नीना गुप्ता वो नाम है जिसे लोग उनकी बेबाक़ राय ही नहीं बल्कि बिंदास जीवन के लिए भी जानते हैं. बिना शादी के उस ज़माने में मां बनने का बोल्ड स्टेप लेना जिस ज़माने में लोग इन मुद्दों पर खुलकर बोलने से भी कतराते थे, वाक़ई बेहद साहसी था. नीना ने न सिर्फ़ फ़िल्मों और टीवी शोज़ में काफ़ी चुनौतीपूर्ण किरदार व बोल्ड महिला के किरदार निभाए है बल्कि निजी जीवन में भी काफ़ी बहादुरी से कई चुनौतियों का सामना किया है.
जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल 2022 में नीना गुप्ता ने सिंगल मदर बनने से लेकर कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. अपनी किताब ‘सच कहूं तो’ पर चर्चा करते हुए नीना ने बॉलीवुड में कास्टिंग काउच पर कहा कि वो खुद इसका शिकार होते-होते बच गई. नीना ne कहा डायरेक्टर ने उन्हें काम पर बात करने के लिए होटेल में बुलाया था लेकिन वो उनके इरादों को भांप गई थी और उन्होंने कॉम्प्रॉमाइज़ करने से मना कर दिया था. नीना ने कहा कि कोई भी आपको ज़बर्दस्ती कुछ भी करने पर मजबूर नहीं कर सकता, ये आप पर निर्भर करता है. डायरेक्टर के बुलाने पर लॉबी में वेट नहीं करना और रूम में मिलना मेरी गलती थी. कोई कुछ करने के लिए आपको फोर्स नहीं करता, ये आप पर है कि आप किस हद तक जाना चाहते हैं, क्योंकि मैं मना कर दूं तो सौ और लड़कियां हैं.
ये आपकी पर्सनल चॉइस है, कास्टिंग काउच सब जगह है. कहीं प्रमोशन के लिए या जॉब के लिए महिलाओं को उसका सामना करना पड़ता है पर ये आप पर है कि आप क्या करना चाहती हैं. ये सही है कि मी टू अभियान के बाद इसमें कमी ज़रूर आई है लेकिन ये बंद नहीं हुआ है पूरी तरह से.
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जैसा कि सभी जानते हैं कि नीना गुप्ता का क्रिकेटर विवियन रिचर्ड्स से अफेयर था और उन्होंने बिना शादी किए एक बच्ची को जन्म दिया जो आज मसाबा गुप्ता के नाम से जानी मानी फ़ैशन डिज़ाइनर हैं. इसी मुद्दे पर नीना ने बताया कि सिंगल मदर बनना आसान नहि है, उनको इसके लिए काफ़ी कुछ झेलना पड़ा था. सिंगल देखकर हर कोई यही सोचता था कि ये आसानी से अवेलेबल है. पार्टीज़ में सहेलियों के पति से ज्यादा देर बात करने पर वे भी इनसिक्योर फील करती थीं. सच कहूं तो ये कोई ब्रेवरी नहीं, जवानी का जोश था.
नीना ने ये भी कहा कि लोग आपके कपड़ों के आधार पर आपको जज करते हैं. संस्कृत में एम.फिल करते वक्त बोल्ड कपड़े पहने पर मुझे गंदी लड़की का टैग दिया जाता था. ये एकदम ग़लत अप्रोच है. मैं क़रोल बाग में सलवार-कुर्ता पहनती थी और वेस्टर्न कपड़े पहनने के लिए ग्रेटर कैलाश जाना पड़ता था. अच्छे नम्बर आने के बाद ही कुछ लोगों ने मुझसे दोस्ती की.
इस उम्र में सोशल मीडिया पर काम मांगने पर उन्होंने कहा कि काम करना है तो बेशर्म होकर करो. काम मांगने में नहीं, शर्म तो उधार मांगने में आनी चाहिए.