पुरुषों में 90% इफंर्टिलिटी के मामलों में मुख्य कारण स्पर्म काउंट कम होना, स्पर्म की क्वालिटी में कमी या दोनों होते हैं. अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्टे्रस, असंतुलित डायट के अलावा स्पर्म काउंट कम होने के और भी कई कारण होते हैं. हमारी रोज़मर्रा की कुछ आदतें भी हमारे स्पर्म की हेल्थ को नुकसान पहुंचाती हैं और हमें इस बात का अंदाज़ा भी नहीं होता. अगर आप स्पर्म को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो फौरन इन आदतों को बदल दें.
1. मोबाइल को जेब में रखने की आदत
शर्ट की जेब में मोबाइल रखने से हार्ट डिसीज़ होने के ख़तरे के बारे में तो आपने सुना होगा, लेकिन पैंट के जेब में मोबाइल रखना भी आपके लिए ख़तरनाक हो सकता है. मोबाइल सीधे आपके स्पर्म पर असर करेगा और आपका स्पर्म काउंट कम होना शुरू हो जाएगा. रिसर्च के अनुसार मोबाइल का रेडिएशन इतना ज़्यादा होता है कि रोज़ अगर पैंट की जेब में मोबाइल रखा जाए, तो हर महीने आपका स्पर्म काउंट 9 प्रतिशत तक कम हो सकता है. अगर स्पर्म को हेल्दी रखना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि पैंट की जेब में मोबाइल रखने से बचें.
2. शुगर ड्रिंक्स की आदत
अगर आपको कोल्ड ड्रिंक्स या कोई भी शुगर बेस्ड ड्रिंक्स पीने की आदत है, तो इसे भी तुरंत बदल दें, क्योंकि ये भी आपके स्पर्म काउंट पर सीधा असर डालता है. कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में शक्कर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है. इसे रोज़ाना या ज़्यादा पीने से स्पर्म बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती हे.
3. लैपटॉप को गोद में रखकर काम करना
अगर आप भी रेग्युलर लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते हैं, तो ये भी आपके स्पर्म की हेल्थ के लिए ठीक नहीं. लैपटॉप से निकलने वाली हीट टेस्टिकल्स यानी अंडकोष का तापमान बढ़ा सकती है. टेस्टिकल्स का तापमान सामान्यतः 2 डिग्री होना चाहिए, लेकिन गोद में लैपटॉप रखने से ये तापमान बढ़ जाता है, जिससे आपके स्पर्म को नुकसान पहुंचता है. लंबे समय तक ऐसा करने से स्पर्म काउंट घटता है. इसलिए लैपटॉप को हमेशा मेज़ या बेड पर रख कर काम करें. यदि आप लैपटॉप गोद में रखकर ही काम करने में कंफर्टेबल फील करते हैं, तो एक्स्ट्रा केयर के लिए लैप पैड का इस्तेमाल करें और बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें, ताकि हीट बहुत ज़्यादा न हो.
4. टाइट जींस, पैंट या अंडरवेयर पहनना
टाइट जींस पहनकर भले ही आप हैंडसम लगते हों, लेकिन ये आपके स्पर्म काउंट के लिए सही नहीं. टाइट कपड़े पहनने से अंडकोष की थैली का टेम्प्रेचर बढ़ने लगता है, जिससे स्पर्म काउंट घटने लगता है. इसी तरह टाइट अंडरवेयर पहनने से भी बचें. एक रिसर्च में पाया गया है कि जो पुरुष ढीले अंडरवियर पहनते हैं, उनके स्पर्म की क्वालिटी टाइट अंडरवियर पहनने वाले पुरुषों से बेहतर होती है.
5. ड्रिंकिंग और स्मोकिंग
आज के समय में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग सोशल लाइफ का हिस्सा बन गया है, लेकिन ड्रिंकिंग या स्मोकिंग से बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है. इससे स्पर्म काउंट कम होने लगता है. ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 5 यूनिट शराब पीने से न केवल पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है, बल्कि यह स्पर्म काउंट को भी कम करता है. इसके अलावा स्मोकिंग डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे स्पर्म म्यूटेशन को बढ़ावा मिलता है. इसलिए जहां तक हो सके, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से दूर रहें.
6. तनाव
आजकल ज़िंदगी बहुत स्ट्रेसफुल हो गई है. स्ट्रेस के शरीर पर कई साइड इफेक्ट्स होते हैं. ये कई हेल्थ प्रॉब्लम्स की वजह तो बनता ही है, स्पर्म को भी प्रभावित करता है. लगातार स्ट्रेस में रहने से बॉडी का हार्मोनल लेवल बिगड़ जाता है. इससे बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन भी बिगड़ता है, जिससे न केवल स्पर्म काउंट कम होता है, बल्कि स्पर्म प्रोडक्शन और स्पर्म की क्वालिटी भी प्रभावित होती है.
