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सेक्स पावर बढ़ाने से लेकर अस्थमा तक, जानिए पीपल के 10 बड़े स्वास्थ्य लाभ (10 Health benefits of the peepal tree that you had no idea about)
विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे न स़िर्फ हमारे पर्यावरण को हरा-भरा बनाते हैं, बल्कि ये इंसानों की सेहत के लिए भी काफ़ी महत्वपूर्ण माने जाते हैं. इनमें कई ऐसे पेड़-पौधे शामिल हैं, जो हिंदू धर्म में पूजनीय माने जाते हैं और वनस्पति विज्ञान में उनका इस्तेमाल गुणकारी औषधि के रूप में किया जाता है. ख़ासकर पीपल के पेड़ (Peepal Tree) को हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार परम पूजनीय वृक्ष है. इसलिए इसे सदियों से लोगों की आस्था और विश्वास से जोड़कर देखा जाता रहा है. यह एकमात्र ऐसा पेड़ है जो हमें 24 घंटे ऑक्सिजन प्रदान करता है. इसके अलावा इसे वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद में स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से फ़ायदेमंद माना गया है. इसलिए इसका इस्तेमाल कई रोगों के उपचार में भी किया जाता है. चलिए जानते हैं पीपल से होनेवाले 10 स्वास्थ्य लाभ.
सर्दी, ज़ुकाम और बुखार
हर बदलते मौसम के साथ कई लोगों को सर्दी, ज़ुकाम और बुखार जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो जाती हैं. इन स्वास्थ्य समस्याओं से निजात दिलाने में पीपल के पत्ते काफ़ी कारगर माने जाते हैं. बुखार होने पर पीपल के कुछ कोमल पत्तों को दूध में उबालकर, उसमें चीनी मिलाकर इसका सेवन दिन में दो बार करना चाहिए. इसके अलावा सर्दी-ज़ुकाम होने पर पीपल के कुछ पत्तों को छांव में सुखाकर मिश्री के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने पर इस समस्या से राहत मिलती है.
अस्थमा में कारगर
पीपल के पत्ते अस्थमा जैसी सांस संबंधी बीमारी में भी कमाल का असर दिखाते हैं. अगर कोई व्यक्ति अस्थमा से पीड़ित है तो पीपल के कुछ कोमल पत्तों को पीसकर उसे दूध में उबालें फिर उसमें चीनी मिलाकर इसे दिन में दो बार पीड़ित को पिलाएं. इसके अतिरिक्त पीपल की छाल और उसके पके हुए फलों का अलग-अलग पाउडर बनाकर उसे समान मात्रा में मिला लें. इस मिश्रण का दिन में 3-4 बार सेवन करने से अस्थमा में आराम मिलता है.
पीलिया में है गुणकारी
पीलिया यानी जॉन्डिस जैसी बीमारी मंें पीपल के पत्ते गुणकारी माने जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति पीलिया से पीड़ित है तो पीपल के 3-4 कोमल या नए पत्तों के रस में मिश्री मिलाकर इसका शरबत बना लें. इस शरबत का सेवन दिन में 2-3 बार करें, 4-5 दिनों तक इस शरबत के नियमित सेवन से पीलिया का असर कम होने लगता है.
दांतों के लिए है फ़ायदेमंद
दांतों में दर्द या सड़न की समस्या को दूर करने में पीपल सहायक होता है. पीपल के पेड़ की ताज़ी टहनी से नियमित दातुन करने से दांत मज़बूत होते हैं और दांतों में दर्द की समस्या दूर होती है. इसके अलावा 10 ग्राम पीपल की छाल, कत्था और थोड़ी काली मिचर्र् को बारीक पीसकर इसका मिश्रण तैयार कर लें. इस मिश्रण से मंजन करने पर दांतों और मसूड़ों के आसपास मौजूद बैक्टीरिया का सफ़ाया होता है.
आंखों की तकलीफ़ करे दूर
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पीपल के पत्ते आंखों की तकलीफ़ों को दूर करने के लिए भी जाने जाते हैं. आंखों में दर्द, जलन जैसी समस्या होने पर पीपल की पत्तियों के दूध को आंखों पर लगाने से फ़ायदा होता है और आंखों की तकलीफ़ कम होती है.
नपुंसकता दूर करने में सहायक
पीपल के फल का पाउडर बनाकर उसे आधा चम्मच की मात्रा में दूध के साथ दिन में तीन बार लें. पीपल का यह नुस्ख़ा पुरुषों में नपुंसकता की समस्या को दूर करने में मदद करता है और उन्हें बलवान बनाता है. इसके अतिरिक्त पीपल के फल, जड़ और छाल के चूर्ण को शहद के साथ खाने से पुरुषों में कामेच्छा बढ़ती है.
कब्ज़ में कारगर
वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद में पीपल के पत्तों का प्रयोग कब्ज़ या गैस की समस्या को दूर करने के लिए दवा के तौर पर भी किया जाता है. पीपल को पित्त नाशक माना जाता है, इसलिए पेट की समस्याओं में इसका उपयोग फ़ायदेमंद होता है. इसके ताज़े पत्तों का रस निकालकर सुबह-शाम एक चम्मच पीने से कब्ज़ की समस्या दूर होती है.
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दूर करे दिल की कमज़ोरी
एक जार में पानी लेकर पीपल के कुछ कोमल पत्तों को रात भर के लिए भिगोकर छोड़ दें. अगले दिन इन पत्तियों को निकालकर जार के पानी को दिन में 2-3 बार पीएं. नियमित तौर पर ऐसा करने से दिल की धड़कनें सामान्य होती हैं और दिल की कमज़ोरी की समस्या भी दूर होती है.
डायबिटीज़ में फ़ायदेमंद
पीपल के पत्तों में ब्लड शुगर लेवल को कम करने के गुण पाए जाते हैं. पीपल की कोमल पत्तियों के साथ पीपल के फल का चूर्ण और हरड के चूर्ण का मिश्रण डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फ़ायदेमंद होता है. इस मिश्रण का थोड़ी-थोड़ी मात्रा में नियमित रूप से सेवन करना चाहिए.
ज़हर को करे बेअसर
अगर किसी व्यक्ति को ज़हरीले सांप या जीव-जंतु ने काट लिया और आसपास कोई डॉक्टर मौजूद नहीं है, तो ऐसे में पीपल के पत्ते इलाज के तौर पर लाभकारी हो सकते हैं. ज़हर के असर को बेअसर करने के लिए पीड़ित व्यक्ति को पीपल के कोमल पत्तों के रस की दो-दो बूंदे थोड़ी-थोड़ी देर में पिलाना चाहिए. इसके अलावा इसकी कोमल पत्तियों को चबाने से भी ज़हर का असर कम होता है.
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