बेसिक पर्सनल हाइजीन हैबिट्स
पर्सनल हाइजीन का ध्यान रखकर हम ख़ुद के साथ-साथ दूसरों को भी बीमार होने से बचा सकते हैं. अच्छी सेहत के लिए हर रोज़ सुबह से शाम तक काम आनेवाली अपनी सभी हाइजीनिक एक्टीविटीज़ पूरी ईमानदारी से निभाएं. हेयर हाइजीन सिर से पांव तक स्टाइलिश दिखने के लिए हमें पूरे शरीर की साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना चाहिए, पर अक्सर लोग बालों को अनदेखा ही कर देते हैं. - बालों को हफ़्ते में दो बार अच्छे शैंपू से धोएं. साबुन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि इसमें मौजूद सोडियम बाईकार्बोनेट बालों को नुक़सान पहुंचाता है. - चाहें तो ड्रायर से बालों को सुखा लें, पर ऐसा हमेशा न करें. रेग्युलर इस्तेमाल से ड्रायर आपके बालों के जड़ों के फॉलिकल्स को डैमेज कर देता है. - हफ़्ते में एक बार अच्छी तरह बालों में तेल लगाएं. नारियल तेल में मौजूद पोषक तत्वों के कारण यह बालों के लिए बेस्ट हेयर ऑयल माना जाता है. स्किन हाइजीन हर व्यक्ति को पूरे दिन पसीना आता है, भले ही किसी को कम, तो किसी को ज़्यादा. पसीना सूखने के बाद भी हमारे शरीर पर जर्म्स रह जाते हैं, जिन्हें हमें तुरंत साफ़ करना चाहिए, वरना इंफेक्शन या एलर्जी हो सकती है. - त्वचा को साफ़-सुथरा रखने के लिए साबुन और पानी से बेहतर क्या हो सकता है. रोज़ाना एक या दो बार ज़रूर नहाएं. - नहाने के लिए एंटी-बैक्टीरियल सोप का इस्तेमाल करें और पानी में एंटी सेप्टिक लिक्विड की कुछ बूंदें ज़रूर मिलाएं. - अपने टॉवेल, सोप, रेज़र, मेकअप आदि दूसरों से कभी शेयर न करें. - स्किन को नरम-मुलायम व मॉइश्चराइज़ रखने के लिए अच्छी क्वालिटी का मॉइश्चराइज़र इस्तेमाल करें. - रोज़ाना धुले हुए साफ़-सुथरे कपड़े पहनें. ओरल हाइजीन ओरल केयर हाइजीन का एक अहम् हिस्सा है. अगर इसका ध्यान न रखा गया, तो सांसों की बदबू, दांतों में कैविटीज़ और मसूड़ों में तकलीफ़ हो सकती है. - रोज़ाना दो बार ब्रश करना बहुत ज़रूरी है, पर इसी के साथ जब भी कुछ खाएं, मुंह ज़रूर साफ़ करें, ताकि खाना मुंह में अटका न रहे. - जिग-जैग ब्रिस्लस वाला ब्रश, फ्लॉस, टंग क्लीनर और माउथवॉश का सही इस्तेमाल करें. अक्सर लोग एक करते हैं, दूसरा नहीं जिससे कंप्लीट ओरल केयर नहीं हो पाता. - ब्रश को कभी गीला न रखें, वरना उसमें जर्म्स होने लगते हैं. - किसी और के साथ ब्रश या टंग क्लीनर शेयर न करें. हैंड हाइजीन दिनभर में हमारे हाथ न जाने बैक्टीरिया व जर्म्स वाली कितनी चीज़ें छूतें हैं, जिससे कोल्ड और गैस्ट्रो जैसे इंफेक्शन्स हो जाते हैं. इसलिए हैंड केयर का ख़ास ख़्याल रखें. हाथ धोना कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे मनाया जाता है. - शौच के बाद, कुछ भी खाने के पहले और बाद में और बाहर से आने के बाद हाथों को अच्छी तरह किसी एंटी बैक्टीरियल हैंड सोप से धोएं. - बहुत से लोग ध्यान नहीं देते और खांसते-छींकते