जब अदरक पककर सूख जाता है, तब उसकी सोंठ बनती है. इसी सूखी अदरक को सोंठ कहते हैं. सोंठ में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर, सोडियम, विटामिन ए और सी, जिंक, फोलेट एसिड, फैटी एसिड, पोटैशियम जैसे पौषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं. इसी कारण यह ना केवल हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत करती है, बल्कि मौसमी बीमारियों, जैसे- खांसी-ज़ुकाम जैसी बीमारी से भी बचाती है.
एक रिसर्च के अनुसार, सोंठ में दर्द कम करनेवाले औषधीय तत्व पाए जाते हैं, इसलिए सोंठ को नेचुरल पेनकिलर भी कहा जाता है. यह उपयोगी एवं प्रत्येक घर की प्रसिद्ध वस्तु है. दाल-साग के मसाले में इसका उपयोग होता है. यह पाचन तंत्र के लिए अत्यंत उपयोगी है. सोंठ उल्टी, खांसी, ह्रदय रोग, सूजन आदि बीमारियों को दूर करती है.
घरेलू नुस्ख़े
- कांजी में सोंठ का चूर्ण डालकर पीने गठिया या जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है.
- एक शोध के अनुसार, गर्भवती महिलाओं के लिए सोंठ बेहद फ़ायदेमंद होता है. इससे पेट के रोगों के अलावा मॉर्निग सिकनेस यानी सुबह होनेवाली घबराहट से निजात मिलती है.
- यदि पुराना ज़ुकाम हो, तो सोंठ डालकर पानी को उबाल लें. दिन में तीन बार यह पानी गुनगुना करके पीने से पुराना ज़ुकाम दूर हो जाता है.
- 10 ग्राम सोंठ का चूर्ण, 10 ग्राम गुड़ और एक चम्मच घी मिलाकर उसमें थोड़ा-सा पानी डालकर रबड़ी जैसा बनाएं. हर रोज़ सुबह इसका सेवन करने से तीन दिन में ही सर्दी-ज़ुकाम ठीक हो जाता है.
- खांसी और दमा की समस्या होने पर सोंठ, छोटी हरड़ और नागरमोथा का चूर्ण समान मात्रा में लेकर उसमें दुगुना गुड़ मिलाएं और चने बराबर गोलियां बना लें. दिनभर में तीन-चार बार 1-1 गोली मुंह में रखकर चूसने से खांसी व दमा की बीमारी दूर हो जाती है.
- सोंठ को छाछ से निथारे पानी में घिसकर 21 दिन तक पीने से पुराने बुखार से छुटकारा मिलता है.
- यदि प्रेग्नेंट महिला को मलेरिया का बुखार हो, तो 3 ग्राम सोंठ को बकरी के दूध में पीसकर दिन में तीन बार पिलाने से मलेरिया का बुखार मिटता है.
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- अपच या बदहजमी की परेशानी में सोंठ और जवाखार का चूर्ण समान मात्रा में लेकर घी के साथ मिलाकर चाटे और ऊपर से गर्म पानी पीएं. इससे अपच से मुक्ति मिलती है और भूख खुलकर लगती है.
- सोंठ, हल्दी और गुड़ का काढ़ा बनाकर सुबह एक महीने तक नियमित पीने से धातु स्राव रुकता है और पेशाब के साथ जानेवाली धातु भी बंद हो जाती है.
- 5 ग्राम सोंठ का चूर्ण बकरी या गाय के दूध के साथ सेवन करने से रक्तस्राव में लाभ होता है. दर्द के साथ पेशाब में ख़ून जाता हो, तो वह भी ठीक हो जाता है.
- कमरदर्द की समस्या हो, तो सोंठ और एरंड की जड़ का काढ़ा बनाकर उसमें पिसी हुई हींग और काला नमक डालकर पीने से वायु के कारण होनेवाला कमरदर्द दूर होता है.
- सोंठ और गोखरू समभाग में लेकर सुबह-शाम क्वाथ बनाकर पीने से भी कमरदर्द दूर होता है.
- सोंठ, जीरा और सेंधा नमक का चूर्ण मट्ठे में मिलाकर भोजन के बाद पीने से पतले दस्त की परेशानी दूर होती है.
- सोंठ और खसखस की जड़ को पानी में उबालकर पीने से भी दस्त बंद होते हैं.
- हर रोज़ सुबह गर्म पानी के साथ सोंठ का चूर्ण फांकने या सोंठ का काढ़ा बनाकर उसमें एरंड का तेल मिलाकर पीने से पेचिश मिटती है.
- सोंठ और बेल फल का काढ़ा बनाकर पीने से हैजे में होनेवाली उल्टी, दस्त व पेटदर्द दूर होता है.
- सोंठ को पानी या दूध में घिसकर उसका नस्य लेने और लेप करने से सिरदर्द और आधासीसी का दर्द दूर होता है.
- सोंठ को पानी में घिसकर नस्य से लेने से बिच्छू का विष उतरता है.
- 500 मि. ली. उबलते हुए पानी में 25 ग्राम सोंठ का चूर्ण डालकर उसे 20-25 मिनट तक ढककर पकाएं. फिर उसे उतारकर ठंडा होने पर कपड़े से छान लीजिए. इसमें से रोज़ 25 से 40 मि. ली. पानी दिन में तीन बार सेवन करने से अपच, खट्टी डकार, पेटदर्द आदि तकलीफ़ दूर होती है.
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रिसर्च
शोधकर्ताओं के अनुसार, सोंठ का सेवन करने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी को दूर करने में भी मदद मिलती है. सोंठ का नियमित सेवन करने से शरीर में कैंसर कोशिकाओं, ट्यूमर व शरीर में मौजूद डीएनए में होनेवाली प्रक्रिया को कम कर देती है. साथ ही खून के थक्के बनने से रोकती है.
हेल्थ अलर्ट
- डॉक्टर्स का मानना है कि सोंठ का सेवन कम मात्रा में यानी 5 ग्राम तक ही करना चाहिए, वरना फ़ायदे की जगह नुक़सान भी हो सकता है.
- सोंठ का अधिक सेवन करने से पेट संबंधी समस्या और पीरिड्स में हैवी ब्लीडिंग होने की संभावना होती है.
- लगातार लंबे समय तक सोंठ का उपयोग करने से सीने में जलन, गैस, मुंह में जलन जैसी परेशानी हो सकती है.
सुपर टिप
सोंठ या अदरक की चाय पीने से पीरियड्स में होनेवाले दर्द में आराम मिलता है.
- ऊषा गुप्ता
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