Shayeri

काव्य- एक चुप होती हुई स्त्री… (Kavya- Ek Chup Hoti Hui Stri…)

एक चुप होती हुई स्त्री कहती है बहुत कुछ… तुलसी जताती है नाराज़गी नहीं बिखेरती वो मंजरी सारी फुलवारियां गुमसुम…

September 1, 2020

कविता- शब्दों से परे प्यार… (Kavita- Shabdo Se Pare Pyar…)

इस से पहले कि मैं तुम्हें आई लव यू कहने का साहस जुटा सकूं डरता हूं कहीं ये तीन शब्द…

August 29, 2020

कविता- प्रेम पत्र… (Kavita- Prem Patra)

लिखा था धड़कते दिल से और दिया था कांपते हाथों से मैंने नजरें ज़मीन में ही गड़ा रखी थी फिर…

August 26, 2020

काव्य- हार गए तुम… (Kavya- Haar Gaye Tum…)

जिस दिन तमन्ना बड़ी और हौसला छोटा हो जाए समझना कि हार गए तुम जिस दिन राजनीति बड़ी और दोस्ती…

August 24, 2020

कविता- क्यों दर्ज होती हैं ढेरों आपत्तियां… (Kavita- Kyon Darj Hoti Hain Dheron Aapttiyan?..)

मैंने भर दिया ये आकाश सारा का सारा नन्हें-नन्हें तारों से अपनी चुनरी की परवाह किए बिना.. मैंने सूरज को…

August 20, 2020

ग़ज़ल- तस्तीक़ (Shayari- Gazal- Tastik)

अब न कोई शक़-ओ-शुबा है, हर ढंग से तस्तीक़ हो गई निराशाओं से लड़ने की, मेरी बीमारी ठीक हो गई…

August 17, 2020

कविता- हर प्रलय में… (Kavita- Har Pralay Mein…)

आज के हालातों में हर कोई 'बचा' रहा है कुछ न कुछ पर, नहीं सोचा जा रहा है 'प्रेम' के…

August 2, 2020

काव्य- मेरी हस्ती निसार हो जाए… (Kavya- Meri Hasti Nisar Ho Jaye…)

सांस, ख़ुशबू गुलाब की हो धड़कन ख़्वाब हो जाए उम्र तो ठहरी रहे हसरत जवान हो जाए बहार उतरे तो…

July 29, 2020

कविताएं (Poetry)

तेरी तस्वीर… मैं जहां में कुछ अनोखी चीज़ ढूंढ़ने निकला और शहर में मुझे सिर्फ़ आईना मिला जो मेरी बेबसी…

July 24, 2020

कविता- वह स्त्री… (Kavita- Vah Stree…)

वह स्त्री.. बचाए रखती है कुछ 'सिक्के' पुरानी गुल्लक में पता नहीं कब से कभी खोलती भी नहीं कभी-कभार देखकर…

July 20, 2020
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