समय न रुमाल का इस्तेमाल करते हैं और न ही उसके बाद हाथ धोते हैं. उसी हाथ से खाने और दूसरों से हाथ मिलाने पर जर्म्स तेज़ी से फैलते हैं. इस बात का हमेशा ध्यान रखें. - हाथों में चिपके जर्म्स और बैक्टीरिया मुंह के ज़रिए पेट में चले जाते हैं, जिससे एलर्जी, कोल्ड, गैस्ट्रो आदि की समस्या हो जाती है. - हमेशा हैंड सैनेटाइज़र अपने साथ रखें, ताकि कभी भी कहीं भी हाथों को सैनेटाइज़ कर सकें. फीट हाइजीन अक्सर लोग पैरों की साफ़-सफ़ाई पर ध्यान ही नहीं देते, जबकि अच्छी सेहत के लिए पैर व पैर के तलवों की सफ़ाई महत्वपूर्ण है. - हर दूसरे दिन गुनगुने पानी में शैंपू डालकर पैरों को धोएं. - फटी हुई एड़ियों से बचने के लिए प्युमिक स्टोन से स्क्रब करें. अगर एड़ियां फटी हैं, तो एंटी क्रैकिंग क्रीम लगाएं. - पसीने की बदबू से बचने के लिए मोज़े पहनने से पहले पैरों पर पाउडर छिड़कें. - फुट केयर व सही बॉडी पोश्चर के लिए सही फुटवेयर सिलेक्ट करें. नेल हाइजीन नाख़ूनों में जमी मैल खाने के दौरान हमारे पेट में चली जाती है, जिससे पेट की तकली़फें होने लगती हैं, इसलिए स्वस्थ रहने के लिए नेल हाइजीन बहुत ज़रूरी है. - नियमित रूप से अपने नाख़ून काटें. बच्चों के नाख़ून का ख़ास ध्यान रखें, क्योंकि मिट्टी में खेलने के कारण उनके नाख़ूनों में हमेशा मैल रहती है. - ख़ासकर महिलाएं नेल्स को हमेशा पॉलिश न करें. इससे नाख़ून के केराटीन फटने लगते हैं. - महीने में एक बार पेडीक्योर-मेनीक्योर ज़रूर कराएं.सेक्सुअल हाइजीन
अनजाने में ही बहुत से लोग सेक्सुअल हाइजीन का ध्यान नहीं रखते, जिससे उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. - पसीने और बैक्टीरिया से अपने जननांग को हमेशा साफ़ रखें. नहाते व़क्त रोज़ाना इंटीमेट वॉश से साफ़ करने के बाद पानी में एंटी सेप्टिक डालकर साफ़ करें. - प्युबिक हेयर को हमेशा साफ़ करते रहें, वरना वहां बॉइल्स व बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकते हैं. - छोटे बच्चों को बचपन से ही सेक्सुअल हाइजीन के बारे में बताएं. - भीगे अंडरगार्मेंट्स कभी न पहनें, क्योंकि इनसे रैशेज़ व इंफेक्शन्स हो सकते हैं. - ज़्यादा देर तक टाइट अंडरवेयर्स या स्किन फिट जींस न पहनें, इससे पसीना बाहर नहीं निकल पाता और बैक्टीरिया को पनपने में मदद करता है.पीरियड्स में हाइजीन
हर महीने पीरियड्स के दौरान महिलाओं को कई तकलीफ़ों से गुज़रना पड़ता है, जिसमें अक्सर हाइजीन पीछे छूट जाती है, जबकि ऐसे में यह ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है. - पीरियड्स के पहले प्राइवेट पार्ट को अच्छी तरह क्लीन कर दें. - किसी भी सैनिटरी नैपकीन का इस्तेमाल 4 घंटे से ज़्यादा न करें, क्योंकि यह भविष्य में आपको कैंसर जैसी ख़तरनाक बीमारी दे सकता है. - इन दिनों नहाना और ख़ुद को साफ़-सुथरा रखना बहुत ज़रूरी है, इसलिए आलस न करें.हाइजीन की कमी के परिणाम
