एक्ट्रेस मौनी रॉय अपनी ग्लैमरस अंदाज़ को लेकर चर्चा में रहती हैं और इन दिनों तो वो अपनी शादी को लेकर भी सुर्खियों में हैं, लेकिन इससे अलग मौनी की एक बात जो खबर और अटेंशन खींच रही है वो ये कि मौनी का कहना है कि भगवद गीता को स्कूली पाठ्यक्रम यानी सिलेबस का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, इसके पीछे की वजह भी मौनी ने बताई.
मौनी ने कहा कि ये एक धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि उससे कहीं अधिक है, ये जीने की कला है और इसमें आपके जीवन से जुड़े तमाम सवालों के जवाब मिलते हैं. स्कूलों का और पढ़ाई का स्तर बढ़ना चाहिए और भगवद गीता को सिलेबस में शामिल करके ऐसा किया जा सकता है.
मौनी ने बताया कि मैंने बचपन में गीता का सार पढ़ा था लेकिन तब इसको समझ नहीं पाई थी पर लॉकडाउन से पहले मैंने इसकी क्लास अटेंड करनी शुरू की पर व्यस्त कार्यक्रमों के चलते मैं पूरी क्लास अटेंड नहीं कर पाई काफ़ी मिस हुई, लेकिन लॉकडाउन में मुझे ये मौक़ा मिला. मैं काफ़ी धार्मिक हो गई थी और तब मुझे ये एहसास हुआ कि गीता आपकी पूरी सोच को बदल सकती है. उसमें जीवन का सार है, हम उस देश से आते हैं जहां वेदों और उपनिषदों का जन्म हुआ लेकिन फिर भी हम इनसे अनजान रहते हैं.
गीता की ज़रूरत हर क्षेत्र में है, स्कूल से लेकर बॉलीवुड से लेकर आम सामान्य परिवारों में भी क्योंकि ये आपकी सोच को विस्तार देकर आपको रूढ़िवादी होने से बचाती है. ये एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है. इतने तनावपूर्ण माहौल में हम रहते हैं और काम करते हैं ऐसे में हमारे पास ये ख़ज़ाना है लेकिन हम इसको जानना या खोजना ही नहीं चाहते, हम इससे अनजान ही रहते हैं.
इसलिए भगवद गीता को स्कूलों में शामिल किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें आपके सारे सवालों के जवाब हैं. आपके मन में कोई भी सवाल है तो उसका एक ही जवाब है- भगवद गीता!
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