फाइनेंस के बारे में ज़्यादातर लोगों को कई ज़रूरी बातें पता ही नहीं होतीं. ऐसे में अक्सर लोग कुछ ऐसी ग़लतियां कर बैठते हैं, जिनसे बड़ी आसानी से बचा जा सकता है. ऐसी ही कुछ ग़लतियों के बारे में हम आपको बता रहे हैं, ताकि आप ये ग़लतियां न करें. टाइमलाइन न बनाना
हर किसी को घर, मकान, बच्चों की पढ़ाई, शादी, रिटायरमेंट आदि के लिए बचत करनी होती है, पर ज़्यादातर लोग इनके लिए कोई टाइमलाइन नहीं बनाते, न ही किसी डायरी में लिखकर रखते हैं, जिससे उन्हें पता ही नहीं चलता कि किस काम के लिए कितनी सेविंग्स की ज़रूरत है.
ख़र्च के बाद बचत करना
ज़्यादातर लोग सैलरी आने के बाद महीने का सारा बजट बनाकर ख़र्च का जुगाड़ करते हैं और अगर उसके बाद कुछ बचता है, तो बचत में रखते हैं, वरना उस महीने कोई सेविंग्स नहीं. जबकि होना ये चाहिए कि बचत के पैसे निकालकर रखने के बाद जो रक़म बचे, उसमें ख़र्च करें. इसके लिए कुछ सेविंग स्कीम्स लेना बेहतर होगा.
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अक्सर दोस्तों या कलीग्स की देखादेखी हम कोई प्लान ले लेते हैं या किसी स्कीम में इन्वेस्ट करते हैं, पर यह ध्यान नहीं देते कि उसकी ज़रूरत हमें है भी या नहीं. अक्सर लोगों को बाद में अपनी भूल का एहसास होता है कि काश इसकी बजाय अपनी ज़रूरत के मुताबिक कोई और प्लान लिया होता, तो ज्यादा फ़ायदा होता. इसलिए देखादेखी न करें.
बढ़ती महंगाई को भूल जाना
आजकल हर कोई यह जुमला उछालता नज़र आता है कि जितनी तेज़ी से महंगाई बढ़ रही है, सैलेरी नहीं बढ़ रही. हम जब भी भविष्य में किसी चीज़ के लिए प्लान करते हैं, तो आज के प्रॉपर्टी रेट्स और टैक्सेस को ध्यान में रखते हैं, जबकि आमतौर पर महंगाई बढ़ती ही है और हमें उसी के अनुसार अमाउंट प्लान करना चाहिए.
बजट को फॉलो न करना
कुछ लोग बजट तो बना लेते हैं, पर उसे सही तरी़के से फॉलो नहीं कर पाते. ऐसे में कई फाइनेंशियल मामले डगमगा जाते हैं, इसलिए इस ओर लापरवाही न बरतें.
इमर्जेंसी फंड को अनदेखा करना
रोज़मर्रा की ज़िंदगी बेरोक-टोक सुचारु रूप से चलती रहे, इसलिए घर में एक इमर्जेंसी फंड ज़रूर बनाएं, जो मेडिकल से लेकर फाइनेंशियल सभी ज़रूरतों को पूरा कर सके. ऐसा न करने पर इमर्जेंसी के व़क्त आपको इधर-उधर उधार मांगना पड़ सकता है.
प्रोफेशनल या एक्सपर्ट की सलाह न लेना
अक्सर लोग ख़ुद को ही एक्सपर्ट समझकर मामलों को निपटाने की कोशिश करते हैं. चाहे घर ख़रीदना-बेचना हो, लोन लेना हो या इंश्योरेंस- आपको प्रोफेशनल एक्सपर्ट की हमेशा मदद लेनी चाहिए.
फैमिली के साथ डिस्कस न करना
फाइनेंस से जुड़े मामले अक्सर पुरुष ही संभालते हैं. महिलाएं न तो इसमें दिलचस्पी लेती हैं, न ही पुरुष उन्हें इसमें शामिल करते हैं. भले ही आप सारा काम ख़ुद संभालें, पर फैमिली के साथ शेयर ज़रूर करें, ताकि उन्हें भी इन मामलों की जानकारी हो.
ज़रूरत के व़क्त कुआं खोदना
किसी भी काम को करने के लिए सही प्लानिंग की ज़रूरत होती है, जिसके लिए आपको पहले से ही सेविंग्स और इन्वेस्टमेंट करना पड़ता है. जब ज़रूरत होगी, तब जुगाड़ लगाना शुरू करेंगे, तो कर्ज़ के अलावा आपके पास कुछ नहीं बचेगा.
- रिद्धी चौहान
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