तमाम एहतियात और शोर-शराबे के बावजूद महिलाओं के साथ अपराध और यौन शोषण की घटनाएं कम नहीं हो रहीं. लेकिन डर के साथ तो जीया नहीं जा सकता ना, ना ही दुर्घटना होने का इंतज़ार किया जा सकता है. इसलिए बेहतर होगा कि हर महिला अपनी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ख़ुद ले. हमेशा सतर्क रहे और हर स्थिति से लड़ने के लिए तैयार भी.
अलर्ट रहें- हमेशा अलर्ट रहें. ये सोचकर लापरवाह न बनी रहें कि मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता.
- अजनबी लोगों पर कभी भरोसा न करें. ऐसे लोगों के साथ ट्रैवल भी न करें. ये आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.
- जब भी अकेली हों, सावधान रहें. आपकी बॉडी लैंग्वेज और चाल में भी कॉन्फ़िडेंस होना चाहिए.
- रात में अकेले बाहर जाना रिस्की है, इसलिए हमेशा ग्रुप में ही बाहर जाएं.
- शॉर्टकट के चक्कर में सुनसान रास्ते पर जाने से बचें. यहां दुर्घटना होने का ख़तरा ज़्यादा होता है.
- अगर रात में लिफ्ट में जाना सेफ नहीं लग रहा, तो बेहतर है सीढ़ियों का ही इस्तेमाल करें.
- अगर आपको लगे कि कोई आपका पीछा कर रहा है, तो फ़ौरन रास्ता बदल दें. किसी भीड़भाड़वाले रास्ते पर मुड़ जाएं.
- किसी अजनबी से लिफ्ट लेना भी रिस्की हो सकता है. ऐसा न करें.
- रास्ते में मोबाइल पर बातें करते हुए या म्यूज़िक सुनते हुए न चलें. आपके आसपास कौन क्या बातें कर रहा है, उसके प्रति अलर्ट रहें.
- ख़ुद ही अपने को प्रोटेक्ट करें. भीड़ से बचने के लिए अपना बैग, बुक्स या फोल्डर को शील्ड के तौर पर इस्तेमाल करें.
- ज़्यादातर अपराधी अपराध करने के पहले कुछ दिनों या कुछ महीनों तक अपने टारगेट पर नज़र रखते हैं, ताकि उसका रूटीन जान सकें. इसलिए किसी भी अनहोनी से बचने के लिए बेहतर होगा कि अपना रूटीन थोड़े-थोड़े दिनों में बदलते रहें. स्कूल-कॉलेज जाने का रास्ता हो, जिम-ऑफिस का या फिर शॉपिंग का- हमेशा एक ही रास्ते पर न जाएं. थोड़े-थोड़े दिनों में अपना रूट और टाइम बदलती रहें.
- कभी-कभी अपने फ्रेंड्स या ग्रुप को भी साथ ले जाएं, ताकि किसी को ये न लगे कि आप अकेली हैं.
- अपना ट्रिप एडवांस में ही प्लान कर लें और जहां जा रही हैं, जिस होटल में रुक रही हैं, वहां की सेफ्टी के प्रति पूरी तरह आश्वस्त हो जाने के बाद ही ट्रिप फाइनल करें.
- आजकल कई टूऱिज़्म कंपनियां अकेली महिलाओं के लिए अलग से टूर पैकेज देती हैं, जिसमें उनकी सुरक्षा की एक्स्ट्रा केयर की जाती है. बेहतर होगा कि आप भी ऐसा ही कोई पैकेज लें.
- ट्रैवलिंग के दौरान किसी अजनबी या सहयात्री से अपना फोन नंबर या कोई और डिटेल शेयर न करें, भले ही आपकी उससे कितनी भी अच्छी दोस्ती क्यों न हो गई हो. ये कई बार रिस्की भी हो सकता है.
- हमेशा एक्स्ट्रा पैसे साथ में ज़रूर रखें. ये इमर्जेंसी में आपके बहुत काम आएंगे.
- इमर्जेंसी कॉन्टैक्ट नंबर्स की एक लिस्ट अपने पास रखें. मोबाइल फोन के अलावा इसे एक या दो जगह और नोट करके रखें, ताकि ज़रूरत पड़ने पर आप इसका इस्तेमाल कर सकें.
- बहुत ज़्यादा एडवेंचर के चक्कर में न पड़ें. रात में अकेले अनजान जगह पर घूमने का साहस न दिखाएं. जहां भी घूमना चाहती हैं, दिन में ही घूम लें. आपकी सेफ्टी के लिए ये ज़रूरी है.
- अगर कोई पिकअप करने आ रहा है या आपने कोई गाड़ी बुक की है, तो उसके पहुंचने तक इनडोर ही इंतज़ार करें. ऑफिस गेट से बाहर इंतज़ार न करें.
- सिक्योरिटी गार्ड से कहें कि वो सारी लाइट्स ऑन ही रखे.
- अगर कोई घूरते हुए या संदेहास्पद स्थिति में नज़र आए, तो फ़ौरन एक्शन लें. पर्स में पेपर स्प्रे भी साथ रखें.
