एक्ट्रेस, डांंसर, पद्मभूषण से सम्मानित, राज्यसभा सदस्य, भाजपा सांसद और मेरी सहेली की संपादक हेमा मालिनी का आज जन्मदिन है. हेमा मालिनी की कामयाबी की फेहरिस्त बहुत लंबी है, फिर चाहे एक्टिंग हो, डांस या राजनीति, हेमा मालिनी ने हर क्षेत्र में हमेशा बेस्ट बेस्ट परफॉर्म किया. हेमा मालिनी के फैन्स ने यदि उन्हें ड्रीम गर्ल का ख़िताब दिया, तो उस खिताब को बरकरार रखने के लिए हेमा जी ने हमेशा मेहनत की है और आज भी खुद को खूबसूरत और फिट बनाए रखा है. हेमा मालिनी के जन्मदिन पर देखें उनकी अब तक की रेयर पिक्चर्स इस वीडियो में!
ऐसे पूरे हुए हेमा मालिनी के सपने!
एक आम लड़की की तरह हेमा मालिनी ने भी अपने लिए कुछ हसीन सपने देखे थे और ज़िंदगी ने उन्हें ड्रीमगर्ल का ख़िताब दे दिया. उन्होंने आसमान छूने की ख़्वाहिश की और उनके फैन्स ने उन्हें फलक पर बिठा दिया. हेमा मालिनी ने ज़िंदगी में अपने हर किरदार को पूरी शिद्दत से निभाया और ज़िंदगी ने हमेशा उन्हें उनकी ख़्वाहिश से ज़्यादा ही दिया है. हेमा मालिनी का ये कहना है, "बेशक, हर सपना पूरा होता है यदि आप सही दिशा में काम कर रहे हों और आपने अपने सपने को पूरा करने की हर मुमकिन कोशिश की हो. यदि हम अपने अतीत पर नज़र डालेंगे, तो पाएंगे कि आज हम जो कुछ भी हैं वो अतीत में हमारे द्वारा किए गए प्रयासों का ही नतीजा है. आप पूरी ईमानदारी के साथ जितने बड़े सपने देखते हैं, ज़िंदगी आपको उससे कहीं ज़्यादा देती है, लेकिन उसके लिए आपका अपने सपनों के प्रति ईमानदार होना ज़रूरी है. हमें बचपन से अपने बच्चों को ये बात सिखानी चाहिए कि बड़े लक्ष्य रखो, बड़े सपने देखो और उन्हें पूरा करने के लिए जी जान से मेहनत करो, फिर आपको वो चीज़ पाने से कोई नहीं रोक सकता."
हेमा मालिनी कहती हैं, "मैं भी एक बेहद आम-सी लड़की थी, लेकिन मेरी मां ने मेरे लिए बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए मुझे सही दिशा दी. अगर मेरी मां कोई और होती, तो शायद मैं आज यहां न होती. मेरी मां ने मेरी ज़िंदगी को सही दिशा दी और मुझे उसके लिए मेहनत करने की हिम्मत भी दी. आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें मेरी मां का बहुत बड़ा रोल है. बचपन में जब मैं अपनी खिड़की से बाहर देखती थी कि मेरे फ्रेंड्स बाहर खेल रहे हैं और मैं घर में डांस की प्रैक्टिस कर रही हूं, तो मुझे मां पर बहुत ग़ुस्सा आता था, लेकिन आज जब मैं देखती हूं कि वो लड़कियां कहां हैं और मैं कहां हूं, तब समझ में आता है कि मेरी मां ने मेरे लिए कितने बड़े सपने देखे और उन्हें पूरा करने के लिए कितनी मेहनत की. आज मैं जो कुछ भी हूं, अपनी मां की वजह से हूं. बच्चों को प्यार देना जितना ज़रूरी है, उन्हें अनुशासन में रखना भी उतना ही ज़रूरी है. मां ने मेरे साथ भी ऐसा ही किया, उन्होंने मुझे सिखाया कि आपके पास यदि हुनर है, तो उसे इतना निखारो कि आपका हुनर ही आपकी पहचान बन जाए. मैंने यदि कला की साधना की है, तो कला ने भी मुझे नाम-शोहरत सब कुछ दिया है."