बालों से जुड़े मिथक कई बार हमें ग़लतफ़हमी में उलझा देते हैं. ऐसा न हो इसलिए हम आपको बता रहे हैं बालों से जुड़े सामान्य मिथकों की सच्चाई ताकि आपके बाल स्वस्थ रहें और सुंदर नज़र आएं.
मिथक- कंडीशनर से दोमुंहे बालों की समस्या से निजात मिलती है.
सच्चाई- कोई भी कंडीशनर दोमुंहे बालों की समस्या को ख़त्म नहीं करता.
मिथक- बार-बार धोने से बाल गिरने लगते हैं और ड्राई हो जाते हैं.
सच्चाई- इस बात में बिल्कुल सच्चाई नहीं है, बल्कि एक्सपर्ट्स तो हफ्ते में 2-3 बार बाल धोने की सलाह देते हैं.
मिथक- कलर कराने से बाल गिरते हैं.
सच्चाई- आयुर्वेदिक और अच्छे ब्रांड के कलरिंग प्रॉडक्ट्स बालों को नुक़सान नहीं पहुंचाते. अगर हेयर टाइप को ध्यान में रखते हुए अच्छी क्वालिटी के हेयर कलर का इस्तेमाल किया जाए तो इससे बाल गिरते नहीं, बल्कि आकर्षक दिखते हैं.
मिथक- टाइट चोटी बांधने से बाल बढ़ते हैं.
सच्चाई- उलझे हुए बाल जल्दी टूटते हैं. ऐसे में बालों की टाइट चोटी बांधने से उनके उलझने की संभावना कम हो जाती है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि टाइट चोटी बनाने से बाल बढ़ते हैं.
मिथक- कंडीशनर लगाकर तुरंत बाल धो देने से उसका असर नहीं होता.
सच्चाई- ये धारणा सही नहीं है. दरअसल, कंडीशनर अप्लाई करने के 2-3 मिनट बाद बाल धोने पर बाल सिल्की और शाइनी बने रहते हैं.
मिथक- हमेशा बाल कटवाते रहने से बाल घने हो जाते हैं.
सच्चाई- छोटे बाल घने ज़रूर दिखते हैं, लेकिन हेयर कटिंग से बालों की नॉर्मल ग्रोथ रेट में कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता.
मिथक- एक स़फेद बाल तोड़ने पर उसकी जगह कई स़फेद बाल उग आते हैं.
सच्चाई- ये धारणा सरासर ग़लत है. स़फेद बाल को तोड़ने का असर बाकी बालों पर नहीं होता.
मिथक- सोते समय यदि बाल गीले हों तो स्काल्प फंगस होने का ख़तरा बना रहता है.
सच्चाई- स्काल्प इंफेक्शन का गीले बालों से कोई संबंध नहीं है.
मिथक- रोज़ाना बालों में ब्रश के 100 स्ट्रोक करने से बाल स्वस्थ और मज़बूत बनते हैं.
सच्चाई- बहुत ज़्यादा ब्रश करने से बालों के क्यूटिकल को नुक़सान पहुंचता है.
मिथक- स़िर्फ उम्रदराज़ लोगों के बाल ही स़फेद होते हैं.
सच्चाई- इसे सच कहना ग़लत होगा. तेज़ी से बदलती लाइफ स्टाइल, खानपान एवं केमिकलयुक्त हेयर प्रॉडक्ट्स के इस्तेमाल से कम उम्र में ही बाल न स़िर्फ कमज़ोर, बल्कि स़फेद भी हो रहे हैं.