किसी की शादी तय हो या ब्रेकअप, किसी पति पत्नी में आपस में न बनती हो, किसी से अनबन हो जाए, किसी की जॉब चली जाए या किसी की लाइफ में कोई और परेशानी हो, कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें आस पड़ोस, फैमिली-रिश्तेदार, फ्रेंड्स सबकी ज़िंदगी के बारे में सब कुछ पता होता है और ऐसी बातें दूसरों तक पहुंचाने में इन्हें खूब मज़ा भी आता है. ऐसे लोगों को ही हमारी सोसायटी में चुगलखोर कहा जाता है और ऐसा करना चुगली करना कहलाता है. ऐसे लोग आपको ऑफिस, लोकेलिटी, आसपड़ोस सब जगह मिल जाएंगे.
हालांकि हमारी सोसायटी में चुगलखोर शब्द काफी नेगेटिव सेंस में इस्तेमाल होता है और चुगली करनेवालों को विलन समझा जाता है. ऐसे लोगों से लोग दूर रहना ही पसंद करते हैं और दूसरों को भी उनसे दूर रहने की सलाह देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चुगली करना भी एक तरह का सोशल स्किल है बशर्ते इससे किसी का कोई नुकसान न हो और चुगली करते हुए कुछ बातों का ख्याल रखा जाए.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि चुगली करना या नई इन्फार्मेशन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाना बिल्कुल नॉर्मल है और ये आदत हमें कुदरती तौर पर मिली है. इंसान के ब्रेन की संरचना ही ऐसी है कि हम जानकारियों को आगे फैलाते हैं. इसे मनोविज्ञान की भाषा में सोशल स्किल में गिना जाता है. हाल ही में हुए कई रिसर्च कहते हैं कि गॉसिपिंग लोगों के बीच कम्युनिकेशन करने में मदद करती है, जिससे दिमागी सेहत दुरुस्त रहती है, लेकिन इसकी बाउंड्रीज़ तय करना भी बहुत ज़रूरी है.
कुछ दिलचस्प फैक्ट्स
- गॉसिपिंग की आदत हमें विरासत में मिली है. ये हमारे डीएनए में होता है.
- जब दो लोग बात करते हैं तो उनकी बातचीत का 80 प्रतिशत हिस्सा दूसरों को लेकर होता है. दूसरों के बारे में बात करके उन्हें एक ख़ुशी का एहसास होता है.
- ऐसे लोग जब तक कोई भी मिली जानकारी दो-चार लोगों से शेयर नहीं कर लेते, तब तक इन्हें बेचैनी सी महसूस होती रहती है.
- 467 लोगों पर किए गए एक अध्ययन से ये बात सामने आई है कि 467 लोगों में से 433 लोगों को गॉसिपिंग की आदत होती है, जबकि सिर्फ 37 व्यक्ति ऐसे होते हैं, जिन्हें इस तरह के गपशप में दिलचस्पी नहीं होती.
- एक रिसर्च के अनुसार गॉसिपिंग भी सिगरेट या अन्य नशों की तरह एक एडिक्शन की तरह होता है. जिन लोगों को ये एडिक्शन हो जाता है, उन्हें बार-बार इसकी तलब लगती है.
- ऐसे लोगों के बारे में कहा जाता है कि अगर ये बातें शेयर ना करें यानी चुगली ना करें तो इनका खाना भी हजम नहीं होता.
- एक अच्छा चुगलीबाज वो होता है जिसकी गॉसिप में दी गई जानकारी का लोग भरोसा करते हैं.
गॉसिपिंग के फायदे
कहते हैं निंदा से चुगली भली. यानी किसी की निंदा करने से बेहतर है उसके बारे में थोड़ी गॉसिपिंग ही कर ली जाए. भले ही समाज में चुगली करना अच्छी आदत नहीं मानी जाती और इसे नेगेटिव समझा जाता है, लेकिन सच तो ये है कि चुगली के कई फायदे भी हैं. इसका हमारे दिमाग और शरीर पर पॉज़िटिव असर होता है. चुगली करने के और भी कई फायदे हैं.
- गॉसिपिंग के जरिये हम आसपास की सोशल इनफार्मेशन शेयर करते हैं. इससे हम अपने आस-पास की सामाजिक दुनिया के बारे में बहुत कुछ जानकर उससे सीखते भी हैं.
- गॉसिपिंग करने से हमें खुशी मिलती है, हेल्दी रखती है और ये आदत उम्र भी बढ़ाती है.
- इससे फील गुड फैक्टर बढ़ता है. जब दो लोग आपस में चुगली करते हैं, तो उनके दिमाग में ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. इसे लव हार्मोन भी कहते हैं. इस हार्मोन की वजह से हम पूरे शरीर में एक अलग तरह की ख़ुशी महसूस करते हैं.
- रिसर्च को कहना है कि गॉसिपिंग या चुगली करने से स्ट्रॉन्ग बॉन्डिंग बनती है. दो लोगों के बीच विश्वास बढ़ता है.
- चुगली की आदत स्ट्रेस बस्टर का काम भी करती है. अगर आप बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में हैं तो गॉसिपिंग शुरू कर दीजिए. थोड़ी ही देर में आप रिलैक्स फील करने लगेंगे. स्ट्रेस दूर हो जाएगा और आप बेहतर महसूस करने लगेंगे.
क्यों नहीं करनी चाहिए चुगली?
- चुगली करने वाला व्यक्ति हमेशा दूसरों में कमियां या कमज़ोरियां ही खोजता रहता है.
- उनकी ये आदत दो लोगों के बीच लड़ाई या मनमुटाव का कारण बनती है.
- ऐसा करने से समाज में उसकी स्वयं की भी बदनामी होती है और वह सबकी नज़रों से भी गिर जाता है.
- ऐसे लोगों से सब दूर रहना ही पसंद करते हैं और कोई भी उनकी संगति में रहना पसंद नहीं करता और वह अकेला पड़ जाता है.
- ऐसे लोगों के दोस्त कम ही बन पाते हैं.
- चुगली करने वाले व्यक्ति पर कभी कोई व्यक्ति विश्वास नहीं करता. उन्हें लगता है कि जो व्यक्ति आज उनके सामने किसी और व्यक्ति की चुगली कर रहा है, वो कल से उनकी चुगली कहीं ओर जाकर करेगा.
- चुगली करने वाले व्यक्ति के मन में चुगली के साथ-साथ झूठ बोलना, बुराई करना, मतभेद करवाना, निंदा करना आदि अनेक बुरी आदतें भी जन्म ले लेती हैं.
बरतें ये जरूरी सावधानियां
- किसी के बारे में ऐसी जानकारी जिसे किसी व्यक्ति ने किसी और से शेयर करने से मना किया है, तो उसे अपने तक ही सीमित रखें.
- नकारात्मक बातों को नमक-मिर्च लगाकर गलत उद्देश्य के साथ दूसरों के साथ न बांटें, इससे आपकी इमेज भी खराब होती है.
- गॉसिपिंग और किसी की बुराई करने के बीच का फर्क समझें. ध्यान रखें कि आपके द्वारा की गई गॉसिपिंग से किसी का चरित्रहनन नहीं होना चाहिए.
- अपनी गॉसिपिंग की एक लिमिट तय करें. किसी की जिंदगी में स़िर्फ इसलिए न झांकें कि आपको उससे कुछ जानकारी मिले और आप लोगों में फैला सकें.
- श्रेया तिवारी