* रँगा अम्बर नील वर्ण में सूरज ने छिटका अबीर गुलाल हरसिंगार से झरा रँग नारंगी झूम उठी महुए की…
चाय में घुली चीनी सी मीठी बातें बिस्कुट सी कुरकुरी आ जाती हैं होंठों पर तैरती रहती हैं कमरे में…
ये धड़कनें तुम्हारे आस पास ठहरीं माना कि तुम नहीं हो जब सोचता हूं अकेला तस्वीर तुम्हारी उभरी कैसे कह दूं…
पुरुष खोदता है कुआं स्त्री खिंचती है पानी पुरुष डालता है बीज स्त्री सिंचती है पौधा पुरुष उगता है सूरज…
मैं लंबा हो रहा था वो ठिगनी ही रह गई मैं ज़हीन बन रहा था वो झल्ली ही रह गई…
सर्व प्रदूषण दूर हो, खुल कर लेवें सांस। स्वच्छ जगत फिर से बने, रहे न मन में फांस।। जहां कहीं…
वो तुम्हारी आंखों में खोजती हैं पिता तुम्हारी हथेलियों में भाई तुम्हारे कांधे पे सखा जिनके सामने सीने में जमा…
युग धर्म जब वंचना मुखर हो, युग धर्म निभाएं कैसे लगता नही है मुमकिन, सुख चैन पाएं कैसे जब हर…
सहमी हुई तेरी ज़िंदगी को मैं सिमटी हुई चादरों से ओढ़ देना चाहता हूं, लम्हे के इस सहरा को कुछ वक्त के लिए कहीं और मोड़ देना चाहता हूं… तुझे लगता है कि तू उड़ने लायक भी नहीं, पर तेरी ऊंची उड़ान के लिए मैं अपने पंखों की ताकत को जोड़ देना चाहता हूं… महान है वो मां जिसने तुम जैसी लाड़ली को जन्म दिया, कुछ बखान तेरा करने से पहले अपने दोनों हाथ उसकी वंदना में जोड़ देना चाहता हूं… शख्सियत तेरी ऐसी जैसे कान्हा को मीरा ने अंखियन में बसा लिया, तुम वो अमृत का प्याला हो जिसे शिव ने अपने कंठ लगा लिया… प्यार और विश्वास शबरी के उन मीठे बेरों की तरह है तुम्हारा, जिसने राम को अपनी भोली सूरत से अपना बना लिया… सुबह के सूरज से निकलती वो सुनहरी किरणें, पानी में खिलते कमल सी ताजगी सी हो तुम……
तुम्हारे शहर की अजब कहानी है… काग़ज़ों की कश्ती है, बारिशों का पानी है… मिलते तो हैं लोग मुस्कुराकर यहां,…