Shayeri

काव्य- उम्मीद की ज़रूरत क्या है? (Kavay- Ummeed Ki Zarurat Kya Hai?)

  आईने को आईने की ज़रूरत क्या है दिल हो आईना तो सूरत की ज़रूरत क्या है ज़िंदगी मुश्किल है…

September 9, 2018

ग़ज़ल- बहार का तो महज़… (Gazal- Bahar Ka To Mahaz…)

बहार का तो महज़ एक बहाना होता है तुम्हारे आने से मौसम सुहाना होता है   वाइज़ हमें भी कभी…

August 19, 2018

ग़ज़ल- तेरी पाकीज़गी में हमदम (Gazal- Teri Pakeezgi Mein Humdam)

मेरी आंख से बता क्यों ख़्वाब झांकता है एहसास का समंदर तेरी आंख में छुपा है दिल मेरा स़िर्फ लफ़्ज़ों…

August 5, 2018

काव्य- वो निगाह मेरी है… (Kavya- Wo Nigah Meri Hai…)

  कुछ तो मिलता है सोच कर तुझको हर उड़ान की जद में आसमां नहीं होता   दिल अगर आंख,…

July 22, 2018

कविता- ज़रूरी थी… (Kavita- Zaruri Thi…)

बाकी थी तमन्नाएं हसरत अधूरी थी चाहतें तड़पती थीं और दुआ अधूरी थी फिर तेरी आंख से जीने का उजाला…

July 15, 2018

ग़ज़ल- ऐ दोस्त यह जीने का कोई ढंग नहीं है… (Ghazal- Ae Dost Yah Jeene Ka Koi Dhang Nahi Hai…)

ऐ दोस्त यह जीने का कोई ढंग नहीं है कि सांस चल रही है पर उमंग नहीं है अब जिससे…

June 18, 2018

ग़ज़ल- नमी आंखों में तेरी… (Gazal- Nami Aakhon Mein Teri…)

  नमी आंखों में तेरी देखकर घुटता है दम मेरा बड़ा बेचैन करता है तेरा उतरा हुआ चेहरा तेरी मायूसियां…

June 16, 2018

कविता- ख़रीद लाए… (Kavita- Kharid Laye…)

  प्यार भी खिलौने की तरह हो गया है शायद एक टूटा नहीं कि दूसरा खरीद लाए   तुम्हें पाने…

May 27, 2018

काव्य- बोल रहे लोग… (Kavya- Bol Rahe Log…)

बोल रहे लोग कि दुनिया बदल गई! कहां बदली दुनिया? औरत तो एक गठरी तले दब गई..   गठरी हो…

April 13, 2018

शायरी: निदा फ़ाज़ली की उम्दा ग़ज़लें (Shayari: Nida Fazli Special)

ग़ज़ल 1 गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया होते ही सुब्ह आदमी ख़ानों में बट गया इक इश्क़…

March 25, 2018
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