पुरुषों को होती हैं ये समस्याएं
इरेक्टाइल डिसफंक्शन मोटापे की वजह से कई बीमारियां हो जाती हैं और शरीर के कई अंगों तक रक्त संचार ठीक से नहीं हो पाता. हाई कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज़, हाई ब्लडप्रेशर जैसी बीमारियों की वजह से धमनियां ब्लॉक होने लगती हैं और जननांगों तक ब्लड सर्कुलेशन ठीक ढंग से नहीं हो पाता, जिसकी वजह से इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या हो सकती है. प्रीमैच्योर इजेकुलेशन मोटापे की वजह से पुरुष जल्दी स्खलित हो जाते हैं, जिसकी वजह से वो सेक्स के समय अपने पार्टनर को संतुष्ट नहीं कर पाते हैं. टेस्टोस्टेरॉन में कमी टेस्टोस्टेरॉन को मेल सेक्स हार्मोन भी कहा जाता है. इसकी कमी पुरुष को चिड़चिड़ा, गुस्सैल बना देती है. मूड का भी सीधा संबंध इस हार्मोन से होता है. इसकी कमी कामेच्छा को कम कर देती है. शरीर में अतिरिक्त फैट्स टेस्टोस्टेरॉन के स्तर को कम कर देता है. अमेरिका में हुए एक रिसर्च के मुताबिक़ मोटे लोगों में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर 50 फ़ीसदी तक कम हो जाता है. टेस्टोस्टेरॉन की कमी इंफर्टिलिटी का कारण बन सकती है. मोटापा साथ ले आता है बीमारियां मोटे लोगों को ब्लडप्रेशर, हार्ट डिसीज़, डायबिटीज़ जैसी कई बीमारियां घेर लेती हैं, जिसकी वजह से दवाएं खानी पड़ती हैं. इन बीमारियों में ली जानेवाली दवाओं से भी कामेच्छा पर असर पड़ता है. एक रिसर्च के मुताबिक़ ओबेज़ यानी मोटे लोगों की सेक्स लाइफ में नॉर्मल वज़नवाले लोगों के मुकाबले 25 गुना ज़्यादा परेशानियां होती हैं. [amazon_link asins='B07529X6DY,B01MQLUQW3,B01LX3987L,B06XGDXNVC' template='ProductCarousel' store='pbc02-21' marketplace='IN' link_id='12c1bfc2-b957-11e7-91a0-f3d39497e352']महिलाओं की समस्याएं पुरुषों से ज़्यादा हैं
आत्मविश्वास की कमी मोटापे की शिकार महिलाओं में आत्मविश्वास कम हो जाता है. ख़ूबसूरत शरीर न होने की वजह से उन्हें ऐसा लगता है कि सेक्स करते व़क्त वो आकर्षक नहीं लगेंगी. सेक्सुअल एक्टिविटीज़ की क्वालिटी और मोटापे में सीधा संबंध होता है. ब्लड सर्कुलेशन ठीक से न हो पाने का असर केवल पुरुषों में ही मोटापे की वजह से ब्लड सर्कुलेशन की समस्या नहीं होती, महिलाएं भी इससे पीड़ित होती हैं. मोटापे के कारण वेजाइना तक रक्त संचार ठीक से न हो पाने के कारण सेक्स ड्राइव कम हो जाता है. झिझक-शर्म महसूस होना मोटापे की वजह से महिलाएं सेक्स के दौरान अपनी बॉडी इमेज को लेकर झिझक महसूस करती हैं, जिसकी वजह से वो खुलकर सेक्सुअल एक्टिविटीज़ में हिस्सा नहीं ले पाती हैं. ऑर्गेज़्म तक न पहुंचना मोटापे के कारण महिलाओं को ऑर्गेज़्म तक पहुंचने में भी द़िक्क़त होती है. कई महिलाओं को इंटरकोर्स के दौरान दर्द या जांघों की मांसपेशियों में होनेवाले खिंचाव के कारण भी सेक्स करने की इच्छा ख़त्म हो जाती है. यह भी पढ़ें: 7 तरह के सेक्सुअल पार्टनरः जानें आप कैसे पार्टनर हैं मोटापा कम