- बच्चों से पेरफ़ेकशन की उम्मीद करना ग़लत है. कोई भी पेरेंट परफ़ेक्ट नहीं होता, इसी तरह कोई भी बच्चा भी परफ़ेक्ट नहीं हो सकता.
- बेहतर होगा बच्चों की कमज़ोरियों और उनकी क्षमता को पहचानें.
- कभी भी बच्चों की आपस में व दूसरे बच्चों से भी तुलना ना करें, इससे उनमें हीन भावना आएगी.
- बच्चों को मोटीवेट करें, जब भी वो कुछ बेहतर करें उनकी प्रशंसा करें.
- सबके सामने बच्चे को बुरा भला ना कहें. बेहतर होगा अकेले में इन्हें समझाएँ.
- बच्चों के सामने गाली गलौज ना करें.
- मन कभी सिगरेट शराब का सेवन उनके सामने करें क्योंकि वो आपको ही फ़ॉलो करते हैं.
- खुद का उदाहरण रखें.
- उन्हें मारने पीटने से बेहतर है बातों से समझाएँ.
- उन्हें कम्फ़्टेबल फ़ील करवाएँ ताकि वो आपसे हर बात शेयर करें.
- उन्हें डराकर ना रखें.
- उनकी जासूसी ना करें लेकिन उनके फ़्रेंड सर्कल को जानें और नज़र ज़रूर रखें.
- उनके दोस्त बनें ताकि जब भी ज़रूरत हो वो आपसे मदद ले सकें.
- उन्हें बातों बातों में कहें कि हम तुम्हारे साथ हैं, ग़लती सबसे हो सकती है.
- उन्हें टाइम मैनज्मेंट की कला सिखाएँ. टाइम टेबल बनाएँ.
- गोल सेट करने को कहें लेकिन छोटे गोल हों और रीयलिस्टिक हों.
- समय का महत्व समझाएँ.
- उनके साथ योग और exercise करें.
- फ़िटनेस और हेल्दी खाने का महत्व बताएँ.
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