क्या है यह प्रक्रिया?
इस प्रक्रिया में पेंशनर्स के आधार नंबर को ईमेल से जोड़ा जाएगा, जिससे उन्हें आधार केंद्र भी नहीं जाना पड़ेगा, बस ईमेल पर ऑथेंटिफिकेशन स्टेटमेंट भेजना होगा. इससे पेंसनर्स को पेंशन मिलने में काफ़ी आसानी होगी.2014 में शुरू हुआ था जीवन प्रमाण
हर महीने पेंशन आती रहे, उसके लिए नवंबर-दिसंबर में पेंशनर्स को बैंकों में जाकर जीवित रहने का प्रमाण पत्र देना होता था. 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने जीवन प्रमाण के पहले वर्ज़न को लॉन्च किया था. इसमें पेंशनर्स को बैंकों की बजाय आधार केंद्रों से जोड़ा गया था, लेकिन फिर भी यह समस्या बनी रही, क्योंकि उन्हें आधार केंद्र जाकर प्रमाण पत्र देना ही पड़ता था.16.7 लाख पेंशनर्स करवा चुके हैं रजिस्ट्रेशन
जीवन प्रमाण की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, भारत में एक करोड़ पेंशनर परिवार हैं, जिनमें केंद्र सरकार के 50 लाख पेंशनर्स शामिल हैं. अब तक लगभग 16.7 लाख पेंशनर्स जीवन प्रमाण पत्र के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं.देख सकते हैं ऑथेंटिफिकेशन रिकॉर्ड्स
इस नियम के तहत आधार नंबर धारक को यह अधिकार होगा कि वह अपनेे ऑथेंटिफिकेशन रिकॉर्ड्स ऑनलाइन एक्सेस कर सकें या आधार ऐप के ज़रिए देख सकें. हर ऑथेंटिफिकेशन के बाद पेंशनर को एक ईमेल मिलेगा और ऐसे हर ट्रांज़ैक्शन की हिस्ट्री भी मिलेगी.डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट के लिए क्या करें?
- सबसे पहले वेबसाइट https://jeevanpramaan.gov.in/ पर जाएं.
- पीसी या मोबाइल एप्लीकेशन डाउनलोड करके ख़ुद को एनरोल करें. इसमें आपको अपना आधार नंबर, पेंशन पेमेंट ऑर्डर, बैंक का नाम, अकाउंट नंबर और मोबाइल नंबर देना होगा.
- आधार ऑथेंटिफिकेशन के लिए आपको फिंगर प्रिंट्स देने होंगे.
- ऑथेंटिफिकेशन के बाद आपको एसएमएस के ज़रिए आपको अपना जीवन प्रमाण आईडी मिलेगा.
- आईडी के ज़रिए या आधार नंबर देकर आप अपना जीवन सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकते हैं.
- पेंशन देनेवाली संस्था या बैंक इस वेबसाइट से आपका सर्टिफिकेट डाउनलोड कर इस्तेमाल कर सकते हैं.
- इस सिस्टम में सर्टिफिकेट की इलेक्ट्रॉनिक डिलीवरी भी मौजूद है.
नोट: पीसी पर एनरोल करने के अलावा अपने नज़दीकी जीवन प्रमाण केंद्र जाकर भी आप अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
- जयप्रकाश सिंह
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