मशीनें
मार्केट में पोटैटो वेफर्स बनाने की ऑटोमैटिक और सेमी ऑटोमैटिक कई मशीनें उपलब्ध हैं. इन्हें आप अपनी पसंद व क्षमतानुसार ले सकते हैं. यहां हमने बेसिक मशीनों के बारे में आपको जानकारी दी है, जिन्हें ख़रीदकर आप अपना बिज़नेस शुरू कर सकते हैं. * पोटैटो पीलिंग मशीन (छिलके निकालने के लिए) 20 हज़ार रुपए से शुरू. * स्लाइसिंग मशीन (स्लाइस में काटने के लिए) की क़ीमत लगभग 20 हज़ार रुपए से शुरू. * तलने के लिए मशीन 10 हज़ार रुपए से शुरू. * पैकिंग के लिए मशीन 2 हज़ार रुपए से शुरू. * इस तरह कुल ख़र्च होगा, क़रीब 52 हज़ार रुपए. आपको रोज़ाना कितने वेफर्स का उत्पादन करना है, उसकी क्षमतानुसार आप मशीन ले सकते हैं. ब्रांड और क्षमता के अनुसार मशीनों की क़ीमत में थोड़ा-बहुत फ़र्क़ हो सकता है. आप अपनी आर्थिक क्षमतानुसार मशीनें ख़रीदने का निर्णय लें.कुल ख़र्च
स्थान
* वेफर्स तैयार करने के लिए वैसे आपको अलग से जगह लेने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि इसे आप घर पर ही शुरू कर सकते हैं. * यह बिज़नेस शुरू करने के लिए आपको 250 से 300 स्न्वैर फुट के जगह की ज़रूरत होती है. * किराया: अगर आपके घर में बिज़नेस करना मुमकिन नहीं, तो आप किराए पर जगह ले सकते हैं. अपनी क्षमतानुसार किरायेवाली जगह लें. * बिजली का बिल- लगभग 1 हज़ार रुपए. * अन्य ख़र्च- लगभग 1 हज़ार रुपए. * प्रशासकीय ख़र्च- लगभग 2 हज़ार रुपए (किराया छोड़कर).कर्मचारी
रोज़ाना 30 किलो वेफर्स बनाने के लिए आपको क़रीब 5 कर्मचारियों की ज़रूरत पड़ेगी. * हर एक कर्मचारी को रोज़ाना 200 रुपए के अनुसार दिन के. * 200×5=1000 देने होंगे, तो एक महीने यानि 25 वर्किंग डे का वेतन 1000×25= 25000 रुपए होगा.कच्चा माल
पोटैटो वेफर्स बनाने के लिए कच्चे माल के तौर पर आपको आलू, नमक और तेल की ज़रूरत होगी. इसके अलावा अगर आपको वेफर्स में फ्लेवर्स ऐड करने हैं, तो उसकी व्यवस्था करनी होगी. आप यह कच्चा माल नज़दीकी किराने की दुकान से ख़रीद रहे हैं या फिर सब्ज़ी मंडी से, उससे भी आपकी लागत पर फ़र्क़ पड़ता है. आप चाहें तो ये सारा कच्चा माल ऑनलाइन भी ख़रीद सकते हैं.यह भी पढ़ें: लघु उद्योग- चॉकलेट मेकिंग- छोटा इन्वेस्टमेंट बड़ा फायदा (Small Scale Industry- Chocolate Making- Small Investment Big Returns)
उत्पादन और क़ीमत (प्रतिदिन)
प्रतिदिन वेफर्स का उत्पादन 30 किलो होलसेल में 50 ग्राम वेफर्स की क़ीमत 15 रुपए 50 ग्राम वेफर्स की एमआरपी 20 रुपए फुटकर व्यापार करनेवाले को होलसेल विक्रेता को मिलनेवाला प्रॉफिट 5 रुपएआवश्यक कच्चा माल (प्रतिदिन)
आलू 20 किलो × क़ीमत 30 रुपए (1 किलो का दाम) 600 रुपए नमक 1 किलो × क़ीमत 30 रुपए (1 किलो का दाम) 30 रुपए तेल 10 लीटर × क़ीमत 100 रुपए 1000 रुपए प्रतिलीटर पेपर बैग्स 3 × क़ीमत 20 रुपए 60 रुपए (1 पेपर बैग की क्षमता 10 किलो) कुल ख़र्च 1690 रुपएजमा ख़र्च
हर महीने का कुल मिलाकर ख़र्च 69,250 रुपए (तक़रीबन 25 दिन) (42,250+25,000+2000) कच्चा मालः 42,250 रुपए (1690×25) कर्मचारी वेतनः 25,000 रुपए. प्रशासकीय ख़र्च 2000 रुपए. 25 दिनों में कुल उत्पादन (30 किलो×25) 750 किलो हर महीने वेफर्स की बिक्री से होनेवाला लाभ क़ीमत रुपए 300×750 2,25,000 रुपए 1 किलो वेफर की होलसेल क़ीमत: 300 रुपए हर महीने का प्रॉफिट 1,55,750 रुपए (रुपए 2,25,000-69,250) 1 साल का प्रॉफिट (रुपए1,55,750×12) 18,69,000 रुपएयह भी पढ़ें: लघु उद्योग- कैंडल मेकिंग: रौशन करें करियर (Small Scale Industries- Can You Make A Career In Candle-Making?)