करें, सेक्सुअली फिट रहें - डायट में बदलाव करें. भले ही वज़न कम न हो पाए, लेकिन खानपान पर ध्यान रखकर सेक्स ड्राइव को बढ़ाया जा सकता है. - लो फैट डायट के साथ फल व सब्ज़ियां खाएं. यह डायट ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखेगा और सेक्स करने की चाह बनाए रखेगा. - आहार में सैचुरेटेड फैट की मात्रा कम करें और प्रोटीन की मात्रा बढाएं. इससे वज़न कम करने में मदद मिलेगी और सेक्स हार्मोन्स का संतुलन बना रहेगा. - लाइफस्टाइल बदलें और वर्कआउट करें. ऐसी एक्सरसाइज़ या एक्टिविटीज़ जिससे जांघों, कमर, कूल्हों की मांसपेशियों तक रक्त संचार हो. इसके लिए ब्रिस्क वॉक यानी तेज़ चलना, योग, साइकिलिंग आदि एक्टिविटीज़ जननांगों तक रक्त संचार को बढ़ा देते हैं और मोटापा कम करने में भी मदद करते हैं, जिससे कामोत्तेजना बढ़ जाती है. - अगर मोटापे का कारण आनुवांशिक है, तो डॉक्टर की मदद लें. - जीवनशैली सुधारें. धूम्रपान, अल्कोहल से दूरी बनाएं. कैसे पता करें कि आप ओबेज़ हैं? - यह जानने के लिए आपको अपना बीएमआई चेक करना होगा. बीएमआई यानी बॉडी मास इंडेक्स, जो ये बताता है कि हाइट के अनुसार आपका वज़न कितना होना चाहिए. - स्वास्थ्य मंत्रालय के मानकों के अनुसार भारतीयों में सामान्य बीएमआई 23 से कम होना चाहिए, जिनका बीएमआई 25 से ज़्यादा है, उन्हें मोटापे की श्रेणी में रखा गया है. क्या है इलाज? मोटापा एक ऐसी बीमारी है, जो व्यक्ति को डिप्रेशन में ले जाती है. कई बार एंटी डिप्रेज़ेंट दवाएं भी इसमें कारगर साबित नहीं होती हैं. मोटापे का सही उपचार न हो पाने की वजह से कई बार व्यक्ति के शरीर में ज़रूरी विटामिन्स की कमी हो जाती है. एनीमिया, स्वभाव में चिड़चिड़ापन आदि समस्याएं भी हो जाती हैं. इसलिए इस समस्या का सही इलाज ज़रूरी है. मोटापे के शिकार पार्टनर का मज़ाक न बनाएं अगर एक पार्टनर मोटापे का शिकार है, तो दूसरे पार्टनर की ज़िम्मेदारी है कि वो उसे कंफर्टेबल फील कराए. सेक्स के दौरान उसका मज़ाक न बनाए और न ही उसे अपमानित करे. अपने पार्टनर से इस समस्या के बारे में बात करे और वज़न कम करने के लिए प्रेरित करे. डॉ. जयश्री का कहना है कि मोटापा केवल बाहरी अपीयरेंस नहीं है, बल्कि ये शरीर में हुए कई हार्मोनल और दूसरी शारीरिक प्रणाली मेंं आए बदलावों को दर्शाता है. ख़ुद से वज़न घटाना सही तरीक़ा नहीं है. न्यूट्रिशनल और मेटाबोलिक मूल्यांकन के बाद ही ओबेसिटी एक्सपर्ट्स मोटापे का ट्रीटमेंट करते हैं. विभिन्न मेटाबोलाइट, जैसे- यूरिक एसिड, लिपिड, हार्मोन्स, किडनी, लिवर फंक्शन आदि की जांच के बाद ही इलाज किया जाता है. ऊपर बताए गए मूल्यांकन के बाद इंटरनेशनल सेंटर ऑफ एक्सेलेंस गाइडलाइन्स के तहत मोटापे से पीड़ित के लिए उपयुक्त मेडिकल या सर्जिकल मार्ग अपनाया जाता है. डॉ. जयश्री का कहना है कि बैरियाट्रिक मेटाबोलिक ट्रीटमेंट से कई लोगों को सेक्सुअल फंक्शन के मामले में संतोषजनक परिणाम मिले हैं.- प्रियंका सिंह
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