7. पर्याप्त नींद न लेना
पर्याप्त नींद न लेने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स तो होती ही हैं, ये आपके स्पर्म की हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक है. दरअसल रोज़ाना कम से कम 7 घंटे की नींद न लेने से बॉडी में स्ट्रेस बढ़ाने वाले हार्मोन्स का लेवन बढ़ जाता है. इससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन भी गड़बड़ हो जाता है. इसका असर स्पर्म काउंट पर पड़ता है.
8. एक्सरसाइज़ न करना और मोटापा
बीएमआई का हाई लेवल शरीर में कई बीमारियों के ख़तरे को तो बढ़ाता ही है, फर्टिलिटी को भी प्रभावित करता है. ओबेसिटी से शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है, जो सीधे तौर पर स्पर्म के प्रोडक्शन पर असर करता है. बॉडी में फैट का एक्स्ट्रा लेवल शरीर के टेम्प्रेचर ख़ासकर टेस्टिकल एरिया के तापमान को बढ़ा देता है, जिससे स्पर्म काउंट कम होता है.
9. हॉट बाथ
हॉट बाथ से शरीर रिलैक्स भले ही फील करता हो, लेकिन इसका स्पर्म काउंट पर उल्टा असर होता है. दरअसल हॉट बाथ से शरीर के साथ-साथ टेस्टिकल्स यानी अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है, जिससे स्पर्म की क्वालिटी ख़राब होती है और स्पर्म काउंट भी घटता है. फर्टिलिटी बनाए रखना चाहते हैं तो रोज़ाना हॉट बाथ से बचें.
10. सनस्क्रीन
आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन ये सच है कि सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल्स आपके स्पर्म काउंट को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसलिए सनस्क्रीन इस्तेमाल करते समय भी सावधानी बरतें. सनस्क्रीन में पाए जानेवाले केमिकल्स स्पर्म काउंट को 33% कम कर सकते हैं. इसमें मौजूद ऑक्टीनॉक्सेट हार्मोन लेवल में बदलाव लाता है, जबकि ऑक्सीबेनज़ोन स्पर्म प्रोडक्शन को धीमा कर देता है. इसलिए बेहतर होगा कि धूप में कम ही निकलें और अगर सनस्क्रीन अप्लाई कर रहे हैं, तो धूप से लौटते ही तुरंत चेहरा धो लें.
11. आहार में सोया शामिल करें
ये सच है कि शाकाहारी लोगों के लिए सोया को प्रोटीन का बढ़िया स्रोत माना जाता है, लेकिन ये भी सच है कि सोया शरीर में महिला हार्मोन के प्रोडक्शन को बढ़ावा देता है, जिससे पुरुष हार्मोन कम हो जाता है. इससे स्पर्म को नुकसान पहुंचता है. हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिसर्च के अनुसार डायट में ज़्यादा सोया प्रोडक्ट्स शामिल करने से इसमें मौजूद आइसोफ्लेवॉन स्पर्म की संख्या को कम कर देते हैं. अध्ययन से पता चला कि एक दिन में सोया के हाफ सर्विंग का सेवन भी स्पर्म को नुकसान पहुंचाने के लिए काफी है. इसीलिए फर्टिलिटी को बनाए रखना चाहते हैं, तो सोया दूध और टोफू का सेवन कम कर दें.
स्पर्म काउंट बढ़ाना है तो खाएं ये फूड
अनारः एक रिसर्च के अनुसार अनार का जूस स्पर्म काउंट और स्पर्म की क्वालिटी बढ़ाता है. रोज़ एक ग्लास अनार का जूस पीने से पुरुषों की फर्टिलिटी बेहतर बनती है.
कद्दू के बीजः कद्दू के बीज में मौजूद ज़िंक और ओमेगा 3 फैटी एसिड पुरुषों के अंगों में ब्लड सर्कुलेशन को तेज़ करते हैं. रोज़ाना एक मुट्ठी कद्दू का बीज खाने से टेस्टोस्टेरॉन और स्पर्म काउंट बढ़ता है.
केलाः केले में मौजूद ब्रोमेलिन नामक एंजाइम और विटामिन बी पुरुषों का स्टेमिना, एनर्जी और स्पर्म काउंट बढ़ाते हैं. इसलिए रोज़ सुबह-शाम एक केला ज़रूर खाएं.
अखरोटः रोज़ एक मुट्ठी अखरोट खाने से स्पर्म काउंट बेहतर होता है और उसकी क्वालिटी भी इम्प्रूव होती है. दरअसल अखरोट में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड मेल आर्गन में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाते हैं, जिसका असर स्पर्म पर दिखाई देता है.
अंडाः प्रोटीन और विटामिन ई से भरपूर अंडे खाने से स्पर्म हेल्दी होता है और उसकी क्वालिटी भी बेहतर बनती है. रोज़ नाश्ते में 2 अंडे को ज़रूर शामिल करें.
गाजरः गाजर में मौजूद विटामिन ए स्पर्म प्रोडक्शन को बेहतर बनाता है. गाजर के सेवन से फर्टिलिटी बढ़ती है.