राजकुमार का फिल्मी सफ़र...
* मध्यमवर्गीय परिवार के राजकुमार राव का जन्म गुरुग्राम में हुआ. * बचपन से लेकर फिल्मी शुरुआती दौर तक उन्हें क़दम-क़दम पर संघर्ष करना पड़ा. * स्कूली पढ़ाई गुड़गांव के ब्लू बेल्स मॉर्डन स्कूल से की. साथ ही वे थिएटर भी करते रहे. दसवीं करने के बाद उनका रुझान अभिनय की तरफ़ बढ़ता चला गया. * एक दौर ऐसा भी रहा जब राजकुमार के पास स्कूल की फीस देने के पैसे नहीं थे. तब उनके टीचर ने दो साल तक उनकी पढ़ाई का ख़र्च उठाया. क़िस्मत का खेल देखें, कहा जाता है आज वही राजकुमार एक फिल्म के लिए सात करोड़ तक लेते हैं. * वे शाहरुख ख़ान के ज़बर्दस्त फैन हैं. उनकी तस्वीरों से बातें करते हुए वे अक्सर यह सोचा करते थे कि जब शाहरुख ने बिना किसी गॉडफादर के कामयाब रहे और अपना एक मुक़ाम हासिल किया, तो वे क्यों नहीं ऐसा कर सकते. * पुणे से एक्टिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद साल 2009 में फिल्मों में क़िस्मत आज़माने के लिए मुंबई आ गए. * संघर्ष के दौर में कई बार उन्हें अपने दोस्तों के साथ खाना तक शेयर करना पड़ा. * उन्हीं दिनों उनकी मां ने उन्हें अपने नाम की स्पैलिंग बदलने के लिए कहा. मां ने इसके लिए न्यूमेरोलॉजिस्ट से बात की थी. तब वे Rajkumar से Rajkummar लिखने लगे. * आज दस साल में उन्होंने शाहिद, न्यूटन, ट्रैप्ड, स्त्री, बरेली की बर्फी, क्वीन, जजमेंटल है क्या जैसी एक से एक बेहतरीन फिल्में कीं. * शाहिद फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड तक मिला. * उनकी न्यूटन फिल्म तो ऑस्कर के लिए भी भेजी गई थी. * सिटी लाइट फिल्म में एक्ट्रेस पत्रलेखा पॉल के साथ ऐसी जोड़ी जमी की. दोनों ही एक-दूसरे के हो गए. पत्रलेखा ने लव गेम्स, नानू की जानू जैसी फिल्मों में काम किया है. * एक इंटरव्यू में पत्रलेखा ने बड़ी दिलचस्प बातें कहीं कि जब वे पहली बार राजकुमार से मिली थीं, तब वे बेहद अजीब लगे थे. लेकिन धीरे-धीरे साथ काम करते हुए उनके बारे में जाना तो वे बहुत ही प्यारे और न्यारे लगे. * जब राजकुमार संघर्ष के दौर से गुज़र रहे थे, तब उन्होने एक महंगी डिज़ाइनर बैग उन्हें उपहार में दी थी, जो विदेश यात्रा के समय चोरी हो गई. पत्रलेखा दुखी होकर राजकुमार को इसके बारे में बताया था. लेकिन सुखद आश्चर्य हुआ जब वे वापस आई, तो उसी तरह दूसरा बैग उन्हें राजकुमार ने दोबारा गिफ्ट में दी. * उनकी मुलाक़ातों में राजकुमार अक्सर देरी से आया करते थे, लेकिन एक बार जब एयरपोर्ट पर ट्रैफिक जाम था, उनसे मिलने की ख़ातिर राजकुमार वहां से पैदल ही जुहू की तरफ़ दौड़ते-भागते आए. उनके इस प्यार पर पत्रलेखा भावविभोर हो गईं. * राजकुमार ने भी भावनाओं में बहते हुए कहा कि उन्हें पहली ही नज़र में पत्रलेखा से प्यार हो गया था और उन्हें अपना जीवनसाथी बनाने का बन बना लिया था. * राजकुमार व पत्रलेखा पिछले नौ साल से साथ हैं. आज जहां कई सितारे अपने रिश्तों को छिपाते फिरते हैं, वहीं इन दोनों ने कभी भी ऐसा नहीं किया. * राजकुमार ने आज अपने अभिनय के जुनून, मेहनत-लगन व ज़ज्बे के कारण फिल्म इंडस्ट्री मे अपनी एक अलग पहचान बना ली है. मेरी सहेली की ओर से उन्हें जन्मदिन की ढेर सारी बधाई और आगे के सफ़र के लिए शुभकामनाएं.- ऊषा गुप्ता
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