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जब पेट में बनता है एसिड, तो क्या खाएं, क्या नहीं? (What to Eat When You Have an Acidic Stomach)
आजकल लोग स्वाद पाने के लालच में सेहत को नज़रअंदाज़ करने लगे हैं और घर के बने हेल्दी खाने की बजाय बाहर की तली-भुनी, मसालेदार और फास्ट फूड जैसी चीज़ों को प्राथमिकता देने लगे हैं. इसके विपरीत कई लोग ऐसे भी हैं जो इन चीज़ों को जमकर खाने के बाद डायटिंग करने लग जाते हैं, ताकि मोटापा उन पर हावी न हो सके. इसका नतीजा यह होता है कि पेट में अचानक से एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है और अम्लपित्त यानी एसिडिटी के अलावा कई समस्याएं हो जाती हैं. चलिए नज़र डालते हैं इससे होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं पर.
पेट फूलना
पेट में जब एसिड की मात्रा बढ़ जाती है तो पेट फूलने की समस्या होने लगती है. अगर आपको बार-बार ऐसा महसूस होने लगे कि आपके पेट में गैस बन रही है या आपका पेट फूल रहा है तो इसका सीधा अर्थ ये है कि आपके पेट में एसिड की मात्रा बढ़ गई है. इस स्थिति में आपको ठंडी चीज़ें खानी चाहिए.
एसिड रिफ्लक्स
ज़्यादा देर तक ख़ाली पेट रहने से एसिड रिफ्लक्स की समस्या होती है. दरअसल, जब देर तक पेट ख़ाली रहता है तो एन्ज़ाइम्स और एसिड पेट के खाने को हज़म नहीं होने देते हैं और एसिड बनने लगता है. ऐसे में लोअर इसोफेगल स्पिंचर (एलईएस) ठीक से काम नहीं करता और पेट के ऊपरी भाग में तेज़ जलन महसूस होती है.
डकार आना
आपने भी कभी न कभी अपने आस-पास कुछ लोगों को बार-बार डकार लेते हुए देखा होगा. दरअसल, जिन लोगों की आहार नलिका व पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है और सीने में जलन की शिकायत होती है, तब उन्हें डकार आने लगती है.
पेट का अल्सर
पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने पर आपको पेट का अल्सर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. पेट में अल्सर होना स़िर्फ तकलीफ़देह ही नहीं, बल्कि बेहद ख़तरनाक भी साबित हो सकता है. इस समस्या का पता चलते ही इसका इलाज कराना चाहिए, अन्यथा यह आंतों में कैंसर के ख़तरे को बढ़ा सकता है.
हार्टबर्न
पेट में एसिड की मात्रा बढ़ जाने पर हार्टबर्न की समस्या होने लगती है. हार्टबर्न होने पर सीने के निचले हिस्से में जलन, पेट व सीने में दर्द और गैस की शिक़ायत हो सकती है. अगर आप घर का खाना कम और बाहर का ज़्यादा खाते हैं तो आपको यह समस्या हो सकती है.
क्या खाएं?
अगर आप भी इस तरह की किसी समस्या से पीड़ित हैं तो आपको अपने खान-पान की आदतों में सुधार लाने की आवश्यकता है. हर 2-3 घंटे में कुछ न कुछ हेल्दी खाएं, ताकि पेट में एसिड की मात्रा बढ़ने न पाए.
हरी सब्ज़ियां - अपने आहार में गाजर, पत्तागोभी, शिमला मिर्च और हरी पत्तेदार सब्ज़ियों को शामिल करें. बेहतर होगा कि इन्हें अधिक तेल-मसाले में पकाने की बजाय उबाल कर खाएं.
डेयरी प्रोडक्ट्स - गाय का दूध, घी, कॉटेज चीज़, बकरी का दूध, दही जैसे डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करें. इनके सेवन से सेहत ठीक रहती है और एसिड की समस्या भी नहीं होती है.
फ्रेश फ्रूट्स - ताज़े-रसीले फलों को अपने आहार में शामिल करें. फलों के सेवन से पेट में एसिड की मात्रा नहीं बढ़ती और पेट से जुड़ी कोई समस्या भी नहीं होती है.
अनाज और फलियां - अनाज में फाइबर होता है और हाई फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को खाने से पेट में बढ़ा हुआ एसिड कम होने लगता है. इसके अलावा फलियां, जैसे-ब्लैक बीन्स, काबुली चना, राजमा, मूंग और सोयाबीन्स आदि का सेवन करें.
क्या न खाएं?
रेड मीट - अगर आपको एसिड रिफ्लक्स की समस्या है तो रेड मीट खाने से बचें, अन्यथा पेट में एसिड की मात्रा बढ़ सकती है.
कॉफी - कॉफी में मौजूद कैफीन पेट में एसिड को बढ़ाने का काम करता है, इसलिए बेहतर यही होगा कि इसका सेवन कम से कम करें.
प्रोसेस्ड मीट - इस तरह के खाद्य पदार्थ पाचन तंत्र के लिए ख़राब होते हैं, ख़ासकर उन लोगों के लिए जिन्हें एसिड रिफ्लक्स की समस्या है.
मसाले - स्पाइसी मसालों का सेवन करने से एसिड की समस्या बढ़ सकती है और यह गैस्ट्रिक म्युकोसा के लिए भी उलझन पैदा कर सकता है.
तली - भुनी चीज़ें- इस तरह के खाद्य पदार्थों के सेवन से पेट से जुड़ी समस्याओं के बढ़ने की संभावना होती है और एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत होने लगती है.
रिफाइंड आटा - प्रोसेस्ड ब्रेड व बेकरी प्रोडक्ट्स में रिफाइंड फ्लोरस्कैन होता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुक़सानदेह है. इसके सेवन से पेट में अल्सर और गैस्ट्राइटिस होने का ख़तरा होता है.
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