स्ट्रेस को दूर करता है
जॉगिंग या तेज़ चलने से स्ट्रेस दूर होता है, क्योंकि दौड़ने के कुछ ही सेकंड के भीतर दिमाग़ एक हार्मोन रिलीज़ करने लगता है, जिससे नेचुरल तरी़के से मूड फ्रेश हो जाता है.स्मोकिंग की लत से छुटकारा
दौड़ने से आत्मविश्वास बढ़ता है. सोच पॉज़िटिव होती है और स्मोकिंग जैसी बुरी लत से मन हटने लगता है.यह भी पढ़ें: रोज़ 4 मिनट करें ये… और 1 महीने में बन जाएं स्लिम एंड सेक्सी
डायबिटीज़ का रिस्क हो जाएगा कम
हफ़्ते में 4-5 दिन तक 30 मिनट की दौड़ डायबिटीज़ का रिस्क 12 फ़ीसदी तक कम कर देती है.वज़न पर कंट्रोल
दौड़ना एक बेस्ट कैलोरी बर्नर है. हफ़्ते में कम से कम 5 दिनों तक 30 मिनट दौड़ने या तेज़ चलने से 340 कैलोरी बर्न होती है.याददाश्त होगी तेज़
कई रिसर्च कहते हैं कि हफ़्ते में 4 दिन अगर 30 मिनट दौड़ा जाए, तो न स़िर्फ याददाश्त तेज़ होती है, बल्कि एकाग्रता भी बढ़ती है.यह भी पढ़ें: वेट लॉस टिप ऑफ द डे: 10 इफेक्टिव वेट लॉस टिप्स
दिल का ख़्याल
एक रिसर्च कहती है, जो लोग हफ़्ते में 6 किलोमीटर चलते हैं, उन्हें दिल की बीमारी का ख़तरा 45 फ़ीसदी तक कम रहता है.हड्डियों को देता है मज़बूती
दौड़ने से हड्डियों पर दबाव पड़ता है, जिसकी वजह से ज़रूरी मिनरल्स हड्डियों तक पहुंचते हैं और हड्डियां मज़बूत बनती हैं.उम्र बढ़ेगी
रिसर्च के मुताबिक़ हफ़्ते में एक घंटे की दौड़ जीवनकाल का औसतन तीन साल बढ़ा देती है.कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण
दौड़ने या तेज़ चलने से गुड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ता है.यह भी पढ़ें: पर्सनल प्रॉब्लम्स: सेक्स के दौरान वेजाइनल ब्लीडिंग के क्या कारण हो सकते हैं?
ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण
दौड़ते व़क्त धमनियां फैलती व संकुचित होती हैं. इससे धमनियां स्वस्थ रहती हैं और ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है.आराम की नींद
दौड़ने से नींद झट से आ जाती है. नींद की गुणवत्ता में भी इज़ाफ़ा होता है.नोट
जिन्हें घुटनों में दर्द है, उन्हें दौड़ने की बजाय आराम से चलना चाहिए.यह भी पढ़ें: Try This!!! दिमाग़ तेज़ करने के 8 असरदार उपाय
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