जुएं: अगर बालों की हाइजीन का ध्यान न रखा जाए, तो उनमें जुएं पड़ जाती हैं. स्काल्प इरिटेशन के साथ-साथ आपको पब्लिक में शर्मिंदगी भी झेलनी पड़ सकती है. सोल्यूशन: मेडिकल्स में जुओं से छुटकारा दिलानेवाले कई सोल्यूशन्स मिलते हैं, जिन्हें आप इस्तेमाल कर सकते हैं. - अगर समस्या लंबे समय से है या बार-बार वापस आ जाती है, तो किसी ट्रिकोलॉजिस्ट से मिलें. ट्रिकोलॉजिस्ट हेयर और स्काल्प में स्पेशलाइज़्ड डॉक्टर्स होते हैं. - नियमित रूप से बालों की देखभाल से इस समस्या से जल्द छुटकारा पाया जा सकता है. रूसी: स्काल्प की डेड स्किन को रूसी कहते हैं. कम तेल का इस्तेमाल या ज़रूरत से ज़्यादा इस्तेमाल भी इस समस्या को बढ़ा सकता है. सोल्यूशन: जैसा कि हेयर केयर में बताया गया है, वही रूटीन फॉलो करें. बहुत ज़्यादा रूसी है, तो सैलिसिलिक एसिड युक्त शैंपू इस्तेमाल करें. सांसों की दुर्गंध: यह हेल्थ और स्टाइल, दोनों के ही लिए टैबू माना जाता है. ज़्यादातर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं, पर इसके कारण आपको शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ सकता है. सोल्यूशन: मेडिकल की भाषा में इसे हैलिटॉसिस कहते हैं, जिसका इलाज घरेलू नुस्ख़ों से या ओरल केयर से किया जा सकता है, पर फिर भी अगर यह ठीक न हो, तो आपको डेंटिस्ट के पास भी जाना पड़ सकता है. - इलायची, लौंग, माउथ फ्रेशनर, स्प्रे या फ्लेवर्ड च्युइंग गम के ज़रिए भी सांसों की बदबू को कंट्रोल किया जा सकता है. इयर वैक्स: डस्ट पार्टिकल्स के ज़्यादा जमा हो जाने से इयर वैक्स बाहर निकल आता है. अगर ज़्यादा दिन तक इसे निकाला न गया, तो यह सुनने में भी परेशानी खड़ा कर सकता है. सोल्यूशन: रोज़ाना नहाते व़क्त साबुन और पानी से कान साफ़ करें. - इयर बड्स से समय-समय पर कान साफ़ करते रहें. - अगर यह ज़्यादा बढ़ जाए, तो किसी ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से कान साफ़ करवा लें. वैसे भी सालाना रूटीन चेकअप में डॉक्टर ज़रूरत पड़ने पर इयर वैक्स साफ़ कर देते हैं. पसीने की बदबू: पैरों की उंगलियों और अंडरआर्म्स का पसीना जल्दी नहीं निकल पाता, जिससे बैक्टीरिया को अपना काम करने का मौका मिल जाता हैै और पसीने से बदबू आने लगती है. रोज़ाना इनरवेयर्स व मोज़े बदलें, वरना शरीर से बदबू आने लगेगी. सोल्यूशन: पसीना तो वैसे हर मौसम में होता है, पर गर्मियों में यह कुछ ज़्यादा ही परेशान करता है. - गर्मियों में दो बार ज़रूर नहाएं और पानी में एंटी-सेप्टिक लिक्विड की कुछ बूंदें ज़रूर मिलाएं. - जिस जगह सबसे ज़्यादा पसीना आता है, वहां टैल्कम पाउडर लगाएं. - अल्कोहल फ्री व हेक्साक्लोरीनफेन युक्त डियोड्रेंट इस्तेमाल करें. यूरिनरी इंफेक्शन: बाथरूम की ग़लत आदतों के कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) हो सकता है. साफ़-सफ़ाई की कमी के कारण बैक्टीरियल इंफेक्शन बढ़ जाता है, जिससे रैश़ेज व