मानवाधिकार में बनाएं करियर (Career Option In Human Rights)
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मानवाधिकार के क्षेत्र को आज भी समाजसेवा से जोड़कर देखा जाता है, पर अब यह महज़ समाजसेवा नहीं रह गया है, बल्कि एक करियर के रूप में उभरकर सामने आया है. शिक्षित युवाओं के अलावा दूसरे कई और प्रोफेशनल्स के लिए भी इस क्षेत्र में कई अवसर उपलब्ध हैं. क्या हैं मानवाधिकार?
ह्युमन राइट्स यानी मानवीय अधिकार मनुष्य के अस्तित्व से जुड़ा एक अभिन्न अंग है. ऐसा माना जाता है कि जन्म के साथ ही हमें कुछ अधिकार प्रकृति द्वारा ख़ुद-ब-ख़ुद मिल जाते हैं, जिन्हें हमसे कोई नहीं छीन सकता. हमारे इन मानवीय अधिकारों में प्रमुख हैं- सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करने का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार तथा समानता व सामाजिक न्याय का अधिकार. मानवता के विकास के साथ-साथ मानवाधिकारों का भी विकास हुआ है. मानवाधिकार की जानकारी न स़िर्फ आपको अपना हक़ दिलाती है, बल्कि एक अच्छा रोज़गार भी दिला सकती है. पिछले दो दशकों में मानवाधिकार के क्षेत्र में काफ़ी प्रगति हुई है. जहां एक ओर लोग अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुए हैं, वहीं रोज़गार के क्षेत्र में इसे एक नई विधा के रूप में काफ़ी अहमियत भी मिली है.
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के नोडल सेंटर ऑफ एक्सलेंस फॉर ह्युमन राइट्स एजुकेशन के चेयरपर्सन प्रो. अरविंद तिवारी के अनुसार, फिलहाल हमारे देश में ह्युमन राइट्स एक सप्लीमेंट्री करियर के तौर पर ही ज़्यादा प्रचलित है. इसका कारण है सरकारी संस्थानों का इस क्षेत्र को गंभीरता से न लेना. सरकारी नौकरियों के लिए निकलनेवाले विज्ञापनों में कहीं भी ह्युमन राइट्स का विशेषतौर पर ज़िक्र नहीं किया जाता. मानवाधिकार में करियर को बढ़ावा देने के लिए सरकार को अपनी रिक्रूटमेंट पॉलिसीज़ में बदलाव करने की ज़रूरत है. इसमें करियर को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक व ग़ैर सरकारी संस्थाओं को मिलकर सरकार से इस विषय पर नए नियम बनाने की मांग करनी चाहिए. सरकार को इस क्षेत्र में नए-नए अवसर प्रदान करने चाहिए, ताकि ज़्यादा से ज़्यादा युवा इस क्षेत्र में आकर मानवाधिकारों को एक नया आयाम दें.
काम का स्वरूप
मानवाधिकार के क्षेत्र में कई तरह के प्रोफेशनल्स के लिए रोज़गार की अच्छी संभावनाएं हैं. इस क्षेत्र में बेशक बहुत-सी संभावनाएं हैं, पर मुश्किलें भी कम नहीं हैं. मानवीय अधिकारों के उल्लंघन से बचाव व इससे जुड़े अपराधों की पूरी तरह रोकथाम के लिए रिसर्च, मानवाधिकारों के विकास पर निगरानी रखना, साइट पर जाकर मामले की जांच-पड़ताल करना, केस स्टडीज़ लिखना और रिपोर्ट्स तैयार करना, मानवाधिकारों की वकालत करना व पीड़ितों के लिए मुक़दमा लड़ना, मानवाधिकारों का प्रचार-प्रसार करना आदि काम इस क्षेत्र में करने पड़ते हैं.
क्या बन सकते हैं?
इस क्षेत्र में आप बतौर ह्युमन राइट्स एक्टिविस्ट, ह्युमन राइट्स डिफेंडर, ह्युमन राइट्स एनालिस्ट, ह्युमन राइट्स प्रोफेशनल, ह्युमन राइट्स रिसर्चर, ह्युमन राइट्स प्रोग्रामर, ह्युमन राइट्स एडवोकेट, ह्युमन राइट्स टीचर, ह्युमन राइट्स वर्कर, ह्युमन राइट्स कंसल्टेंट, ह्युमन राइट्स कैम्पेनर, ह्युमन राइट्स फंडरेज़र, ह्युमन राइट्स मैनेजर आदि का काम कर सकते हैं. इन सब में से फिलहाल लोगों को एक्टिविस्ट और रिसर्चर के बारे में ही मालूम है.
