एक दिन मैं अपनी ही धड़कनों से नाराज़ हो गया इतनी सी शिकायत लेकर कि जब तुम उसके सीने में…
मुहब्बत इस जहां के जर्रे जर्रे में समाई है मुहब्बत संत सूफी पीर पैगम्बर से आई है कोई ताकत मिटा…
हे प्रभु जब मैं तुमसे प्रेम मांगता था तब तुमने जीवन के संघर्ष के रूप में मुझे युद्ध प्रदान किया…
मत करो विलाप ऐ स्त्रियों! कि विलापने से कांपती है धरती दरकता है आसमां भी कि सुख और दुख दो…
थक गया हूं मुझे अपनी गोद में सिर रखने दो समझदार हो गया हूं इसलिए संकोच पैदा हो गया है…
कैसे मनाएंगे महिला दिवस? केक कटवाकर गुब्बारे लगाकर ख़ूब हल्ला-गुल्ला शोर मचाकर? या फिर वो शोर ढूंढ़ेंगे जो किसी की…
कहानी अपना लेखक ख़ुद खोज लेती है जब उतरना होता है उस भागीरथी को पन्नों पर सुनानी होती है आपबीती…
तुम्हें एहसास है मैं तुम्हारे साथ गुज़रे लम्हे और वक़्त नहीं मिस करता वे तो एक दिन दूर जाने थे…
और… प्रेम के लिए क्या गया स्त्री का समर्पण ना जाने कब बदल गया समझौते में उपेक्षा तिरस्कार से कुम्हला…
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं! माँ शारदे की कृपा बनी रहे!.. दिवस आज है पंचमी, यौवन पर ऋतुराज। बसें शारदा…