- ऑफिस के किसी कलीग का बर्ताव भी ठीक न लगे, तो चुप बैठने की ग़लती न करें. तुरंत उसकी शिकायत टॉप ऑथोरिटीज़ से करें. ऐसा करके आप दूसरी महिलाओं की सेफ्टी भी सुनिश्चित कर सकेंगी.
- सबसे पहले परिवार के किसी सदस्य या फ्रेंड को बता दें कि आप कहां जा रही हैं और कब तक लौटेंगी.
- गाड़ी में बैठने से पहले ही टैक्सी ड्राइवर और टैक्सी के नंबर प्लेट की फोटो क्लिक कर लेें और उसे परिवार या फ्रेंड को भेज दें. ध्यान रखें कि ड्राइवर को पता चलना चाहिए कि आप ऐसा कर रही हैं.
- फोन पर ज़ोर से बात करते हुए बताएं कि आप कहां पहुंची हैं, कैसे ट्रैवल कर रही हैं आदि. इससे ड्राइवर आपको किसी भी तरह का कोई नुक़सान पहुंचाने की हिम्मत नहीं करेगा.
- जिस रास्ते से परिचित हों, ड्राइवर से वही रूट अपनाने को कहें. किसी शॉर्टकट के चक्कर में न पड़ें. अगर आपको रास्ता नहीं पता है तो किसी ऐप की सहायता लें. जीपीएस ऑन रखें. ये आपको एकदम सही रूट की ओर गाइड करेगा.
- अकेली रहने के लिए सबसे पहले तो जिस एरिया में घर लेने जा रही हैं या रह रही हैं, उसका सुरक्षित होना ज़रूरी है. अच्छी तरह तहक़ीक़ात करने के बाद ही घर फाइनल करें.
- ये भी सुनिश्चित कर लें कि आपकी सोसाइटी द्वारा अपॉइंट किए गए सिक्योरिटी गार्ड्स का बैकग्राउंड वगैरह चेक करने के बाद ही उन्हें अपॉइंट किया गया है या आपकी सोसाइटी ने लाइसेंस्ड सिक्योरिटी सर्विस की ही सेवा ली है.
- घर के कामों के लिए मेड रखते समय उसकी भी ठीक से जांच-पड़ताल कर लें और उससे संबंधित सारी जानकारी पुलिस में रजिस्टर कर दें.
- सेफ्टी डोर ज़रूर लगवाएं.
- किसी अजनबी को घर में न आने दें, ख़ासकर तब जब आप घर पर अकेली हों.
- पड़ोसियों से मधुर संबंध बनाकर रखें. कुछ इमर्जेंसी पड़ने पर सबसे पहले पड़ोसी ही सहायता के लिए पहुंचते हैं.
- सोसाइटी में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं. इसमें थोड़ा ख़र्च ज़रूर लगेगा, लेकिन आपकी सेफ्टी के लिए ये ज़रूरी है.
- सेल्फ डिफेंस यानी आत्मरक्षा के कुछ तरी़के सीख लें.
- किसी हमले की हालत में अटैकर की आंखों में उंगलियों से वार करें.
- हथेली का कप बनाकर कानों पर मारें या उसके घुटनों पर किक करें.
- कभी किसी के चेहरे पर मुक्के से न मारें. उसके दांतों से आप ख़ुद घायल हो सकती हैं. इसकी बजाय कुहनी का इस्तेमाल करें.
- इन ट्रिक्स को आज़माएंगी, तो आपको इतना टाइम मिल जाएगा कि आप वहां से बच निकलें.
- मोबाइल फोन हमेशा चार्ज रखें. किसी भी इमर्जेंसी की स्थिति में आप फोन करके सहायता मांग सकती हैं.
- कुछ इमर्जेंसी कॉन्टैक्ट को स्पीड डायल में सेव करके रखें, ताकि ज़रूरत पड़ने पर तुरंत फोन कर सकें.
- 100 नंबर पर कॉल करें. कई हेल्पलाइन भी ख़ास आपकी मदद के लिए बनाए गए हैं. इन्हें अपने मोबाइल में सेव करके रखें.
- क्या आप अपने साथ हमेशा पेपर स्प्रे, स्विस नाइफ या कोई और सेल्फ डिफेंस टूल कैरी करती हैं?
- क्या आपको कोई ऐसा वुमन हेल्पलाइन नंबर याद है या आपके फोन में सेव है, जिसका इमर्जेंसी के समय आप इस्तेमाल कर सकती हैं?
- क्या आपके मोबाइल फोन में कोई लेटेस्ट सेफ्टी ऐप इंस्टॉल है?
- आप अपने घर के दरवाज़े का लॉक हमेशा बदलती रहती हैं या आप बेहतर लॉकिंग सिस्टम लगाने की सोच रही हैं?
- घर में अकेली होने पर आप सेल्समैन, इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर या किसी अजनबी को घर में आने की इजाज़त नहीं देतीं.
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