रोज़गार के अवसर
ख़ासकर युवाओं के लिए इस क्षेत्र में कई अच्छे अवसर उपलब्ध हैं. मानवाधिकार में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करके आप इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं. आज देश-विदेश में कई सरकारी-ग़ैरसरकारी, समाजसेवी व अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं इस क्षेत्र में अग्रसर होकर काम कर रही हैं. आप चाहें, तो सरकारी संस्थानों, जैसे- नेशनल ह्युमन राइट्स कमीशन, स्टेट ह्युमन राइट्स कमीशन, ह्युमन राइट्स ट्राइब्युनल्स आदि से जुड़कर काम कर सकते हैं. कई ग़ैरसरकारी संस्थाए, जो विकलांगों, बेघर लोगों, अनाथों, बुज़ुर्गों, पीड़ित महिलाओं, शोषित बच्चों, कैदियों आदि की बेहतरी के लिए काम करती हैं, उनसे जुड़कर आप अपने करियर को एक नया मुक़ाम देने के साथ-साथ लोगों की मदद भी कर सकते हैं. इसके अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं, जैसे- एमनेस्टी इंटरनेशनल, क्राई, ह्युमन राइट्स वॉच, कॉमनवेल्थ ह्युमन राइट्स इनिशिएटिव, एशियन सेंटर फॉर ह्युमन राइट्स, साउथ एशियन ह्युमन राइट्स डॉक्युमेंटेशन्स सेंटर, पीयूसीएल, पीयूडीआर जैसे संस्थान मुख्य हैं. इनके अलावा संयुक्त राष्ट्र की कई एजेंसियां, जैसे- यूएनडीपी, यूएनडीईएसए (यूएन डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्सएंड सोशल अफेयर्स), वर्ल्ड बैंक, यूनिसेफ, यूनेस्को, एफएओ (फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइज़ेशन), यूएनईपी (यूनाइटेड नेशन्स एनवॉयरमेंट प्रोग्राम), आईएमएफ, आईएलओ में भी काम की बेशुमार संभावनाएं हैं.
शैक्षणिक योग्यता व प्रवेश
मानवाधिकार में डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करके आप इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं. आजकल कई यूनिवर्सिटी, कॉलेज व इंस्टीट्यूट्स ह्युमन राइट्स में 3 साल का डिग्री कोर्स कंडक्ट करते हैं, जो 12वीं के बाद किया जा सकता है. इसके अलावा ज़्यादातर यूनिवर्सिटीज़ में पोस्ट-ग्रैजुएट कोर्सेस व डिप्लोमा कोर्स भी उपलब्ध हैं, जिसके लिए आपको किसी भी क्षेत्र में ग्रैजुएट होना ज़रूरी है.
अन्य योग्यताएं
शैक्षणिक योग्यताओं के अलावा ऐसी कई योग्यताएं हैं, जो इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए ज़रूरी हैं. ये योग्ताएं हैं- बेहतर लेखन क्षमता, क़ानून की अच्छी समझ, मैनेजमेंट की जानकारी, बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स, रिसर्च स्किल्स, इंटरव्यू स्किल्स, डॉक्युमेंटेशन स्किल्स, टीमवर्क स्किल्स, नेटवर्किंग स्किल्स, रिपोर्टिंग स्किल्स, फंडरेज़िंग स्किल्स, क्राइसिस रिस्पॉन्स स्किल्स आदि. अगर आपको लगता है कि ये सारी स्किल्स आपमें हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है.
वेतन
मानवाधिकार के क्षेत्र में वेतन कितना मिलेगा, यह इस पर निर्भर करता है कि आप सरकारी, ग़ैरसरकारी, समाजसेवी, अंतर्राष्ट्रीय संस्था, कॉर्पोरेट हाउस में हैं और भारत में हैं या विदेश में. इसके अलावा आपकी जॉब परमानेंट, टेम्पररी, एड हॉक या असाइन्मेंट बेस है, इस पर भी निर्भर करती है.
प्रमुख संस्थानडिग्री कोर्स
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ़- 202 002, उत्तर प्रदेश, फोन: (0571)- 2700920, 2400921, 2700922,2700923, वेबसाइट: http://www.amu.ac.in