Shayeri

दीपावली पर विशेष- कविताएं: दिवाली की झालरें… (Kavitayen- Diwali Ki Jhalaren… Main Roshani Sa…)

दिवाली की झालरें… ..टिम-टिम करती रंग-बिरंगी झिलमिलाती हुईं झालरें बतियाती रही रातभर दो सहेलियों की तरह कभी हंसतीं-खिलखिलाती.. कभी चुप-चुप…

November 13, 2020

कविता- ऐसा है मेरा आंचल… (Kavita- Aisa Hai Mera Aanchal…)

पूर्णता की चाहत लिए प्रतीक्षारत कविताएं.. कुछ अधमिटे शब्दों की प्रस्तावित व्याख्याएं.. कब से, पल-पल संजोई हुई आशान्वित कल्पनाएं.. संभावनाओं…

November 8, 2020

ग़ज़ल- मुझे तन्हाई से… (Gazal- Mujhe Tanhai Se…)

मुझे तन्हाई से अक्सर मिला हैख़्यालों में वहीं दिलबर मिला है यूं मिलने के ठिकाने और भी थे कभी छज्जे…

November 6, 2020

काव्य- एक-दूसरे के मौन में… (Kavya- Ek-Dusare Ke Maun Mein…)

कभी-कभी मैं कुछ नहीं भी कहती हूं तुम तब भी सुन लेते हो.. कैसे! कभी-कभी मैं कुछ कहती हूं तुम…

October 29, 2020

कविता- तेरे लिए… (Kavita- Tere Liye…)

* गुज़र जानी थी ये उम्र किसी बेनाम कहानी की तरह कि बियाबान में फैली ख़ुशबू और उसकी रवानी की…

October 18, 2020

काव्य- बारिश और मन (Kavya- Barish Aur Maan)

बारिश की बूंदों ने आज फिर दिल को गुदगुदाया है रिमझिम फुहारों ने मौसम को आशिक़ाना बनाया है ठंडी बयार…

October 9, 2020

ग़ज़ल (Shayari: Gazal)

हालात मेरे देखकर क्यूं आसमां हैरान हैमैं अकेला ही नहीं, हर शख़्स परेशान है वादा किया था जिसने साथ निभाने…

October 4, 2020

काव्य- सब प्रतीक्षारत हैं… (Kavay- Sab Pratiksharat hain…)

लॉकडाउन पर विशेष... सब प्रतीक्षारत हैं बैठे हैं वक़्त की नब्ज़ थामे कि कब समय सामान्य हो और रुके हुए…

September 23, 2020

कविता- क्यों रखा उसको पराश्रित ही… (Kavita- Kyon Rakha Usko Parashrit Hi…)

सुनो कवि.. पहाड़ी के उस पार वो स्त्री.. रोप रही है नई-नई पौध सभ्यताओं की और उधर.. गंगा के किनारे…

September 14, 2020

हास्य कविताएं- करोना कहर (Hasay Kavitayen- Corona Qahar…)

झूठ-मूठ खांसा क्या बहू ने बन गए झटपट काम पलंग छोड़ सासू भागी, उनका जीना हुआ हराम जीना हुआ हराम…

September 8, 2020
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