मल्टी टास्किंग के १० ख़तरे महिलाओं के लिए हैं हानिकारक (10 Risks of Multitasking Every Woman Must Know)
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मल्टी टास्किंग के १० ख़तरे महिलाओं के लिए हानिकारक हैं. मल्टी टास्किंग महिलाओं का ख़ास गुण माना जाता है, लेकिन एक साथ बहुत सारे काम करने से कई बार उनकी हेल्थ, पर्सनल लाइफ, सोशल लाइफ पर बुरा असर पड़ने लगता है. कितनी नुक़सानदायक हो सकती है मल्टी टास्किंग? आइए, जानते हैं.
1) मल्टी टास्किंग से शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ता है
आज की तेज़ रफ़्तार ज़िंदगी में मल्टी टास्किंग यानी एक साथ कई काम करना ज़रूरी हो गया है, लेकिन ऐसा करना ख़तरनाक भी हो सकता है. महिलाओं के लिए कहा जाता है कि वो बहुत आसानी से मल्टी टास्किंग कर लेती हैं, लेकिन ऐसा करना उनके शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के बहुत नुक़सानदायक हो सकता है.
2) मल्टी टास्किंग से काम की क्वालिटी पर असर पड़ता है
मल्टी टास्किंग का असर सबसे पहले काम की क्वालिटी पर पड़ता है. आप चाहे कितने ही क़ाबिल क्यों न हों, यदि आप एक साथ बहुत सारे काम करते हैं, तो आपके काम की क्वालिटी कम होगी हो. मल्टी टास्किंग करते समय आपका ध्यान सभी कामों पर रहता है, जिससे आप किसी भी काम को पूरी लगन से नहीं कर पाते. इससे काम तो पूरा हो जाता है, लेकिन वो उतना अच्छा नहीं हो पाता, जितना आप उसे कर सकते हैं.
3) मल्टी टास्किंग से काम में ग़लतियां अधिक होती हैं
फ्रांस में हुई एक रिसर्च के मुताबिक, जो लोग एक समय पर एक से अधिक काम करते हैं, वो अपने काम में अधिक ग़लतियां करते हैं. ऐसा होना स्वाभाविक है, क्योंकि मल्टी टास्किंग करते समय हम किसी एक काम पर फोकस नहीं कर पाते, जिसके कारण काम में ग़लतियां छूट जाती हैं. कोई इंसान कितना भी अलर्ट क्यों न हो, यदि वो एक समय पर बहुत सारे काम करता है, तो उससे ग़लतियां छूटेंगी ही. कई बार काम में इतनी बड़ी ग़लती छूट जाती है कि बाद में उसे ठीक करना भी मुश्किल हो जाता है. ऐसा होने पर तनाव बढ़ जाता है, जिसका असर सेहत पर भी पड़ने लगता है.
4) मल्टी टास्किंग से काम की स्पीड (गति) कम हो जाती है
एक साथ बहुत सारे काम करने वाले लोग इस भ्रम में रहते हैं कि ऐसा करके वो समय बचा लेंगे, लेकिन असल में ऐसा होता नहीं है. जब आप एक साथ बहुत सारे काम करते हैं, तो आप किसी एक काम पर फोकस नहीं कर पाते, जिससे आपके काम की स्पीड स्लो हो जाती है. यदि आप एक-एक करके अपने सारे काम निपटाते जाएं, तो आपका काम भी अच्छा होगा और काम की स्पीड भी अच्छी होगी.
5) मल्टी टास्किंग से क्रिएटिविटी कम हो जाती है
जी हां, मल्टी टास्किंग का असर आपकी क्रिएटिविटी पर भी पड़ता है. जब आप एक समय पर एक से अधिक काम करते हैं, तो आपका पूरा ध्यान काम को निपटाने में लगा रहता है. उस समय आप ये नहीं सोच पाते कि इस काम को और रचनात्मक तरी़के से कैसे किया जाए. मल्टी टास्किंग से बहुत सारे काम निपट तो जाते हैं, लेकिन उनमें से कोई भी काम बेस्ट नहीं हो पाता. साथ ही आपको काम करने की संतुष्टि भी नहीं मिलती.
6) मल्टी टास्किंग से याददाश्त कमज़ोर होने लगती है
जब हम एक साथ बहुत सारे काम करते हैं, तो चीज़ों को भूलने लगते हैं, जिससे हमारी याददाश्त कमज़ोर होने लगती है. उम्र बढ़ने के साथ ये समस्या तेज़ी से बढ़ने लगती है. महिलाएं एक साथ बहुत सारे कामों की ज़िम्मेदारी ओढ़ तो लेती हैं, लेकिन ऐसा करते समय जब वो चीज़ों को भूलने लगती हैं, तो उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है. इससे उनका स्वास्थ्य तो प्रभावित होता ही है, उनके रिश्तों में भी तनाव बढ़ने लगता है.
7) मल्टी टास्किंग से तनाव बढ़ जाता है
एक साथ बहुत सारे काम करने से काम पर से फोकस तो बिगड़ता ही है, साथ ही काम समय पर पूरा करने का प्रेशर भी बना रहता है, जिससे तनाव बढ़ जाता है. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार, एक साथ बहुत सारे काम करने से दिल की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं, जिससे तनाव बढ़ जाता है. यही वजह है कि मल्टी टास्किंग करने वाले लोग अक्सर तनाव में रहते हैं.
