क्या आप में है बैंक संबंधी अच्छी आदतें? (Do you have good habits of bank?)
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बैंक एक ऐसी सुरक्षित जगह है, जहां से आप न केवल नक़द लेन-देन कर सकते हैं, बल्कि अपने बचत और निवेश को भी सुरक्षित रख सकते हैं. बैंकों ने आपके हितों की सुरक्षा के लिए कुछ ऐसे सख़्त नियम बनाए हैं, जिनकी वजह से आपको अपना अकाउंट नियमित रूप से मेंटेन करना ज़रूरी है. तो आइए जानते हैं, ऐसी ही कुछ बैंक संबंधी आदतों के बारे में, जिनके बारे में हमने विस्तार से बात की आईडीबीआई बैंक के असिस्टेंट मैनेजर ज्योति गुप्ता से.
हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए नोटबंदी के फैसले ने न केवल बैंकों पर लगाम कसी है, बल्कि आम नागरिक को भी बैंक के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों का एहसास कराया है. उनकी बचत और निवेश की सुरक्षा के लिए बैंक ने कुछ ख़ास नियम बनाए हैं. यदि नागरिक इन नियमों की अवहेलना करते हैं, तो उन्हें बैंक को पेनाल्टी देनी पड़ेगी. बेहतर होगा कि पेनाल्टी देने की बजाय अपनी ़ग़लत आदतों को सुधारने की कोशिश करें.
मिनिमम बैलेंस लिमिट तक विड्रॉवल करना
एक ओर जहां कुछ बैंकों में ज़ीरो बैलेंस अकाउंट का विकल्प होता है, वहीं कुछ निजी बैंक उपभोक्ताओं से अपने अकाउंट में तिमाही जमाराशि (न्यूनतम बैलेंस) दस हज़ार रुपए तक रखने की उम्मीद रखते हैं. अगर खाताधारक अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस को मेंटेन नहीं कर पाता है, तो बैंक उनसे चार्ज वसूल करता है, इसलिए यहां पर खाताधारक को यह सलाह दी जाती है कि वह शुल्क कटवाने/देने की बजाय कुछ दिनों तक अपना मिनिमम तिमाही बैलेंस मेंटेन करें, जो कि एक अच्छी आदत है.
नॉन बैंकिंग एटीएम मशीन का अधिक इस्तेमाल करना
आप हर महीने नॉन बैंकिंग एटीएम से अधिक से अधिक 5 बार ही ट्रांज़ैक्शन कर सकते हैं. अगर आप इससे अधिक बार ट्रांज़ैक्शन करते हैं, तो आपको शुल्क अदा करना पड़ेगा. यह ट्रांज़ैक्शन नक़दी निकालने, बैलेंस चेक करने और एटीएम पिन बदलने के भी हो सकते हैं. पहले यह नियम केवल कैश ट्रांज़ैक्शन के लिए लागू किया गया था. कैश ट्रांज़ैक्शन के लिए लगाया गया शुल्क 20 रुपए और नॉन कैश ट्रांज़ैक्शन के लिए 9 रुपए था, लेकिन हाल ही में रिज़र्व बैंक की नीतियों में कुछ परिवर्तन हुए हैं, इसलिए इस शुल्क राशि में आए बदलाव की अधिक जानकारी के लिए अपने नज़दीकी बैंक अधिकारी से संपर्क करें.
बैंक द्वारा भेजे गए नोटिस की अनदेखी करना
अधिकतर बैंक अपने उपभोक्ताओं को क्वाटर्ली बैलेंस स्टेटमेंट, ओवरड्राफ्ट्स नोटिस, अन्य सूचनाओं-योजनाओं-नोटिस की जानकारी मेल द्वारा भेजते हैं और अधिकतर उपभोक्ता बैंक द्वारा भेजे गए इन मेल्स को ज़्यादा महत्व न देते हुए उन्हें ट्रैश में डाल देते हैं या फिर उन मेल्स को पढ़ते हीं नहीं, जो एक बुरी आदत है. बैंक द्वारा भेजे गए स्टेटमेंट की ज़रूरत हाउसिंग लोन, ऐड्रेस प्रूफ आदि उद्देश्यों के लिए होती है और आवश्यकता पड़ने पर उपभोक्ता बैंक जाकर इन स्टेटमेंट की डुप्लीकेट कॉपी लेते हैं, जिस पर बैंक अतिरिक्त चार्ज लेते हैं. ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करना एक अच्छी आदत है, जो उपभोक्ता ऑनलाइन बैकिंग यूज़ करते हैं, वे आसानी से स्टेटमेंट के प्रिंटआउट्स ले सकते हैं. इसी तरह कुछ उपभोक्ता बैंक द्वारा भेजे गए आकर्षक योजनाओं और नोटिस के मेल पढ़ने की बजाय उन्हें डिसकार्ड कर देते हैं, जिससे वे अनेक बचत व निवेश संबंधी फ़ायदों से वंचित रह जाते हैं.
