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जन्मदिन मुबारक हो शबाना आज़मी: बेबाक़, बिंदास व बेहतरीन अदाकारा (Happy Birthday Shabana Azmi: Excellent Actress)
बहुमुखी प्रतिभा की धनी शबाना आज़मी का आज जन्मदिन है. वे अपने बेहतरीन अभिनय, बेबाक़ राय और बिंदास अंदाज़ के लिए जानी जाती हैं. पिछले चार दशक से उनका फिल्मी सफ़र कई ख़ूबसूरत पड़ावों को पार करता हुआ अनवरत चल रहा है. सशक्त अदाकारी से उन्होंने हर किसी को प्रभावित किया है.
* शबाना आज़मी मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से मनोविज्ञान में ग्रेज्युट हैं. शायद उनकी इसी पढ़ाई का प्रभाव उनके दमदार अभिनय में भी देखने को मिलता है.
* शबानाजी अपने सशक्त अभिनय और बहुमुखी क़िरदारों को प्रभावशाली अंदाज़ में निभाए जाने के लिए जानी जाती हैं. तभी तो अपनी पहली ही फिल्म अंकुर में राष्ट्रीय पुरस्कार उन्होंने जीता था.
* उसके बाद तो उन्होंने कई फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड्स जीते, जिनमें विशेष तौर पर अर्थ, खंडहर, पार हैं.
* शबानाजी के पिता कैफ़ी आज़मी जाने-माने शायर रहे हैं. उन्हीं से लेखनी का सबक सीखने जावेद अख़्तर शबानाजी के घर आया करते थे, तभी ही दोनों एक-दूसरे के प्रति आकर्षित हुए.
* लेकिन उनका पहला क्रश हैंडसम-चार्मिंग शशि कपूर थे. दरअसल, पृथ्वीराज कपूर कैफ़ी आज़मी के पड़ोस में रहते थे और अपने पिता से मिलने शशि कपूर अक्सर वहां आया करते थे.
* शबानाजी उनकी इस कदर दीवानी थीं कि एक बार तो उन्होंने उनकी फोटो पर शशिजी का आटोग्राफ भी ले लिया.
* वैसे उनकी दिली तमन्ना उनके साथ बहुत काम करने की थी, पर वे एकमात्र फकीरा फिल्म में ही उनके साथ काम कर पाईं.
* शशि कपूर के अलावा उन्हें शेखर कपूर पर भी क्रश था, पर क़िस्मत ने जीवनभर का साथ जावेद अख़्तर के साथ जोड़ा था.
* शबानाजी अपने बिंदास रोल के लिए भी काफ़ी जानी जाती रही हैं. फिर चाहे फिल्मी करियर की शुरुआती दौर में मंडी फिल्म का बोल्ड सीन हो या फिर समलैंगिकता पर फायर मूवी.
* व्यक्तिगत ज़िंदगी हो या फिल्में शबानाजी ने हर भूमिका के साथ न्याय किया. तभी तो जावेद साहब की पहली पत्नी हनी ईरानी के दोनों बच्चों फरहान अख़्तर और ज़ोया अख़्तर के साथ भी उनके उतने ही मधुर संबंध हैं, जितने जावेदजी के साथ है.
* फिल्मों में पर्दापण उन्होंने श्याम बेनेगल की अंकुर फिल्म से की थी. यह हैदराबाद की एक सच्ची प्रेम कहानी पर आधारित थी. इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला, जबकि इस रोल के लिए वे श्याम बेनेगल की पहली पसंद नहीं थीं.
* बहुत कम लोग जानते हैं कि फिल्मों में आने की ख़्वाहिश उन्हें जया बच्चन के कारण हुई. जब उन्होंने जयाजी को फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की फिल्म सुमन में देखा था.
* शबानाजी की मां शौक़त आज़मी रंगमंच की बेहतरीन कलाकार थीं.
* शबानाजी ने लगातार तीन साल तक यानी 1983 से लेकर 1985 तक राष्ट्रीय पुरस्कार अपने नाम किया था. इसके बाद गॉडमदर के लिए भी उन्हें नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
* फिल्म वॉटर के लिए शबानाजी ने अपने बाल भी निकलवाए थे और बिना बाल के वे बेहद ख़ूबसूरत भी लगती थीं. लेकिन कुछ कारणवश फिल्म की कास्ट चेंज हो गई.
* आज 70 की उम्र में भी वे अपनी अदाकारी के दमख़म से अच्छे से अच्छा कलाकार को भी कड़ी चुनौती देती हैं. तभी तो जज़्बा फिल्म में एक तरफ़ उनका निगेटिव शेड था, तो दूसरी तरफ़ ऐश्वर्या राय बच्चन और इरफान ख़ान की मंजी अदाकारी.
* शबानाजी पांच बार फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के अलावा पद्मश्री व पद्मभूषण से भी सम्मानित हो चुकी हैं.
* अंकुर, मंडी, अर्थ, खंडहर, पार, गॉडमदर, शतरंज के खिलाड़ी, फायर, मकड़ी, जज़्बा में उनके विविधतापूर्ण सशक्त अभिनय ने हर किसी को प्रभावित किया.
* फिल्म शीर कोरमा में दर्शकों को उनका अलग अंदाज़ दिखा.
* हिंदी के अलावा अन्य भाषाओं में उन्होंने क़रीब 122 फिल्मों में अभिनय किया है.
* मेरी सहेली की तरफ़ से उन्हें जन्मदिन मुबारक! वे यूं ही अभिनय के रंग बिखेरती रहें.
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