8) मल्टी टास्किंग से मोटापा बढ़ने लगता है
आपको जानकर अजीब लग सकता है, लेकिन ये सच है. मल्टी टास्किंग करने वाले लोग अक्सर खाते समय भी काम करते रहते हैं, जिससे उन्हें ये पता नहीं चल पाता कि उन्होंने कितना खाना खाया है. इसके अलावा एक साथ अधिक काम करने से तनाव बढ़ता है और तनाव में भूख ज़्यादा लगता है, जिसके कारण व्यक्ति ज़रूरत से ज़्यादा खाता है और उसका मोटापा बढ़ने लगता है.
9) मल्टी टास्किंग का रिश्तों पर भी पड़ता है असर
जो लोग एक साथ बहुत सारे काम करते हैं, वो अपने काम में इतने बिज़ी रहते हैं कि अपने परिवार व क़रीबी रिश्तों के लिए भी टाइम नहीं निकाल पाते. इससे रिश्तों में तनाव और दूरियां बढ़ने लगती हैं. यही वजह है कि बहुत ज़्यादा काम करने वाले लोगों के लाइफ पार्टनर या परिवार के लोग उनसे ख़ुश नहीं रहते. ऐसे लोग अपनी पर्सनल या सोशल लाइफ के लिए टाइम नहीं निकाल पाते, जिससे उनके रिश्तों में तनाव बढ़ जाता है. ऐसे लोग आगे चलकर अकेलेपन के शिकार भी हो सकते हैं.
10) मल्टी टास्किंग की शिकार वर्किंग वुमन
एसोचैम के अध्ययन के अनुसार, 77% वर्किंग वुमन डिप्रेशन, मोटापा, डायबिटीज़, हार्ट और किडनी डिसीज़, पीठदर्द, हाइपरटेंशन जैसी लाइस्टाइल डिसीज़ की शिकार हैं. इस अध्ययन में 32 से 57 वर्ष की वर्किंग वुमन को शामिल किया गया था. एक्सपर्ट्स के अनुसार, वर्किंग वुमन घर और करियर दोनों जगह प्रेशर झेल रही हैं. करियर में उन्हें डेड लाइन का प्रेशर झेलना पड़ता है और घर में उन पर परिवार व बच्चों की ज़िम्मेदारी निभाने का दबाव रहता है. लगातर तनाव में रहने के कारण महिलाओं के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.
मल्टी टास्किंग से कैसे बचें?
मल्टी टास्किंग के प्रेशर से आप थोड़ी स्मार्टनेस से बच सकते हैं. मल्टी टास्किंग से बचने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय:
* टाइम मैनेजमेंट है बेस्ट उपाय
मल्टी टास्किंग के नुक़सान से बचने का सबसे आसान तरीफ़ा है टाइम मैनेजमेंट. यदि आप अपने सभी काम समय पर करें और हर काम के लिए निश्चित समय तय कर लें, तो आपको मल्टी टास्किंग की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. एक समय पर एक काम करके आप अपने काम की क्वालिटी, स्पीड और क्रिएटिविटी बढ़ा सकते हैं.
* दूसरों की हेल्प लें
महिलाएं अमूमन घर के सारे काम अपने सिर ओढ़ लेती हैं और बाद में काम के प्रेशर में चिढ़ने लगती हैं. इससे बचने के लिए घर के कुछ काम परिवार के अन्य सदस्यों में बांट लें. इससे आपके काम का प्रेशर भी कम हो जाएगा और आपको मदद भी मिल जाएगी.
* स्टेमिना बढ़ाएं
काम का प्रेशर झेलने के लिए स्टेमिना बढ़ाना ज़रूरी है. इसके लिए आप योग, मेडिटेशन, एक्सरसाइज़, डांस या किसी खेल का सहारा ले सकते हैं. फिज़िकल एक्टिविटी से स्टेमिना भी बढ़ता है और फोकस भी, इसलिए दिनभर में कुछ समय इसके लिए ज़रूर निकालें.
* झूठी तारीफ़ से बचें
महिलाओं को अक्सर मल्टी टास्कर, सुपर वुमन आदि का ख़िताब देकर उनसे ज़रूरत से ज़्यादा काम कराया जाता है. यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है, तो ऐसी झूठी तारीफ़ों के झांसे में न आएं. यदि आपके घर या ऑफिस में आपकी तारीफ़ करके आपसे ज़्यादा काम कराया जा रहा है, तो इससे ख़ुश होने के बजाय पहले ये देख लें कि आप उतना काम करने में सक्षम हैं या नहीं. यदि आपको लगता है कि ये काम आपके लिए ज़्यादा है तो साफ़ मना कर दें.
* ना कहना सीखें
कुछ लोगों को इसलिए भी ज़्यादा काम करना पड़ता है, क्योंकि वो किसी को किसी भी काम के लिए ना नहीं कह पाते. ऐसा करना ठीक नहीं है. किसी के काम आना या किसी की मदद करना अच्छी बात है, लेकिन उसके लिए अपनी सेहत को ख़तरे में डालना समझदारी नहीं है. आप जो काम नहीं कर सकते, उसके लिए ना कहना सीखें.
* अपने लिए व़क्त निकालें
हर व़क्त काम में डूबे रहने वाले लोगों की पर्सनल और सोशल लाइफ अच्छी नहीं रहती. वो लोगों से जल्दी घुल-मिल नहीं पाते, जिससे वो अक्सर अकेलेपन के शिकार हो जाते हैं. इससे बचने के लिए थोड़ा समय अपने लिए ज़रूर निकालें. इस समय में अपने शौक पूरे करें, परिवार के साथ समय बिताएं, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें, ऐसा करके आपको ज़रूर ख़ुशी मिलेगी.