हर बच्चे का स्वभाव अलग-अलग होता है. कोई स्वभाव से चंचल होता, कोई मस्ती करने वाला होता है. तो कोई बच्चा स्वभाव से गुस्सैल होता है. बात-बात पर जिद और गुस्सा करता है, तो पैरेंट्स भी उसको डांटते-मारते हैं और सजा देते हैं. नतीजा यह होता है कि बच्चा गुस्सैल और चिड़चिड़ेपन का शिकार होने लगता है. लेकिन यहां पर बताए गए कुछ इजी टिप्स अपनाकर पैरेंट्स अपने बच्चे के गुस्से को मिनटों में शांत कर सकते हैं.
बाहर घूमने के लिए ले जाएं
जब पैरेंट्स बच्चों को जब जरूरत से ज्यादा टीवी देखने और मोबाइल पर गेम खेलने के लिए मना करते हैं. तो बच्चे गुस्सा हो जाते हैं. ऐसे में पैरेंट्स को चाहिए कि बच्चे को आराम से और प्यार से समझाएं. मोबाइल और टीवी की जगह पैरेंट्स बच्चों को पार्क में ले जाएं. वहां पर जाकर बच्चों के साथ आउटडोर गेम खेलें. नेचर के बारे में समझाएं.
बच्चों की बातें सुनें
बात-बात पर बच्चों को उनकी गलतियों पर डांटने और चिल्लाने की बजाय उनकी बातों को सुनें. उनकी परेशानियों को सुनने और समझने की कोशिश करें. इससे बच्चों में पैरेंट्स के ऊपर विश्वास बढ़ेगा.
बच्चे को भी दें थोड़ी-सी प्राइवेसी
पैरेंट्स की तरह बच्चे को भी प्राइवेसी की ज़रूरत होती है. ऐसा करना कई बार बेहद जरूरी हो जाता है. अगर बच्चा किसी बात को लेकर बहुत गुस्से में है, तो अकेले रहने दें. थोड़ी देर अकेला बैठना चाहता है तो उसे बैठने दें. बार-बार उसके पास जाकर उसे परेशान न करें. जब बच्चे के गुस्सा शांत हो जाए तो उसको प्यार से समझाएं.
बच्चों को अपनी बात कहने दें
अधिकतर पेरेंट्स की आदत होती हैं कि वे अपने बच्चे को हर समय कोसते रहते हैं. बात-बात पर उनकी कमियां निकालते रहते हैं. पैरेंट्स की इस आदत से भी बच्चों के अंदर गुस्सा भर जाता है. और वे जिद्दी बनते है. बेहतर तो यही होगा कि पैरेंट्स अपने बच्चे की बात सुनें और पूरी बात सुनने के बाद ही उनसे कुछ कहें.
गुस्सा आने पर बच्चों का मूड डाइवर्ट करें
जब बच्चे को बहुत अधिक गुस्सा आए, तो उस पर चिल्लाने या मारने की बजाय उसका का मूड डाइवर्ट करने की कोशिश करें. उस समय शांत बच्चे को शांत रहने को कहें। कॉमेडी शो दिखाएं. उलटी गिनती बोलने को कहें. लाइट म्यूजिक सुनाएं. इन तरीकों से बच्चे का गुस्सा कम ज़रूर होगा और धीरे वो शांत भी जाएगा.