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बिकाऊ बॉलीवुड या बिकाऊ स्टिंग ऑपरेशन..? (Sting Operation: Is The Media Biased?)
यूं तो अधिकतर मामलों में फिल्मी सितारों (Film Stars) व इससे जुड़े कलाकारों पर उंगलियां उठती रही हैं. लेकिन अब ताज़ातरिन पैसे लेकर सोशल मीडिया (Social Media) पर पॉलिटिशियन (Politician) के लिए प्रचार-प्रसार का मामला उछला है. एक मशहूर ऑनलाइन वेबसाइट पॉर्टल ने कई फिल्मी हस्तियों की स्टिंग ऑपरेशन (Sting Operation) कर इसका खुलासा किया है.
उनके द्वारा एक पीआर एजेंसी के रूप में कलाकारों के पास पहुंचकर उनसे यह पूछा गया कि यदि उन्हें पैसा देकर उनके सोशल अकाउंट से किसी ख़ास पार्टी के फेवर में प्रचार करने के लिए कहा जाए, तो क्या वे ऐसा करेंगे. इस पर कई नामी-गिरामी स्टार्स ने हामी भरी, जिसमें सोनू सूद, जैकी श्रॉफ, विवेक ओबेरॉय, सनी लियोनी, महिमा चौधरी, अमीषा पटेल, शक्ति कपूर, कैलाश खेर, कृष्णा अभिषेक, राखी सावंत आदि हैं. लेकिन यह भी उतना ही कड़वा सच है कि क्या स्टिंग ऑपरेशन निष्पक्ष था. कहीं इसके आड़ में किसी ख़ास पार्टी द्वारा दुष्प्रचार करने की मंशा तो नहीं थी?
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा बिकाऊ बॉलीवुड स्लोगन के आड़ में हर कोई अपनी भड़ास निकाल रहा है, पर तस्वीर के दूसरे पहलू पर कितने लोगों ने जानने-समझने की कोशिश की? क्या स्टिंग ऑपरेशन बिकाऊ नहीं हो सकता? इस तरह की स्टिंग करनेवाले ख़ुद कितने ईमानदार हैं, यह आप कैसे कह सकते हैं?
हंगामा मचने पर सोनू सूद और सनी लियोनी ने तो स्पष्टीकरण भी दे डाली कि उनकी बातों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया.
आख़िरकर मीडिया वर्ग कब अपनी ज़िम्मेदारियों को समझेंगे और लोगों तक विवादस्पद व सनसनीखेज ख़बरों की जगह सही ख़बरें देने की कोशिश करेंगे. माना मसाला व कंट्रोवर्सीवाली न्यूज़ देना अक्सर उनकी मजबूरी बन जाती है, पर उन्हें यह भी समझना होगा कि इससे अन्य सच्चे व सही लोगों का व्यक्तित्व प्रभावित होता है.