.
- नींद पूरी लें. ये आपके मस्तिष्क को राहत देगी और बेहतर महसूस कराएगी.
- एक्टिव और अपडेटेड रहें. अलर्ट रहने की कोशिश करें. न्यूज़ देखें और आसपास क्या चल रहा है और आपके मन मेंक्या चल रहा है उन सबके प्रति सचेत रहें.
- शराब या अन्य तरह की लत में सुकून न ढूंढ़ें, ये समस्या को और बढ़ाएंगी.
- लोगों से मिलें-जुलें और शेयर करें. अपने करीबी या दोस्तों से दूर न भागें. सोशल एक्टिविटी का हिस्सा बनें. अपनीसमस्या से अकेले जूझने की बजाय उसे बांटें. इससे आप बेहतर महसूस करेंगे.
- योग और ध्यान करें, क्योंकि मेडिटेशन इमोशनल हेल्थ को बेहतर बनाता है. बढ़ती उम्र संबंधी भूलने की बीमारी मेंबेहद लाभदायक है और एकाग्रता बढ़ाता है.
- रिसर्च कहते हैं कि मेडिटेशन घबराहट को कम करके कई तरह के मानसिक रोगों को भी नियंत्रित करने में सक्षम है. यह फोबिया, लत, विकृत सोच, ऑबसेसिव कंपलसिव डिसऑर्डर आदि में भी फ़ायदेमंद है.
- स्टडीज़ में साबित हुआ है कि मेडिटेशन इंफ्लेमेटरी केमिकल्स को घटाता है. ये केमिकल्स स्ट्रेस के कारण बनते हैं, जो मूड को प्रभावित करके डिप्रेशन पैदा करते हैं. ऐसे में मेडिटेशन इस केमिकल को कम करके डिप्रेशन को कमकरता है.
- ध्यान से मस्तिष्क अल्फ़ा स्टेट में पहुंच जाता है, जिससे हैप्पी होर्मोंस रिलीज़ होते हैं और मन प्रसन्न व ऊर्जावानहोता है.
मेंटल हेल्थ के लिए बेस्ट सुपर फ़ूड्स
अखरोट: ये एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर होते हैं और ये नए न्यूरॉन्स बनाने में मदद करते हैं जिसका मतलब ये है कि इन्हें खानेसे ब्रेंस को नए सेल्स मिलते हैं, जो मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
हरी पत्तिदार सब्ज़ियां: शोध बताते हैं कि जो लोग पालक व मेथी जैसी हरी सब्ज़ियां खाते हैं उनको मस्तिष्क से जुड़ी वबढ़ती उम्र के साथ होने वाली मस्तिष्क की समस्याएं अपेक्षाकृत कम होती हैं.
मछली: इसमें ओमेगा ३ फ़ैटी एसिड होता है जो ब्रेन हेल्थ के लिए काफ़ी अच्छा होता है. ये मेमरी अच्छी बनाए रखता हैऔर ऐंज़ाइयटी के स्तर को काफ़ी हद तक कम करने में मददगार है.
दही: ये एक नेचुरल प्रोबायोटिक है और पेट व आंतों के लिएबेहतरीन है लेकिन ये मेंटल हेल्थ के लिए भी उतना हीलाभदायक है. ये ऐंज़ाइयटी, डिप्रेशन और तनाव को भी कम करता है. आप इसे ब्रेकफ़ास्ट में लें या छाछ बनाकर लें- येहर तरह से फायदेमंद है.
डायट में शामिल करें इन्हें-
विटामिन बी: ये हैप्पी होर्मोंस को रिलीज़ करने me मदद करता है. इसकी कमी से मेंटल हेल्थ पर असर होता है. आपडिप्रेशन या स्ट्रेस का शिकार हो सकते हैं. बेहतर होगा अपने खाने में पनीर, साबूत अनाज, डेयरी प्रोडक्ट्स और अंडे आदिशामिल करें.
कार्बोहाइड्रेट: ये भी मेंटल हेल्थ के लिए काफ़ी ज़रूरी हैं, इसलिए गेहूं, चावल, आलू से लेकर ताज़ा फल व सब्ज़ियां ज़रूरखाएं.
एंटीऑक्सीडेंट्स: ये आपको बेरीज़ में काफ़ी मात्रा में मिलेंगे. स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ताज़ा फल, सब्ज़ियां और नींबू में ये पाएजाते हैं और आपको स्ट्रेस फ्री करके हैप्पी हॉर्मोन को बढ़ाने में मदद करते हैं.
ओमेगा ३ फ़ैटी एसिड: ये ब्रेन हेल्थ के लिए काफ़ी फायदेमंद है. डिप्रेशन को कम करके मेंटल हेल्थ को बनाए रखता है. येआपको फ़िश, नट्स, ऑलिव ऑयल, अंडे आदि में मिलेगा.
मेंटल हेल्थ अब सबकी और सेलेब्स की भी प्राथमिकता है
पिछले दिनों रूबीना दिलैक से लेकर हिना खान तक ने मेंटल हेल्थ के महत्व पर खुलकर कहा. अपने बढ़ते वज़न को लेकरउन्होंने कहा कि बुरे वक़्त में हमने अपने शरीर की ब्यूटी व उसको आकर्षक बनाए रखने की बजाय अपनी मेंटल हेल्थ कोमहत्व दिया. ग्लैम इंडस्ट्री में होने के बावजूद हम ये समझ चुके कि हमें खुद से प्यार करना और खुद को स्वीकारना ज़रूरीहै.
हालांकि इन सेलेब्स को अपने बढ़े वज़न को लेकर ट्रोल भी होना पड़ा और शुरुआत में वो खुद भी डिप्रेशन महसूस करनेलगी थी लेकिन उन्होंने कमबैक किया और ट्रोल्स को भी मुंहतोड़ जवाब दिया.
- गीता शर्मा