यह भी पढ़ें: शादी में दें फाइनेंशियल सिक्योरिटी का उपहारव्यक्तिगत विवरण में बदलाव करके बैंक को सूचित करना
व्यक्तिगत विवरण, जैसे- घर का पता और फोन नंबर में बदलाव करने की प्रक्रिया बहुत ही बोरिंग और थकानभरी होती है. इस प्रक्रिया से संबंधित नई डिटेल्स को पूरे प्रूफ और एक आवेदन पत्र के साथ बैंक की ब्रांच में जमा करना न केवल अच्छी आदत है, बल्कि आपकी ज़िम्मेदारी भी बनती है. कुछ निजी बैंक पर्सनल डिटेल्स में बदलाव करने की प्रक्रिया की ऑनलाइन सुविधा भी देते हैं. कुछ निजी बैंक एटीएम से भी फोन नंबर बदलने की सुविधा देते हैं. जबकि सार्वजनिक बैंक इस तरह की कोई सुविधा नहीं देते. बैंक को अपने नए ऐड्रेस की जानकारी न देने पर आपको अनेक समस्याओें का सामना करना पड़ सकता है, जैसे- बैंक ज़रूरी सूचनाओं के लिए आपसे संपर्क नहीं कर पाएगा, बैंक द्वारा पुराने पते पर भेजे गए महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स किसी अन्य व्यक्ति के हाथ लग सकते हैं और जिससे आपकी गोपनीयता भंग हो सकती है या फिर धोखाधड़ी भी हो सकती है.
चेक डिसऑनर/बाउंस होना
यदि आपका कोई चेक डिसऑनर/बाउंस हो जाता है, तब भी आपको बैंक द्वारा लगाई पेनाल्टी का भुगतान करना पड़ेगा. पेनाल्टी की यह रक़म बाउंस चेक के टाइप/प्रकृति पर निर्भर करती है. अगर आपका चेक इंसफिशिएंट बैलेंस (अपर्याप्त जमा राशि) के कारण डिसऑनर्ड हुआ है, तो पेनाल्टी की रक़म अधिक होगी. अलग-अलग केसेज़ में पेनाल्टी की रक़म 50-750 रुपए तक हो सकती है. ध्यान रखें, बैंक बैलेंस कंफर्म करने के बाद ही कोई चेक इश्यू करें.
एटीएम पिन रिक्वेस्ट
अगर आपका एटीएम कार्ड खो गया है, अगर आप अपना पिन भूल गए हैं, आपका पिन एक्सपायर हो रहा है या फिर आपने निर्धारित समय के भीतर अपने एटीएम कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया है, तो नया पिन देने के लिए कुछ बैंक आपसे उगाही वसूल (लेवी चार्ज) करेंगे. जबकि एटीएम का नया पिन देने के लिए कोई शुल्क नहीं लगता. हालांकि नया पिन इश्यू करने में 4-5 दिन लगते हैं और यह नॉन चार्जेबल होता है. अगर आप थोड़ी-सी समझदारी के साथ अपना बैंक अकाउंट ऑपरेट करेंगे और नियमित रूप से अपने अकाउंट पर नज़र रखेंगे, तो बैंक द्वारा लगाए जानेवाले अनावश्यक चार्जेस से बच सकते हैं.
पोस्टपोन्ड भुगतान को बाय-बाय कहें
कुछ लोगों में अपने क्रेडिट बिल का भुगतान देरी से करने की बुरी आदत होती है, जिससे बैंक में उनका क्रेडिट स्कोर ख़राब होता है, लेकिन ऑनलाइन बैंकिंग के द्वारा ऑटोमैटिक शेडयूल करके इस तरह के भुगतान किए जा सकते हैं. अगर हर महीने आपके बिल की राशि अलग होती है, तो आप एक पेमेंट अलर्ट प्रोग्राम बना सकते हैं, जिससे आप अपने बिल को अच्छी तरह से चेक करके उसमें मेलिंग टाइम लिखे बिना उसका ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं.
अकाउंट क्लोज़र
यदि आप अपना अकांउट खोलने के छह महीने से एक साल के भीतर ही उसे बंद कर देते हैं, तो भी बैंक आप से क्लोज़र चार्ज वसूल करेगा, इसलिए बिना वजह चार्ज देने की बजाय सोच-समझकर अपना बैंक अकाउंट खोलें.
नोट:
हर बैंक की अपनी अलग-अलग पॉलिसीज़ होती हैं. इसलिए बैंक संबंधी पॉलिसीज़ में होनेवाले बदलावों के बारे में अपने बैंक अधिकारी से जानकारी लेते रहें.