आज की तारीख़ में बाबा का ढाबा के कांता प्रसाद को कौन नहीं जानता? कोरोना के दौर में वो खबरों में आए थे, जब एक यूट्यूबर ने उनका वीडीयो बनाकर उनको रातों रात स्टार बना दिया था. लेकिन फिर ऐसा क्या हुआ कि कांता प्रसाद को आत्महत्या की कोशिश करनी पड़ी? पुलिस के मुताबिक़ उन्होंने गुरूवार रात शराब के साथ नींद की गोलियां खाकर अपनी जान देने की कोशिश की, उन्हें दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में बेहोशी की हालत में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत नाज़ुक बताई गई थी. इस मामले में पुलिस जानकारी हासिल कर रही है कि आख़िर उन्होंने ऐसा किया क्यों?
80 साल के कांता प्रसाद दिल्ली के मालवीय नगर में एक छोटा सा ढाबा चलाते थे, वो अपनी पत्नी के साथ साल 1990 से बाबा का ढाबा चला रहे थे जहां घर के खाने जैसा स्वाद कम दाम में लोगों को मिलता था, लेकिन कोरोना के चलते जो थोड़ा-बहुत मिलता था वो भी बंद हो गया था. गौरव वासन वो ब्लॉगर थे जिन्होंने कांता प्रसाद और उनकी पत्नी के कोरोना काल में संघर्ष और मुफ़लिसी का वीडीयो यूट्यूब पर डाला था और उसके बाद वो इतना वायरल हुआ कि बड़े-बड़े सेलेब्स और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक ने उस पर कमेंट किया. लोगों ने उनकी तरफ़ मदद के हाथ बढ़ाए, अर्थिक मदद भी मिली.
इसके बाद बाबा का ढाबा भी काफ़ी चला, लोगों द्वारा दी गई आर्थिक मदद और अपने ढाबे की पॉप्युलैरिटी के चलते कांता प्रसाद ने मात्र छः महीनों में ही एक नया रेस्टौरेंट खोल लिया था और लोग अब इस फ़ेमस बाबा का ढाबा में खाना खाना अपनी शान समझने लगे थे, वो बाबा के साथ सेल्फ़ी लेते थे और यहां काफ़ी लोग आने लगे थे. लेकिन इस होटल को खोलने के बाद खर्च भी बढ़ गया था. वहां के स्टाफ़ और बिजली-पानी के बिल आदि को मिलाकर लगभग लाख रुपए का खर्च था जबकि कमाई सिर्फ़ 40 हज़ार की ही थी. होटल बंद करना पड़ा और फिर उसी ढाबे पर पहुंच गए जहां से शुरुआत हुई थी. कांता प्रसाद और उनके ने भी कहा कि वो अपने ढाबे से ही खुश हैं क्योंकि वहां से उन्हें ठीक-ठाक कमाई मिल जाती है.
इसी बीच कांता प्रसाद ने यूट्यूबर गौरव पर पैसों के लेनदेन को लेकर केस कर दिया था. उनका आरोप था कि गौरव ने उनके नाम पर काफ़ी पैसे कमाए लेकिन उन्हें उसमें से बस थोड़ा सा ही हिस्सा दिया.
इस आरोप के बाद लोगों ने भी ढाबे पर आना कम कर दिया, क्योंकि लोगों को ये महसूस हुआ कि जिस बंदे ने उनकी इतनी मदद की उसी पर ये आरोप लगा रहे हैं लेकिन गौरव ने इस मामले को सुलझा लिया और कांता प्रसाद ने भी उनसे माफ़ी मांग ली. गौरव ने उनके साथ पिक्चर क्लिक करवाकर कहा कि उनके मन में कोई दुर्भावना नहीं है. माफ़ करनेवाला बड़ा होता है इसलिए अब कोई अनबन नहीं. पर कोरोना की सेकंड वेव ने बाबा के उस छोटे से रहड़ीनुमा ढाबे को भी बंद करवा दिया.
अब कांता प्रसाद की आत्महत्या का मामला सामने आया है, वो अस्पताल में भर्ती हैं और पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है, उनके बेटे से भी पूछताछ की है कि आख़िर ऐसी नौबत क्यों आई.
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