खुजली होती है. सोल्यूशन: अपने प्राइवेट पार्ट्स को हमेशा साफ़-सुथरा रखें. हर बार शौच व पेशाब के बाद अच्छी तरह से पानी से साफ़ करें. - टॉयलेट को हमेशा साफ़ रखें, वरना एक से दूसरे को इंफेक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है. - सिंथेटिक की बजाय कॉटन के अंडरगार्मेंट्स पहनें. डिप्रेशन: जो लोग हाइजीन का ख़्याल नहीं रखते, उन पर इसका सायकोलॉजिकल प्रभाव भी पड़ता है. अक्सर ये डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं, जिसके बाद ये इसे और अनदेखा करते हैं और बीमार पड़ जाते हैं. हेल्थ पर प्रभाव: पर्सनल हाइजीन को अनदेखा करने का ख़ामियाज़ा आपको मेथिसिलीन रेज़िस्टेंट स्टैफीलोकस ऑरस (एमआरएसए) से चुकाना पड़ सकता है. यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जिसका इलाज न करवाया गया, तो निमोनिया या ब्लड डिसीज़ भी हो सकता है. आत्मविश्वास की कमी: जो लोग हाइजीन का ध्यान नहीं रखते, उनमें आत्मविश्वास की कमी आ जाती है, जिससे धीरे-धीरे वो लोगों से दूर होने लगते हैं और अकेले रहने लगते हैं. ऐसे लोग अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं और समाज से कटने लगते हैं.ट्रैवेलिंग के दौरान हाइजीन
- अपनी पानी की बॉटल कैरी करें. जगह-जगह का पानी न पीएं. - किसी भी नल के पानी से ब्रश न करें. बोरवेल या पीने के पानी का ध्यान रखें. - ट्रैवेलिंग के दौरान हैंड सैनेटाइज़र, पेपर सोप, टिश्यू पेपर्स हमेशा कैरी करें. - रेलवे, बस आदि में बाहर का कुछ भी खाने की बजाय, घर से स्नैक्स और फ्रूट्स लेकर चलें.सोशल हाइजीन एटीकेट्स
- ख़ुद को साफ़-सुथरा रखने के साथ-साथ अपने आसपास के माहौल को भी साफ़ रखें. जिस बर्तन में खाना खाते हैं, जिस चेयर पर बैठते हैं, जिस बिस्तर पर सोते हैं और जिस घर में रहते हैं, उनकी सफ़ाई भी उतनी ही ज़रूरी है. - घर हो या ऑफिस अपने चारों तरफ़ सफ़ाई का ख़ास ख़्याल रखें. चारों तरफ़ फैला सामान आपके हेल्थ पर ग़लत प्रभाव डालने के साथ-साथ निगेटिव एनर्जी भी पैदा करता है, जिसका आपके मूड पर असर पड़ता है. - रास्ते पर चलते हुए रोड को, ट्रेन में सफ़र करते हुए ट्रेन को और बस में सफ़र करते हुए बस को कचरा फेंकने और गंदा करने की आदत छोड़ दें. यह अपने साथ-साथ दूसरों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ करना है. - चलते व़क्त रास्ते में थूंकना, - चॉकलेट-बिस्किट और चिप्स के पैकेट फेंकना, बिना सोचे-समझे छींकना और खांसना बहुत ही गंदी आदत है, इसे सुधार लें. ऐसा करने से हम बहुत-सी संक्रमण वाली बीमारियों से बच सकते हैं. - मोबाइल पर बात करने के बाद किसी को भी मोबाइल देने से पहले उसे पोंछ दें. मोबाइल में हमारे चेहरे का तेल, पसीना और कई बार थूक भी चिपक जाता है, जो अनजाने ही सामनेवाले को ट्रांसफर हो जाता है. अगली बार इसका ध्यान रखें.- अनीता सिंह
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