ये बातें याद रखें
* पोटैटो वेफर्स का उद्योग शुरू करने के लिए उत्पादन की क्वालिटी पर ध्यान देना सबसे ज़रूरी है. * पोटैटो वेफर्स लोग बड़े चाव से खाते हैं, लेकिन वो ख़राब भी जल्दी होते हैं, इसलिए इस बात का ख़ास ध्यान रखें. * बेहतरीन क्वालिटी का पोटैटो वेफर्स बनाने के लिए आलू अच्छी क्वालिटी के होने ज़रूरी हैं, इसलिए आलू ख़रीदते समय ध्यान रखें कि आलू अच्छे हों, कटे-फटे या ख़राब न हों. * वेफर्स तलनेवाली मशीन का इस्तेमाल करते समय स्टैंडर्ड तापमान बनाए रखें, वरना वेफर्स जल सकते हैं. * इसे पैक करने के लिए सही पैकिंग का इस्तेमाल करें, वरना वो नरम हो सकते हैं या फिर उनमें चींटी लग सकती है. * लोगों को साफ़-सुथरे और अच्छी तरह से पैक किए गए पैकेट्स पसंद आते हैं, जो देखने में भी अट्रैक्टिव हों, तो आप भी इस बात का ध्यान रखें.पोटैटो वेफर्स की पैकिंग
अच्छी क्वालिटी के वेफर्स तैयार करते समय जिस तरह आपने सभी बातों का ध्यान रखा, उसी तरह उसकी पैकेजिंग पर भी विशेष ध्यान देना होगा. * वेफर्स की पैकिंग इस बात पर निर्भर करती है कि आप उसे किस मार्केट में बेचेंगे, क्योंकि होलसेल और रिटेल की पैकेजिंग अलग-अलग तरह से की जाती है. * अगर आप लोकल मार्केट में उसे बेचनेवाले हैं, तो लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए, छोटे-छोटे पैकेट्स बनाएं. * डिमांड को ध्यान में रखते हुए आप उसकी पैकेजिंग में बदलाव ला सकते हैं. * अपने वेफर्स को कोई अच्छा-सा नाम देकर आप अपना ब्रांड क्रिएट कर सकते हैं.उत्पादन की बिक्री
वेफर्स तैयार होने और अच्छी पैकिंग होने के बाद जो सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है वो है, प्रोडक्ट की बिक्री. जितनी अच्छी ब्रिकी होगी, बिज़नेस भी उतना ही अच्छा होगा, इसलिए इस ओर ध्यान रखें. * वेफर्स की मार्केटिंग के लिए आपको ख़ुद मेहनत करनी होगी. मार्केट में अपने ब्रांड की पहचान के लिए आपको ख़ुद पब्लिसिटी करनी होगी. * पोटैटो वेफर्स सभी जगह बिक जाते हैं, छोटे-बड़े मार्केट, दुकान सभी जगह आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग कर सकते हैं. * अपने आस-पास की छोटी-छोटी दुकानों पर भी आप अपने प्रोडक्ट को रखने के लिए बात कर सकते हैं. * न्यूज़पेपर, टीवी और वेबसाइट का सहारा ले सकते हैं. * फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें.संपर्क
पोटैटो वेफर्स का उद्योग शुरू करने के लिए लगनेवाला कच्चा माल, मशीनें और इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए स्थानों पर संपर्क करें- टूल्स एंड मशीनरी स्टोर्स बी.आर.बी. बासू रोड, कोलकाता, पश्चिम बंगाल. संपर्क: 09831024094 वेबसाइट: www.indiamart.com/toolsmachinery हरि ओम इंडस्ट्रीज़ वावड़ी, राजकोट, गुजरात. संपर्क: 9428264944 वेबसाइट: www.hariomindfood.com स्किल लाइफ इंडस्ट्रीज़ नांगलोई, दिल्ली. संपर्क: 08048698282 एस.एस. इक्विपमेंट चिखलठाणा, औरंगाबाद, महाराष्ट्र. संपर्क: 9422202772 वेबसाइट: www.ssequipment.net पोटैटो वेफर्स बनाने के लिए ज़रूरी सामग्री ऑनलाइन भी उपलब्ध है. इसके लिए आप इन वेबसाइट्स की मदद ले सकते हैं. www. amazon.com www.flipkart.com www.indiamart.com www.snapdeal.com कर्ज़/लोन व्यवसाय कोई भी हो, पूंजी की आवश्यकता होती ही है. इस पूंजी पर ही आपका नफ़ा या नुक़सान निर्भर करता है. यदि पूंजी न हो, तो आप बैंक से लोन भी ले सकते हैं. हर एक बैंक की ब्याज़ दर अलग-अलग होती है. उसे भी जान लेना ज़रूरी है. * सरकार भी लघु उद्योगों के लिए मदद करती है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत ऋण तथा विशेष सहूलियतें भी दी गई हैं. यदि इस योजना का लाभ लेना है, तो यहां संपर्क करें- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना वेबसाइट टोल फ्री नंबरः 1800 180 1111 और 1800 110 001 वेबसाइटः www.mudra.org.in ईमेलः helpmudra.org.in- श्रद्धा भालेराव
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