Shayeri

काव्य- कविता लिखने चला हूं… (Poem- Kavita Likhne Chala Hun…)

सुनो आज मुझे मुझे बेहद ख़ूबसूरत शब्द देना जैसे गुलाब चेहरे के लिए झील आंखों के लिए हंस के पंख…

December 11, 2021

काव्य- उड़ने वाली स्त्रियां… (Poetry- Udne Wali Striyan…)

बातों में बेखटकी है हंसने में बेफ़िक्री है पंख फैलना आता है हवा से हाथ मिलना भाता है पंछी की…

December 4, 2021

कविता- सुबह होते ही बंट जाता हूं मैं… (Poetry- Subah Hote Hi Bant Jata Hun Main…)

सुबह होते ही बंट जाता हूं ढेर सारे हिस्सों में नैतिकता का हिस्सा सर्वाधिक तंग करता है मुझे जो मेरी…

December 2, 2021

काव्य- ख़ामोशियां (Kavya- Khamoshiyan)

मेरी आवाज़ ख़ामोशियों में कही जा रही मेरी बात का पर्याय नहीं है बल्कि वह तो ख़ामोशियों में चल रही…

November 23, 2021

गीत- मेरी नज़रों के सामने से नहीं हटता… (Poetry- Meri Nazaron Ke Samne Se Nahi Hatta…) 

तुम्हारे चेहरे की लाली मुस्कुराहट हंसी और आंखों की चमक मेरे दिल में कुछ इस तरह क़ैद है कि तमाम…

November 18, 2021

कविता- तमन्ना‌ (Poetry- Tamanna)

कभी कभी सोचता हूं तमन्ना में जी लूं वह अधूरी ज़िंदगी कि जिसे जीने की ख़्वाहिश में उम्र गुज़र गई…

November 11, 2021

काव्य- दिवाली पर जब परिवार जुड़ेंगे… (Kavay- Diwali Par Jab Parivar Judenge…)

श्रद्धा के सुमनों से सजी, पूजा की थाली मुबारक धनतेरस और दूज सहित, सबको दिवाली मुबारक खट्टी-मीठी बहस के बीच,…

November 6, 2021

कविता- दिवाली की शुभकामनाएं… (Poetry- Diwali Ki Shubhkamnayen…)

प्रभु इतनी सद्बुद्धि देना हमें उज्जवल सबकी दिवाली हो कोई न घायल या बीमार पड़े कल भी घर में ख़ुशहाली…

November 5, 2021

कविता- स्वदेशी अपनाओ… (Poetry- Swadeshi Apnao…)

सुनो-सुनो मज़े की एक कहानी उस दुनिया की जो हुई सयानी है कुछ साल पहले की बात दिवाली के कुछ…

October 29, 2021

कविता- भूख (Poem- Bhukh)

सामने दलिया या खिचड़ी के आते ही तलाशने लगती उसकी सूखी आंखें अचार के किसी मर्तबान या स्टोर रूम के…

October 25, 2021
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