टीवी इंडस्ट्री का पॉप्युलर शो 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में नट्टू काका के नाम से मशहूर घनश्याम नायक (Ghanshyam Nayak) जी ने जब से इस दुनिया को अलविदा कहा है, उनके अपने तो दुखी हैं ही, साथ हीं उनके सारे कोस्टार भी उन्हें याद कर काफी ज्यादा भावुक हो रहे हैं. ऐसे में शो में बबीता जी का रोल प्ले करने वाली एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) को भी उनके जाने से काफी शॉक लगा है.
जानी मानी एक्ट्रेस मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) ने घनश्याम नायक (Ghanshyam Nayak) जी के निधन पर शोक जताते हुए इंस्टाग्राम पर एक बहुत ही भावुक कर देने वाला पोस्ट किया है. उन्होंने नट्टू काका के साथ की अपनी एक तस्वीर शेयर की है और लिखा है, "पहली तस्वीर तब की है जब मैं आखिरी बार उनसे मिली थी. उनके लड़ने की शक्ति और ऐसी स्थिति में भी प्रेरणा देने वाले शब्द, वो मुझे अच्छी तरह से याद हैं. कीमो से उबरने के बाद उन्होंने ये बताने के लिए कि उनका उच्चारण कितना परफेक्ट है, उन्होंने संस्कृत के दो श्लोक सुनाए थे. तब सेट पर ही हम सबने उन्हें स्टैंडिंग ओवेशन दी थी."
मुनमुन दत्ता (Munmun Dutta) ने इस पोस्ट में आगे लिखा है, "वो हमारे सेट, हमारी यूनिट और पूरी टीम के लिए हमेशा अच्छी बातें ही बोलते थे. वो उनका दूसरा घर था. वो प्यार से मुझे दिकरी बुलाते थे और अपनी बेटी मानते थे. वो हमारे साथ खूब हंसते थे. मुझे अभी भी याद है कि वो अपने स्ट्रगल के दिनों कि कहानियां किस तरह सुनाते थे. वो मुझे हमेशा याद आएंगे. मैं हमेशा उन्हें एक ऐसे शख्स के तौर पर याद करुंगी जो एकदम सच्चा था और जब बोलता था तो क्यूट लगता था."
बबीता जी ने आगे लिखा है, "लेकिन पिछले एक साल से गिरती सेहत की वजह से उनके लिए काफी मुश्किल भरा रहा. बिगड़ती हालत के बावजूद वो काम करते रहना चाहते थे और हमेशा पॉजिटिव रहते थे. आपकी बहुत सारी यादें हैं और बहुत कुछ अच्छा लिखने को है. मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं काका कि आपको बीते 13 सालों से जानती हूं. मैं और बाकी सब लोग आपको शिद्दत से प्यार करेंगे जिनकी जिंदगी पर आपने छाप छोड़ी है. उम्मीद करती हूं कि अब आप एक अच्छी जगह पर हो. अब तो आपकी वजह से स्वर्ग और भी रौशन हो गया होगा."
बता दें कि पिछले काफी समय से घनश्याम नायक (नट्टू काका) कैंसर की बीमारी से ग्रस्त थे और उनका इलाज चल रहा था. सीरियल 'तारक मेहता का उल्चा चश्मा' के अलावा उन्होंने 350 से भी ज्यादा टीवी सीरियलों और लगभग 250 गुजराती और हिंदी फिल्मों में काम किया था. 1960 में आई फिल्म 'मासूम' से उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम करने की शुरुआत कर दी थी. तब से लेकर अब तक वो लगातार काम करते चले गए थे.